बिहार में नीतीश सरकार ने दे दी सरोगेसी कानून को मंजूरी, किराए के कोख से संतान के पैदा होने का रास्ता हुआ साफ
By एस पी सिन्हा | Updated: June 24, 2025 20:29 IST2025-06-24T20:29:59+5:302025-06-24T20:29:59+5:30
आदेश के अनुसार बोर्ड राज्य में सरोगेसी मामलों में नीति बनाने के साथ इसमें सुधार के सुझाव देने का काम करेगा। साथ ही सरोगेसी से जुड़ी सभी गतिविधियों की निगरानी करेगा। क्लीनिक को निबंधित करने और उनमें सरकार की नीतियों को लागू करने की दिशा में काम करेगा।

बिहार में नीतीश सरकार ने दे दी सरोगेसी कानून को मंजूरी, किराए के कोख से संतान के पैदा होने का रास्ता हुआ साफ
पटना:बिहार में नीतीश सरकार सेरोगेसी कानून को मंजूरी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय सहायता प्राप्त जननीय प्रौद्योगिकी एवं सरोगेसी बोर्ड का गठन कर दिया है। ऐसे में अब किराए के कोख से संतान के पैदा होने का रास्ता साफ हो गया है। इसका फायदा उन दंपतियों को होगा, जिनकी कोई संतान नहीं है। ऐसे दंपती को अब आईवीएफ के सरोगेसी एक विकल्प का काम करेगा। भविष्य में ऐसे मामलों में कोई कठिनाई न हो इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया गया है।
आदेश के अनुसार बोर्ड राज्य में सरोगेसी मामलों में नीति बनाने के साथ इसमें सुधार के सुझाव देने का काम करेगा। साथ ही सरोगेसी से जुड़ी सभी गतिविधियों की निगरानी करेगा। क्लीनिक को निबंधित करने और उनमें सरकार की नीतियों को लागू करने की दिशा में काम करेगा। यह बोर्ड केंद्र सरकार के बोर्ड की तर्ज पर काम करेगा और प्रदेश में सरोगेसी के क्षेत्र में होने वाले कार्यो की रिपोर्ट केंद्र सरकार को मुहैया कराएगा।
आदेश के अनुसार बोर्ड के गठन के बाद वैसे दंपत्ति जो लंबे समय से संतान की चाहत रखते हैं परंतु चिकित्सकीय कारणवश संतान नहीं प्राप्त कर पा रहे, वैसे दंपत्ति सरोगेसी विधि से संतान प्राप्त कर सकेंगे। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बोर्ड इन कार्यों के अलावा सरोगेट माताओं, इच्छुक दंपत्तियों और डॉक्टरों के अधिकारों को सुरक्षित करेगा।
इसके अलावा भ्रूण व्यापार, महिला शोषण जैसी गतिविधियों पर रोक लगाने का दायित्व भी बोर्ड का होगा। बोर्ड के जिम्मे यह कार्य भी होगा कि लोगों को जागरूक करे और नैतिक और कानूनी विकल्प की जानकारी दे। साथ ही सरोगेट माताओं को कानूनी संरक्षण, स्वास्थ्य सुविधाएं और बीमा कवरेज सुनिश्चित कराना भी बोर्ड का काम होगा।
पदेन अध्यक्ष स्वास्थ्य मंत्री, अपर मुख्य सचिव पदेन उपाध्यक्ष, पदेन सदस्यों में महिला एवं बाल विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग, विधि एवं विधायी कार्य विभाग, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, निदेशक प्रमुख, विधायक शालिनी मिश्रा, निवेदिता सिंह, श्रेयसी सिंह, भ्रूण विज्ञानी डा संगीता, डा दयानिधि कुमार, स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. मंजू गीता मिश्रा, डा. स्मृति स्पर्श, डा. रीता शर्मा के अलावा अनुराधा गुप्ता, डा. शांति राय, सीमा पांडेय, मंजू सिन्हा, शशि बलडिहार और स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव को सदस्य बनाया गया है।