तेजस्वी के सरकारी आवास में कोविड सेंटर बनाने के अनुरोध को नीतीश सरकार ने किया खारिज, कहा-पर्याप्त व्यवस्था है हमारे पास
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 22, 2021 05:39 PM2021-05-22T17:39:55+5:302021-05-22T17:42:25+5:30
बिहार सरकार ने तेजस्वी यादव के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है जिसके तहत नेता प्रतिपक्ष ने अपने सरकारी आवास के एक हिस्से को कोविड केयर सेंटर के तौर पर ओवरटेक करने की बात कही थी।
पटना: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का अपने सरकारी आवास में कोविड केयर सेंटर चलाने का सपना उस वक्त चकनाचूर हो गया, जब उनके इस प्रस्ताव को बिहार सरकार ने खारिज कर दिया.
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने अपने 5 पन्ने के पत्र में कहा है कि तेजस्वी के सरकारी आवास में कोविड अस्पताल नहीं खोला जा सकता. वैसे भी बिहार सरकार के पास कोरोना मरीजों के इलाज का पर्याप्त इंतजाम है.
उन्होंने तेजस्वी को नसीहत दी है कि वे लोगों को जागरूक करें कि कोरोना से बचाव के लिए सरकारी व्यवस्था का सहारा लें.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि प्रस्तावित आवासीय परिसर पूर्णत: आवासीय क्षेत्र में स्थित है. जबकि सरकार के पास पर्याप्त संख्या में खाली ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध हैं जहां रोगियों का इलाज किया जा सकता है. बेड की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार काम कर रही है.
गौरतलब है कि बुधवार को तेजस्वी यादव ने अपने सरकारी आवास में 50 बेड का कोविड केयर सेंटर की तमाम सुविधाओं वाला सेंटर बनाया था. इसके बाद उन्होंने इसकी तस्वीर और वीडियो जारी कर सरकार से मांग की थी कि इसे कोविड केयर सेंटर के रूप में चलाने की अनुमति दे.
उन्होंने कहा था कि वे एक जिम्मेदार विपक्ष हैं, इस वजह से अपना सरकारी आवास कोरोना मरीजों की सेवा के लिए देना चाहते हैं.
बिहार सरकार का दावा- कोरोना मरीजों के लिए सभी जरूरी कदम उठाए
तेजस्वी के प्रस्ताव पर अपने जवाबी पत्र में मंत्री ने कहा है कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकार तत्परता पूर्वक कार्रवाई कर रही है. चिकित्सा क्षेत्र में आधारभूत संरचनाओं का विकास हो या जरूरी दवाइयों की व्यवस्था हो, जांच की लैब हो या संक्रमितों के इलाज हेतु ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था, सरकार ने सभी काम किये हैं.
मंगल पांडेय ने आगे कहा कि विशेषज्ञों की टीम गठित कर उपचार के लिए प्रोटोकोल तैयार किया गया है. होम आइसोलेशन के मरीजों को जिला नियंत्रण कक्ष से टेलीकंसल्टेशन की सुविधा दी जा रही है.
मंगल पांडेय ने अपने पत्र के माध्यम से जानकारी दी है कि राज्य में कोरोना मरीजों के लिए 165 कोविड केयर सेंटर हैं. जिनमें 11383 बेड हैं. इसमें से 3359 बेड ऑक्सीजन युक्त है. जबकि 110 डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर बनाए गए हैं, जिसमें 7871 बेड हैं.
उन्होंने पत्र में आगे लिखा है कि सूबे में 12 डेडीकेटेड कोविड अस्पताल भी बनाए गए हैं, जहां 3774 बेड की व्यवस्था है. इन अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड आइसीयू और वेंटिलेटर जैसे संसाधन पर्याप्त संख्या में हैं.
मंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि बिहार में दवा औऱ इलाज में कहीं कोई कमी नही है. पॉजिटिव पाये जा रहे लोगों को घर पर ही मेडिकल किट उपलब्ध कराया जा रहा है. उन्हें हर दवा दी जा रही है. पत्र में मंत्री ने आरटीपीआर, रैपिड एंटीजन किट से की जा रही जांच की जानकारी भी दी है और कहा है कि यहां लगातार बडी संख्या में टेस्ट किए जा रहे हैं. इसके साथ ही आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या बढाने के लिए पांच मोबाइल वैन की व्यवस्था भी की गई है.
पत्र में टीकाकरण की जानकारी देकर बताया गया है कि अब तक 96.59 लाख लोगों का टीकाकरण किया गया है. तमाम जानकारी देकर मंत्री पांडेय ने नेता प्रतिपक्ष के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.