राष्ट्रपति कोविंद ने 4 हस्तियों को किया राज्यसभा के लिए नामांकित, चार में दो का संघ से नाता
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: July 14, 2018 02:54 PM2018-07-14T14:54:29+5:302018-07-14T16:18:52+5:30
राकेश सिन्हा आरएसएस सरसंघचालक डॉ. हेडगेवार पर शोध कर चुके हैं और आरएसएस विचारक के तौर पर बहस-मुबाहिसों में शामिल होते हैं।
नई दिल्ली, 14 जुलाईः देश के राष्ट्रपति ने राज्यसभा के चार सदस्यों को नामांकित कर दिया है। इसको लेकर चर्चाएं तमाम थीं लेकिन अंततः उन सभी चर्चाओं को विराम मिला। राष्ट्रपति द्वारा निर्वाचित चार सदस्यों में दो सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हुए थे और बाकी के दो कला क्षेत्र से आते हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि इन निर्वाचित सदस्यों से सदन को क्या फायदा होता है और यह सदन में कितने सक्रीय रहते हैं?
राकेश सिन्हाः आरएसएस विचारक और हेडगेवार पर लिख चुके हैं किताब
निवार्चित सदस्यों की श्रृंखला में सबसे पहले आते हैं वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर और संघ विचारक राकेश सिन्हा। इन्होंने आरएसएस सरसंघचालक डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार पर शोध किया है और इसी पर अपनी किताब भी लिखी है। अक्सर टेलीविजन पर संघ का पक्ष रखने वाले वाले राकेश सिन्हा संघ विचारधारा से ही प्रभावित हैं। बिहार के बेगुसराय से ताल्लुक रखने वाले सिन्हा शुरुआत से शिक्षक रहे हैं और संघ के कार्यक्रमों में भी अक्सर देखे जाते हैं।
राम शकलः दलित नेता, बीजेपी की टिकट पर सांसद और संघ प्रचारक रह चुके हैं
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से आने वाले राम शकल दलित नेता माने जाते हैं। इन्होंने दलित, किसान और मजदूर वर्ग के लिए काफी काम किया है। तीन बार उत्तर प्रदेश के रॉबर्ट्सगंज से सांसद रह चुके राम शकल ने तहसील, जिला और राज्य स्तर पर समाज के वंचित वर्ग के लिए खूब काम किया है। इसके अलावा कृषि, पेट्रोलियम, श्रमिक और कल्याण से जुड़ी तमाम समितियों के सदस्य भी रह चुके हैं। राम शकल पूर्व में बीजेपी के सांसद और संघ से भी जुड़े रहे हैं।
रघुनाथ महापात्रः जगन्नाथ पुरी मंदिर में अहम योगदान, मूर्तिकार और शिल्पकार हैं
ओडिशा के जगन्नाथ पुरी मंदिर से जुड़े तमाम बड़े कार्यों के लिए जाने वाले रघुनाथ मूर्तिकार और शिल्पकार भी हैं। इन्हें पद्म श्री और पद्म भूषण भी मिल चुका है। रघुनाथ धार्मिक कार्यों की वजह से भी लोगों में जाने जाते हैं। इसके अलावा रघुनाथ ने साठ और सत्तर के दशक के बीच उड़ीसा सरकार में भी मूर्तिकला और शिल्पकला को काफी योगदान दिया।
सोनल मानसिंहः पद्म भूषण से सम्मानित हो चुकी हैं भारतनाट्यम नृत्यांगना
दूसरे निर्वाचित सदस्य है सोनल मानसिंह जिन्हें पद्म भूषण और पद्म विभूषण मिल चुका है। इसके अलावा भी मानसिंह को नृत्य के लिए ही तमाम और पुरस्कार मिल चुके हैं। नृत्य के अलावा मानसिंह प्रेरक भाषण भी करते हैं। कुछ सालों पहले उन्हें जी.बी.पन्त. विश्वविद्यालय उत्तराखंड से डॉक्टरेट की उपाधि मिली थी। शास्त्रीय अपना आधे से अधिक जीवन नृत्य को देने वाले मानसिंह की भूमिका राज्यसभा में देखने लायक होगी।
संगठन से जुड़े दो सदस्यों का निर्वाचन करके हर दल अपना एजेंडा सिद्ध करता रहा है। यहां दो सदस्यों के निर्वाचन में ठीक वैसा ही हुआ है। बाकी इनकी सदन में इनकी सक्रियता और भागीदारी से पर्दा तभी उठेगा जब सदन की कार्यवाही शुरू होगी। पिछले बार की बात की जाए तो सचिन तेंदुलकर और रेखा की भागीदारी संतोषजनक नहीं थी। उस लिहाज़ से सरकार के लिए इस निर्वाचन में यह बेहद ज़रूरी था कि ऐसे ही सदस्यों का चुनाव हो जिनकी मौजूदगी का लाभ सदन को भी मिले।