अमरनाथ यात्रा में केवल आतंकी ही नहीं मौसम भी बन सकता है विलेन
By सुरेश एस डुग्गर | Published: June 27, 2022 04:38 PM2022-06-27T16:38:05+5:302022-06-27T16:49:03+5:30
अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर मौसम की स्थिति पर बात करते हुए श्रीनगर स्थित मौसम विज्ञान केंद्र की निदेशक सोनम लोटस ने कहा कि जम्मू कश्मीर में मानूसन तीस जून या फिर जुलाई के पहले सप्ताह में दस्तक दे देगा, जिसके फलस्वरूप सामान्य से भारी बारिश का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा और इस कारण दर्शनार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
जम्मू: अगर मौसम विभाग की मानें तो इस बार अमरनाथ यात्रा में मौसम भी विलेन बन सकता है। अमरनाथ यात्रा व मानसून के साथ-साथ चलने से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात को बहाल रखना भी प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती रहेगी।
मौसम विज्ञान केंद्र, श्रीनगर के निदेशक सोनम लोटस का कहना है कि जम्मू कश्मीर में मानूसन तीस जून या फिर जुलाई के पहले सप्ताह में दस्तक देगा। ऐसे में सामान्य से भारी बारिश का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा।
हाल ही में हुई प्री-मानसून वर्षा ने जिस तरह जम्मू-श्रीनगर हाईवे को ढाई दिनों तक के लिए बाधित किया है, उससे यह तो साफ है कि मानसून के साथ ही शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा न तो निर्माण व अन्य एजेंसियों के लिए आसान होगी और न ही अमरनाथ यात्रियों के लिए।
रामबन जिला में रामबन से बनिहाल के बीच के 45 किलोमीटर अमरनाथ यात्रियों के साथ प्रशासन, पुलिस और निर्माण एजेंसियों सहित सबके लिए सबसे ज्यादा चुनौती भरे होंगे।
एक ही दिन की बारिश हाईवे का ऐसा हाल कर सकती है तो मानसून के दौरान क्या हाल होगा, इसकी कल्पना की जा सकती है। वैसे भी यात्रा के साथ ही मानसून भी शुरु हो रहा है और शुरु होने के साथ अच्छी वर्षा का पूर्वानुमान जताया जा रहा है। हाइवे के स्थिति को देखते हुए यह चुनौती, चिंता और परेशानी का विषय है।
रामबन के डीसी मस्सरत इसलाम ने कहा जिला में तकरीबन 66 किलोमीटर यात्रा मार्ग स्थित है। मगर जिला प्रशासन अमरनाथ यात्रा के सुचारु संचालन के लिए सभी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है।
हाल ही में हुई बारिश से जिन इलाकों में हाईवे बंद हुआ वहां पर हुई समस्या के मुताबिक निर्माण एजेंसी व अन्य एजेंसियों को सुरक्षात्मक उपाय करने को कहा गया है, जिससे की हाईवे को सुचारू रखा जा सके। जिला प्रशासन और निर्माण व अन्य एजेंसियां हाईवे को खुला रखने के लिए पूरी तरह से सक्षम और तैयार है।
हालांकि इस विलेन से निपटने को लखनपुर से लेकर कश्मीर में आधार शिविरों में 1.30 लाख अमरनाथ यात्रियों को रोकने के प्रबंध किए गए हैं। इसमें कश्मीर के आधार शिविरों को छोड़कर अनंतनाग जिले में आठ हजार, जम्मू में यात्री निवास में 1600-1800, कठुआ में पांच हजार, सांबा में आठ हजार यात्रियों के ठहरने के प्रबंध किए गए हैं।
30 जून से हो रही अमरनाथ यात्रा के लिए आधार कैंपों में टेंट सिटी बनकर तैयार है। मौसम खराब होने की स्थिति में आधार शिविरों में तीन दिन की यात्रा रोकी जा सकेगी। यानी तीन दिन की यात्रा से जुड़े श्रद्धालुओं को रहने, खाने-पीने में किसी प्रकार की दिक्कत सामने नहीं आएगी। पूरे श्राइन क्षेत्र में 70 हजार से अधिक यात्रियों के ठहरने का प्रबंध किया गया है।