शीर्ष 300 में कोई नहीं भारतीय विवि, लेकिन वैश्विक रैंकिंग में मौजूदगी बढ़ी, 49 से बढ़कर 56, जानिए नंबर एक कौन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 12, 2019 08:50 PM2019-09-12T20:50:30+5:302019-09-12T21:48:46+5:30

कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पांचवें पायदान से छलांग लगाते हुए दूसरे स्थान पर पहुंच गया। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय तीसरे, स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय चौथे और मैसाचुएटेस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पांचवें स्थान पर चला गया। इन तीनों विश्वविद्यालयों की रैंकिंग एक-एक स्थान नीचे आई है।

No one in the top 300 Indian universities, but presence in global rankings increased, increased from 49 to 56, know number one | शीर्ष 300 में कोई नहीं भारतीय विवि, लेकिन वैश्विक रैंकिंग में मौजूदगी बढ़ी, 49 से बढ़कर 56, जानिए नंबर एक कौन

विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधित्व के मामले में भारत पांचवें स्थान पर है। इस सिलसिले में एशिया में जापान और चीन के बाद इसका स्थान है।

Highlightsइस साल कुल सात भारतीय विश्वविद्यालय निचली श्रेणी में हैं जबकि देश के काफी सारे संस्थानों की रैंकिंग तकरीबन स्थिर है।आईआईटी दिल्ली, आईआईटी खड़गपुर और जामिया मिलिया इस्लामिया ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है।

विश्व के शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों की सालाना रैंकिंग में भारतीय विश्वविद्यालयों ने अपनी मौजूदगी 49 से बढ़ा कर 56 की है। लेकिन भारत इस साल की‘टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग’ में शीर्ष 300 से बाहर हो गया और 2012 के बाद से ऐसा पहली बार हुआ है।

भारत के शीर्ष रैंक वाला संस्थान--बेंगलुरु का इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) के इस बार के शीर्ष 300 से बाहर होने के साथ 2012 के बाद से पहली बार कोई भारतीय विश्वविद्यालय या संस्थान शीर्ष 300 में शामिल नहीं है।

वहीं, ब्रिटेन का ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय लगातार चौथी बार शीर्ष स्थान पर है। हालांकि, आईआईएससी अब भी भारत का सर्वोच्च रैंक वाला संस्थान है। लेकिन यह ‘‘251-300’’ की श्रेणी से लुढ़क कर ‘‘301-350’’ की श्रेणी में चला गया है।

इससे इसके शोध माहौल, शिक्षण माहौल और उद्योगों के लिए उपयोगिता के स्तर में कमी आना प्रदर्शित होता है। टाइम्स हायर एजुकेशन रैंकिंग की संपादक एली बोथवेल ने कहा, ‘‘भारत की तेजी से बढ़ती युवा आबादी और अंग्रेजी भाषा के निर्देश माध्यम के रूप में इस्तेमाल से वैश्विक उच्चतर शिक्षा में उसके (भारत के) पास अपार संभावना है।

हालांकि, इस साल की शीर्ष 300 रैंकिंग से देश का बाहर होना और सिर्फ मुट्ठी भर संस्थानों का प्रगति करना काफी निराशाजनक है।’’ विश्वविद्यालयों की संपूर्ण सूची में कुल 56 भारतीय विश्वविद्यालयों ने अपनी जगह बनाई है जो पिछले साल की संख्या 49 से अधिक है।

विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधित्व के मामले में भारत पांचवें स्थान पर है। इस सिलसिले में एशिया में जापान और चीन के बाद इसका स्थान है। नये विश्वविद्यालयों में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(आईआईटी),रोपड़ ने प्रभावशाली तौर पर अपना नाम दर्ज कराया है, उसने आईआईटी इंदौर (जो 351-400 की श्रेणी में बना हुआ है) को पछाड़ कर यह उपलब्धि दर्ज कराई।

इस साल कुल सात भारतीय विश्वविद्यालय निचली श्रेणी में हैं जबकि देश के काफी सारे संस्थानों की रैंकिंग तकरीबन स्थिर है। हालांकि, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी खड़गपुर और जामिया मिलिया इस्लामिया ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है।

कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पांचवें पायदान से छलांग लगाते हुए दूसरे स्थान पर पहुंच गया। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय तीसरे, स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय चौथे और मैसाचुएटेस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पांचवें स्थान पर चला गया। इन तीनों विश्वविद्यालयों की रैंकिंग एक-एक स्थान नीचे आई है। प्रिंसटन विश्वविद्यालय और हावर्ड विश्वविद्यालय की रैंकिंग एक दूसरे से बदल कर क्रमश: छठी और सातवीं हो गई। 

Web Title: No one in the top 300 Indian universities, but presence in global rankings increased, increased from 49 to 56, know number one

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