चिदंबरम ही नहीं, कांग्रेस के इन दिग्गज नेताओं पर भी है कस चुका है सीबीआई का शिकंजा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 22, 2019 11:51 AM2019-08-22T11:51:58+5:302019-08-22T11:56:55+5:30
चिदंबरम की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस के कई अन्य दिग्गज नेताओं की जान भी सांसत में है। कांग्रेस के कई अन्य बड़े नेताओं पर भी सीबीआई का शिकंजा है। इस सूची में कुछ पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत कई बड़े कांग्रेसी नेता शामिल हैं।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया से संबंधित मामले में एक नाटकीय घटनाक्रम के बाद बुधवार रात को गिरफ्तार कर लिया। चिदंबरम अचानक कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे थे, जहां उन्होंने रात सवा आठ बजे मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने दावा किया कि वह कानून से ‘‘भाग’’ नहीं रहे हैं एवं उनके खिलाफ लगाए गए आरोप ‘‘झूठे’’ हैं। चिदंबरम की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस के कई अन्य दिग्गज नेताओं की जान भी सांसत में है। कांग्रेस के कई अन्य बड़े नेताओं पर भी सीबीआई का शिकंजा है। इस सूची में कुछ पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत कई बड़े कांग्रेसी नेता शामिल हैं।
रॉबर्ट वाड्रा
जमीन खरीद और शेल कंपनियों के जरिए विदेशों में (लंदन और दुबई में) संपत्ति खरीदने के मामले में रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ सीबीआई और ईडी जांच कर रही है। रॉबर्ट वाड्रा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद हैं। फिलहाल रॉबर्ट वाड्रा को सीबीआई की विशेष अदालत से अग्रिम जमानत मिली हुई है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा
सीबीआई ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं और जांच कर रही है। इस संबंध में इस साल जनवरी में दिल्ली-एनसीआर में 20 स्थानों पर छापेमारी की गई। उनके खिलाफ 2009 में गुड़गांव में भूमि आवंटन में हुई कथित अनियमितताओं को लेकर मामला दर्ज किया गया। आरोप हैं कि तत्कालीन हरियाणा सरकार की तरफ से 2009 में गुड़गांव में किए गए 1,417 एकड़ जमीन के अधिग्रहण में जबर्दस्त गड़बड़ियां हुई थीं।
वीरभद्र सिंह
सीबीआई ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया है। उनके खिलाफ जांच चल रही है और शिमला में उनके आवास सहित कई स्थानों पर छापेमारी की जा चुकी है। जांच एजेंसी सिंह तथा उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ केंद्रीय इस्पात मंत्री रहते हुए आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक 6.1 करोड़ रुपये की कथित संपत्ति अर्जित करने के आरोप में जांच कर रही है।
अहमद पटेल और रतुल पुरी
कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल पर अगस्ता वेस्टलैंड से कमीशन लेने के आरोपों की सीबीआई कर रही हैं। इस मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी भी फंसे हैं। अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में जारी गैर जमानती वारंट रद्द करने की अर्जी को राउज एवेन्यू कोर्ट नामंजूर कर चुका है। यह मामला अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से 36 अरब रुपए के 12 वीआईपी हेलिकॉप्टर ख़रीदने थे से जुड़ा है।
हरीश रावत
उत्तराखंड के दिग्गज कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी सीबीआई जांच की जद में है। उनके खिलाफ अप्रैल 2016 में सदन में फ्लोर टेस्ट से पहले बागी विधायकों को समर्थन के लिए घूस की पेशकश करने का आरोप है।
डीके शिवकुमार और डीके सुरेश
कांग्रेस के दिग्गज नेता और संकटमोचक माने जाने वाले डीके शिवकुमार के खिलाफ भी सीबीआई का शिकंजा है। उनके खिलाफ आरोप है कि रामनगर स्थित कॉर्पोरेशन बैंक के मुख्य प्रबंधक बी. प्रकाश ने कुछ अज्ञात लोगों के साथ मिलीभगत से 14 नवंबर 2016 को चलन से बाहर कर दिए गए 10 लाख रुपये के नोटों को नए नोटों से बदला था। प्रकाश और अन्य पर आरोप है कि उन्होंने जाली मांग पर्ची बनाकर इसे छिपाने की भी कोशिश की।
कार्ति चिदंबरम
तमिलनाडु के शिवगंगा से सांसद कार्ति फिलहाल जमानत पर हैं। उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय ने 23 मार्च 2018 को जमानत दी थी। सीबीआई ने 15 मई 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें मीडिया समूह को 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश हासिल करने के लिये अवैध तरीके से एफआईपीबी मंजूरी दिये जाने का आरोप लगाया गया था। उस वक्त चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे। इसके बाद ईडी ने भी कंपनी के संस्थापकों पीटर और इंद्राणी मुखर्जी और अन्य के खिलाफ धन शोधन कानून के तहत मामला दर्ज किया था। कार्ति को 28 फरवरी 2018 को सीबीआई ने ब्रिटेन से उनके लौटने के बाद गिरफ्तार किया था।
कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भी शिकंजे में
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी समेत कई नेता नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपी हैं। उनपर आरोप है कि कांग्रेस के पैसे से 1938 में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड नाम की कंपनी खड़ी की गई, जो नेशनल हेराल्ड, नवजीवन और क़ौमी आवाज़ नामक तीन अखबारों का संचालन करती थी। एक अप्रैल 2008 को सभी अखबार बंद हो गए। इसके बाद कांग्रेस ने 26 फरवरी 2011 को इसकी 90 करोड़ रुपये की देनदारियों को अपने जिम्मे ले लिया था।