कोई दलील काम न आईं, आखिरकार 5 दिन की रिमांड पर पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम

By भाषा | Published: August 22, 2019 07:16 PM2019-08-22T19:16:11+5:302019-08-22T19:16:11+5:30

आईएनएक्स मीडिया मामलाः अदालत ने मंजूरी देते हुए चिदंबरम को 26 अगस्त तक के लिए सीबीआई हिरासत में भेज दिया है। चिदंबरम सीबीआई हिरासत में रहेंगे। अदालत ने कहा कि चिदंबरम का परिवार और वकील रोजाना 30 मिनट उनसे मुलाकात कर सकते हैं।

No arguments came to fruition, former Union Finance Minister P Chidambaram finally on 5 days remand | कोई दलील काम न आईं, आखिरकार 5 दिन की रिमांड पर पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम

चिदंबरम ने यह भी कहा था कि सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में उन पर कोई भी गड़बड़ी करने का आरोप नहीं लगाया गया है।

Highlightsवकीलों ने चिदंबरम की दलीलों को खारिज किया, कहा-प्राथमिकी में आरोपी का नाम होना जरूरी नहींजानकारों ने साफ किया कि कानून के अनुसार किसी अपराध के संबंध में दर्ज प्राथमिकी में आरोपी के नाम का उल्लेख किया जाना जरूरी नहीं है।

कानून के जानकारों ने पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम की उन दलीलों को खारिज कर दिया है कि आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में चूंकि उनका नाम नहीं है, इसलिये उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता।

उनका कहना है कि प्राथमिकी किसी अपराध के संबंध में दर्ज की जाती है और अपराधियों की पहचान जांच के दौरान की जाती है। चिदंबरम को सीबीआई ने बुधवार रात उनके आवास से गिरफ्तार किया था। चिदंबरम गिरफ्तार किये जाने से पहले कल रात नाटकीय तरीके से कांग्रेस मुख्यालय में उपस्थित हुए थे और अपना तथा अपने परिवार के सदस्यों का बचाव किया था।

उन्होंने कहा था कि उनमें से कोई भी जांच एजेंसियों द्वारा दर्ज प्राथमिकी में सीधे तौर पर किसी अपराध का आरोपी नहीं है या उनके खिलाफ आरोप पत्र नहीं दायर किया गया है। चिदंबरम ने यह भी कहा था कि सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में उन पर कोई भी गड़बड़ी करने का आरोप नहीं लगाया गया है।

हालांकि, जानकारों ने साफ किया कि कानून के अनुसार किसी अपराध के संबंध में दर्ज प्राथमिकी में आरोपी के नाम का उल्लेख किया जाना जरूरी नहीं है और अपराधियों का पता जांच के दौरान लगाया जाता है। चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के दौरान उच्च न्यायालय ने भी कहा था कि प्राथमिकी में चिदंबरम का नाम नहीं होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि उन्हें मुख्य आरोपी के तौर पर पेश किया गया है, जिसके आदेश पर इस पैमाने का अपराध किया गया।

वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत के सिन्हा ने कहा कि प्राथमिकी सिर्फ चीजों को आगे बढ़ाने के लिये है। उसके बाद जांच शुरू होती है और आरोपी का नाम सामने आता है। उन्होंने कहा कि अगर जांच के दौरान भरोसेमंद साक्ष्य सामने आते हैं तो आरोपी का नाम शामिल किया जा सकता है और अगर अदालत में पहले ही आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है तो पूरक आरोप पत्र दायर करके इसे किया जा सकता है। कई अन्य जाने-माने वकीलों ने भी कहा कि प्राथमिकी किसी को नामजद किये बिना ही दर्ज की जा सकती है।

एक अधिवक्ता ने कहा कि इससे फर्क नहीं पड़ता है कि किसी व्यक्ति का नाम प्राथमिकी में है या नहीं, क्योंकि अपराधी की भूमिका जांच में सामने आती है और उसके बाद उसके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया जाता है। चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने में बरती गई कथित अनियमितताओं को लेकर सीबीआई ने 15 मई 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी। यह मंजूरी 2007 में 305 करोड़ रुपये के विदेशी धन प्राप्त करने के लिए दी गई थी। इसके बाद, ईडी ने भी 2018 में इस सिलसिले में धनशोधन का एक मामला दर्ज किया था। 

Web Title: No arguments came to fruition, former Union Finance Minister P Chidambaram finally on 5 days remand

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