झारखंड को सशक्त और विकसित राज्य बनाने के लिये कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी: मुख्यमंत्री सोरेन
By भाषा | Published: August 15, 2020 06:45 PM2020-08-15T18:45:41+5:302020-08-15T18:45:41+5:30
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि वर्तमान में स्थानीयता की राज्य में जो परिभाषा दी गयी है, वह झारखंड के आंदोलनकारियों के सपनों एवं यहां के मूलवासियों की मांग के अनुरूप नहीं है।
रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शनिवार को यहां कहा कि जनता के रचनात्मक सहयोग से झारखंड को एक सशक्त और विकसित राज्य बनाने के लिये वह कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे। साथ ही, झारखंड वासियों की भावनाओं के अनुरूप स्थानीयता को पुनः परिभाषित करने के लिए एक समिति गठित की जाएगी।
देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यहां मोरहाबादी मैदान में ध्वजारोहण करने के बाद अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्य की जनता ने हमें स्पष्ट जनादेश देकर जो विश्वास और भरोसा जताया है, इसके लिए मैं हृदय से जनता का आभारी हूं।
मैं वादा करता हूं कि आपके रचनात्मक सहयोग से झारखंड को एक सशक्त और विकसित राज्य के रूप में स्थापित करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ूंगा।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वर्तमान में स्थानीयता की राज्य में जो परिभाषा दी गयी है, वह झारखंड के आंदोलनकारियों के सपनों एवं यहां के मूलवासियों की मांग के अनुरूप नहीं है।
राज्य सरकार झारखंड वासियों की भावनाओं के अनुरूप स्थानीयता को पुनः परिभाषित करने के लिए एक समिति बनायेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ निजी क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण का नियम बनाने पर हमारी सरकार काम कर रही है।’’ सोरेन ने कहा, ‘‘ स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आज मैं कोरोना योद्धाओं का भी हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।’’
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि महामारी के समय में उनकी सरकार ने समय से राहत पहुंचाने का काम किया और यही वजह है कि झारखंड में भूख से एक भी मौत नहीं हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘पूरा देश जानता है कि झारखंरड के पांच लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को विभिन्न स्थानों से रेल, सड़क और वायु मार्ग से वापस लाया गया।’’
सोरेन ने कहा, ‘‘प्रवासी मजदूर भाइयों एवं बहनों को रोजगार से जोड़ने के लिए हमारी सरकार ने मनरेगा एवं अन्य योजनाओं के माध्यम से तीन महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरूआत की, जिनमें बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना तथा वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना भी शामिल हैं।’’
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि मनरेगा में समय पर मजदूरी भुगतान में झारखंड पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान राज्य के प्रवासी श्रमिकों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष नकद अंतरण के जरिये लगभग 25 करो़ड़ रुपये की राशि भेजी गयी।
हेमंत सोरेन ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी के चलते बेरोजगार हुए लोगों की समस्या को देखते हुए इस वर्ष राज्य सरकार ने 10 करोड़ मानव दिवस (रोजगार) सृजित करने के लिए 3,578 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। जुलाई तक तीन करोड़ मानव दिवस सृजित किये जा चुके हैं। ’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘शहरी क्षेत्रों में बेरोजगार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ‘शहरी रोजगार गारंटी योजना’ प्रारंभ की जा रही है। काम न दे पाने की स्थिति में उन्हें बेरोजगारी भत्ता दिया जायेगा।’’ उन्होंने बताया कि सरकार ने पांच हजार विद्यालयों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है।