नीतीश कटारा हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी विकास यादव की पैरोल याचिका पर CBI और दिल्ली सरकार को भेजा नोटिस
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 10, 2019 01:11 PM2019-05-10T13:11:12+5:302019-05-10T13:11:12+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश कटारा हत्याकांड मामले में विकास यादव की 25 साल जेल की सजा कम किए जाने वाली याचिका पर आज (10 मई) सुनवाई की।
नीतीश कटारा हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट मुख्य आरोपी विकास यादव की चार हफ्ते की पैरोल की मांग वाली याचिका को लेकर केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही विकास यादव के चार हफ्ते वाली पैरोल की मांग को लेकर दिल्ली सरकार को भी नोटिस जारी कर दिया है। नीतीश कटारा हत्याकांड के आरोपी विकास यादव 25 साल की जेल की सजा काट रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश कटारा हत्याकांड मामले में विकास यादव की 25 साल जेल की सजा कम किए जाने वाली याचिका पर आज (10 मई) सुनवाई की। विकास यादव उत्तर प्रदेश के नेता डीपी यादव के बेटा है।
The notice has also been issued to Delhi Government by the Supreme Court on the plea filed by convict Vikas Yadav, seeking four weeks parole, in Nitish Katara murder case. https://t.co/5uvHQHdbKe
— ANI (@ANI) May 10, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले नीतीश कटारा हत्याकांड के मुख्य गवाह अजय कटारा की सुरक्षा समीक्षा को सिर्फ एक हफ्ते में पूरा करने का निर्देश दिया था। अजय कटारा ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी कि उनको लगातार जान से मारने की धमकी मिल रही है। अजय कटारा ने कोर्ट में यह बताया था कि आरोपियों ने उनपर 8 बार जानलेवा हमला करवाया था।
जानें क्या है नीतीश कटारा हत्याकांड मामला?
नीतीश कटारा की हत्या 2002 में 16-17 फरवरी की रात को दिल्ली में की गई थी। नीतीश का यूपी के दबंग नेता डीपी यादव की बेटी भारती यादव से अफेयर थे। इस प्रेम संबंध की वजह से ही भारती यादव के भाई विकास यादव को गुस्सा आया था। जिसके बाद विकास यादव ने अपने भाई विशाल यादव और सुखदेव पहलवान के साथ मिलकर नीतीश कटारा की हत्या की प्लानिंग की और 16-17 फरवरी की रात को दिल्ली हत्या कई गई।
कोर्ट में केस पहुंचने के बाद डीपी यादव के बेटे विकास यादव और विशाल यादव और सुखदेव पहलवान को सजा सुनाई गई थी। अक्टूबर 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने तीनों दोषियों की सजा पांच साल कम कर दी थी। इसी के बाद से हत्या के मुख्य गवाह अजय कटारा को धमकियां मिल रही थी।