मायावती के आरोपों से तिलमिलाई योगी सरकार, भीम आर्मी चीफ की रिहाई पर देनी पड़ी ये सफाई

By भाषा | Published: September 23, 2018 03:46 PM2018-09-23T15:46:55+5:302018-09-23T16:05:38+5:30

बसपा अध्यक्ष मायावती ने पिछले दिनों प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि चंद्रशेखर को भाजपा की एक साजिश के तहत रिहा किया गया है।

No political Desire behind the release of the founder of Bhim Army says u p government | मायावती के आरोपों से तिलमिलाई योगी सरकार, भीम आर्मी चीफ की रिहाई पर देनी पड़ी ये सफाई

मायावती के आरोपों से तिलमिलाई योगी सरकार, भीम आर्मी चीफ की रिहाई पर देनी पड़ी ये सफाई

लखनऊ, 23 सितम्बर: बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती के उंगली उठाने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले साल सहारनपुर के शब्बीरपुर में हुई जातीय हिंसा के मामले गिरफ्तार किये गये ‘भीम आर्मी‘ के संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण को अचानक रिहा करने के पीछे किसी सियासी फायदे की मंशा से इनकार किया है।

प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने यहां ‘भाषा‘ से बातचीत में कहा कि भीम आर्मी के संस्थापक को इसलिये रिहा किया गया, क्योंकि सहारनपुर में अब हालात सामान्य हो चुके हैं। जब प्रशासन को यह महसूस होता है कि कोई व्यक्ति माहौल खराब कर सकता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। मगर आज सहारनपुर और उसके आसपास के जिलों के हालात सामान्य हैं। बसपा अध्यक्ष मायावती ने पिछले दिनों प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि चंद्रशेखर को भाजपा की एक साजिश के तहत रिहा किया गया है।

इस पर पाठक ने कहा कि भीम आर्मी प्रमुख की रिहाई के पीछे भाजपा की कोई साजिश या सियासी मंशा नहीं है। इसे चुनाव के नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिये। पाठक का यह बयान चंद्रशेखर के उस बयान के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने उन्हें रिहा करने का आदेश इसलिये दिया क्योंकि उसे डर था कि कहीं उन्हें ज्यादा दिन तक जेल में रखने से उसका दलित वोट खिसक ना जाए।

चंद्रशेखर ने यह भी कहा था कि अगर 2019 के चुनाव से पहले विपक्षी दलों का महागठबंधन अस्तित्व में आता है जो वह ‘‘निश्चित रूप से’’ इसका समर्थन करेंगे। ‘‘अगर महागठबंधन बनता है तो भाजपा को दहाई के आंकड़े तक पहुंचना मुश्किल होगा। उसकी सीटों की संख्या तब इकाई में ही रह जाएगी।’’ उन्होंने यह भी कहा था ‘‘लोकसभा उप चुनावों में भाजपा के हाथ से गोरखपुर और फूलपुर निकल गए। उसे कैराना में भी हार मिली।’’

चंद्रशेखर को पिछले साल मई में सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में जातीय हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दो नवम्बर 2017 को उन्हें जमानत दे दी थी लेकिन रिहाई से एक दिन पहले ही उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही की गयी थी, जिससे उनकी रिहाई टल गयी थी। दलितों में अपनी पैठ बढ़ने का दावा करने वाले चंद्रशेखर ने गत 14 सितम्बर को रिहा होने के फौरन बाद कहा था कि अब उनका एकमात्र मकसद भाजपा को चुनाव में हराना है।

Web Title: No political Desire behind the release of the founder of Bhim Army says u p government

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