#KuchhPositiveKarteHain: सिर्फ संस्कृति ही नहीं लोगों की जिंदगी भी बचा रही है 'ओखाई'

By भारती द्विवेदी | Published: August 4, 2018 03:49 PM2018-08-04T15:49:36+5:302018-08-04T15:57:27+5:30

'ओखाई ब्रांड' हैंडीक्राफ्ट को हर घर तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा है और उनके इस कोशिश को सफल बनाने में साथ दे रही हैं रबारी जनजाति की 200 महिलाएं।

Not only culture, okhai handicrafts is saving lives in gujrat | #KuchhPositiveKarteHain: सिर्फ संस्कृति ही नहीं लोगों की जिंदगी भी बचा रही है 'ओखाई'

#KuchhPositiveKarteHain: सिर्फ संस्कृति ही नहीं लोगों की जिंदगी भी बचा रही है 'ओखाई'

भारत विविधताओं का देश है। विश्व पटल पर भारत की कई पहचान है, उनमें एक पहचान यहां की संस्कृति भी है। यहां हर एक राज्य की अपनी संस्कृति और पहचान है। यहां के हर राज्य में आप एक अलग संस्कृति से रूबरू होते हैं। लेकिन धीरे-धीरे कर पुराने ट्रेडिशन, कल्चर, खान-पान सब-कुछ आधुनिकता की दौड़ में पीछे छूटता जा रहा है। लोग अपनी संस्कृति को भुलाकर आधुनिकता को धड़ल्ले से अपना रहे हैं।

भारत के पश्चिमी में बसा गुजरात। ये राज्य भी अपनी कल्चर, डांस, खाना, कपड़े और बहुत सारी चीजों के लिए मशहूर है। टाटा केमिकल सोसाइटी फॉर रूरल डेवलपमेंट (TCSRD) ने एक शानदार पहल करते हुए यहां के हैंडीक्राफ्ट को लोगों तक पहुंचाने, उसकी गुम होती पहचान को बचाने की कोशिश कर रहा। साथ ही कोशिश कर रहा कुछ परिवार की जिंदगी को भी संवारने की। टाटा ने ओखामंडल तालुका में कम से कम 200 सेल्फ हेल्प ग्रुप (सहायता समूह) बनाए हैं। इसके सेल्फ हेल्प ग्रुप के अंदर मुख्य रूप से रबारी, वाघर और अहीर जातियों के महिला-पुरुष को शामिल हैं। ओखामंडल तालुका में काम से कम 200 स्वयं सेवी संगठन काम करते हैं। रबारी, वघेर और अहीर जातियां ओखामंडल के स्वयं सेवी संगठनों में मुख्यतः हैं।

इनमें से रबारी सबसे ज्यादा संख्या में हैं। टीसीएसआरडी के इन संगठनों के काम को 'ओखाई' ब्रांड से जाना जाता है। टीसीएसआरडी केंद्र प्रशिक्षित टेलर की मदद से ओखमांडल के कई गांवों की लगभग 200 रबारी महिलाओं के प्रशिक्षित करवाता है। रबारी जाति अर्ध घुमंतू जाति होती हैं, जो कि गुजरात और राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके में रहते है। वो भेड़ चराने जैसे काम करते है जो कछ और सौराष्ट्र के इलाके में महत्वपूर्ण है। लेकिन टाटा की एक कोशिश की वजह से रबारी समाज के लोग एक अच्छी और खुशहाल जीवन जी रहे हैं और अपनी जिंदगी को संवारने के पीछे इनकी जबरदस्त कारीगरी है। टाटा ने इन्हें बस के जरिए दिया है, जिसकी मदद से वो दुनिया को लोगों तक अपना काम, अपना हुनर पहुंचा रहे हैं। 

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Web Title: Not only culture, okhai handicrafts is saving lives in gujrat

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