बिहारः विवादों में घिरीं नीतीश सरकार की मंत्री शीला मंडल, वीर कुंवर सिंह पर दिया बयान, करणी सेना ने जलाया पुतला, सासाराम कोर्ट में परिवार वाद
By एस पी सिन्हा | Published: December 5, 2020 06:46 PM2020-12-05T18:46:22+5:302020-12-05T18:47:16+5:30
बिहार की परिवहन मंत्री शीला मंडल अपने हालिया बयान को लेकर घिर गईं हैं, करणी सेना सहित कई लोगों ने पुतला फूंका. मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है.
पटनाः बिहार सरकार के परिवहन मंत्री शीला मंडल के द्वारा वीर कुंवर सिंह पर दिए गए बयान पर विवाद बढ़ता जा रहा है. शीला मंडल मुसीबत में फंसती हुई नजर आ रही हैं.
स्वतंत्रता सेनानी बाबूवीर कुंवर सिंह पर उन्होंने बीते दिन गलत बयानबाजी की, जिसको लेकर सासाराम में उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है. जबकि करणी सेना ने आज परिवहन मंत्री का पुतला फूंक कर जमकर नारेबाजी की.
इस दौरान करणी सेना के जिला अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह ने कहा कि जब तक नीतीश कुमार परिवहन मंत्री को बर्खास्त नहीं करते हैं तबतक करणी सेना चुप नहीं बैठेगी और लगातार आंदोलन जारी रखेगी. उन्होंने कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह और स्वतंत्रता सेनानी की कोई जाति नहीं होती है. वह सभी के लिए पूजनीय और आदरणीय होते हैं.
मंत्री द्वारा इस तरह का बयान देना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है
उन्होंने कहा की ऐसे में किसी मंत्री द्वारा इस तरह का बयान देना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. मंत्री का बयान समाज को बांटने वाला है. करणी सेना मुख्यमंत्री से तत्काल उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग करती है और जब तक उन पर कार्रवाई नहीं होगी. तब तक करणी सेना प्रदर्शन और आंदोलन करती रहेगी.
इधर आज सासाराम कोर्ट में परिवहन मंत्री शीला मंडल के खिलाफ परिवाद पत्र दायर किया गया है. सासाराम के भैसही के रहने वाले अखिलेश कुमार ने यह परिवाद पत्र दायर किया है. परिवहन मंत्री शीला मंडल ने सीतामढी में गुरुवार को शीला मंडल ने एक कार्यक्रम में कहा था कि "एक हाथ कट जाने पर राजपूतों के वीर कुंवर सिंह की इतनी वाहवाही हुई कि आज सभी लोग उनको जानते हैं. किताबों में उनके बारे में पढाया जाता है, लेकिन सीतामढ़ी के शहीद रामफल मंडल को कोई नहीं जानता."
अति पिछड़ा जाति के लोगों के गुणों को दबा दिया जाता था
यहां बता दें कि नीतीश सरकार में मंत्री शीला मंडल ने इस मामले को जाति से जोड़ते हुए यह भी कहा था कि "रामफल मंडल शहीद हुए, अपनी जान की कुर्बानी दी लेकिन उनको उतना सम्मान नहीं मिला, जितना वीर कुंवर सिंह को मिला. इतना ही नहीं शीला मंडल ने सीतामढ़ी में यह भी कहा था कि "अति पिछड़ा जाति के लोगों के गुणों को दबा दिया जाता था.
मुझे रामफल मंडल के परिवार को देखकर दुख होता है. यदि वे दूसरे वर्ग से होते तो आज इनके भी बच्चे बडे़-बडे़ पदों पर होते." ऐसे में मंत्री शीला मंडल के इस बयान के बाद राजनीतिक दलों ने कडी आपत्ति जताई थी. जिसके बाद उन्होंने अपने बयान पर सफाई दी है और कहा है कि मेरा उदेश्य किसी ठेंस पहुंचना नहीं था.
उन्होंने कहा कि "मैंने शहीद रामफल मंडल के आवास पर वीर कुंवर सिंह के बारे में बयान दिया था. उस बयान पर आपत्ति आई है, जबकि मेरा इरादा कहीं से भी किन्ही के भावनओं को ठेंस पहुंचाने का नहीं था. मेरे दिल में वीर कुंवर सिंह के प्रति असीम श्रद्धा है. मेरे उस बयान से जिनकी भी भावना को ठेंस पहुंची है, उनके लिए मैं खेद प्रकट करती हूं."