Nizamuddin Markaz News: मौलाना साद को दिल्ली पुलिस ने ढूंढ निकाला, जमात के वकील का दावा- नहीं तोड़ा कोई कानून, जानें और क्या कहा
By नितिन अग्रवाल | Published: April 9, 2020 07:25 AM2020-04-09T07:25:49+5:302020-04-09T07:25:49+5:30
दिल्ली की निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात के कार्यक्रम के बाद से ही गायब चल रहे मौलाना मोहम्मद साद का पता चल गया है। मौलाना दक्षिण पूर्वी दिल्ली के जाकिर नगर में किसी करीबी के यहां क्वारंटाइन है। मौलाना की तरफ से तब्लीगी जमात के कानूनी सलाहकार ने कहा कि मौलाना पुलिस और प्रशासन का पूरा सहयोग करेंगे।
नई दिल्ली। 7 अप्रैल दिल्ली के निजामुद्दीन स्थिति तब्लीगी जमात के मरकज के प्रमुख मौलाना साद को दिल्ली पुलिस ने ढूंढ निकाला है. वे फिलहाल दक्षिणी पूर्वी दिल्ली के जाकिर नगर इलाके में अपने एक करीबी के घर में क्वारंटाइन हैं. अब जल्द ही दिल्ली पुलिस उनसे पूछताछ करेगी. वहीं तब्लीगी जमात के कानूनी सलाहकार फुजैल अय्यूबी ने 'लोकमत समाचार' को बताया कि मरकज की ओर से पुलिस और प्रशासन का पूरा सहयोग किया जा रहा है. पुलिस ने मरकज प्रमुख को धारा 91 के तहत नोटिस जारी किया है. इसमें उनसे व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने को नहीं कहा गया है.
फिलहाल वह सेल्फ क्वारंटाइन में हैं और कानून के पालन के लिए तैयार हैं. बता दें कि अब तक 25500 से अधिक लोगों को क्वारंटाइन किया जा चुका है, जिन्होंने या तो तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था या ऐसे लोग जो इनके संपर्क में आए हैं. वहीं गृह मंत्रालय पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि संक्रमितों के आंकड़ों इजाफा देश की वास्तविक रफ्तार को नहीं बताता, बल्कि एकाएक हुई इस बढ़ोत्तरी का सीधा जुड़ाव आयोजन से है. इसके अलावा देशभर के कई राज्यों में अब भी लोगों की तलाश जारी है. इसलिए मंजूरी जरूरी नहीं मरकज पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए फुजैल ने कहा कि 12 से 15 मार्च के बीच इज्तेमा का कार्यक्र म पहले से तय था. तब तक लॉकडाउन की कोई बात नहीं थी. वैसे भी परिसर के भीतर होने वाले आयोजन के लिए किसी मंजूरी की जरूरत नहीं होती.
हालांकि स्थानीय अधिकारी वहां मौजूद लोगों के रिकॉर्ड की जांच करते हैं. आम तौर पर आते-जाते रहते हैं लोग 13 मार्च को दिल्ली में 200 और 16 मार्च को 50 लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी लगाई गई थी. फिर भी इतने लोग? इस पर फुजैल ने कहा कि मरकज में 15 मार्च के बाद कोई आयोजन नहीं हुआ. यहां सामन्य तौर पर भी लोग आते-जाते रहते हैं और आम तौर पर यहां 3000 से 4000 लोग मौजूद होते हैं. इसे लोगों के जमा होने के तौर पर नहीं देखा जा सकता.