'बंदरगाहों पर कंसाइनमेंट रोकने से चीन को नहीं, भारत को होगा नुकसान', गडकरी ने सीतारमण और पीयूष गोयल को लिखी चिट्ठी
By पल्लवी कुमारी | Published: June 29, 2020 10:58 AM2020-06-29T10:58:37+5:302020-06-29T11:00:09+5:30
भारत-चीन सीमा विवाद: पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में 15 जून को भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में हमारे 20 जवान शहीद हो गए हैं। तब से दोनों देशों के बीच तनाव और भी ज्यादा बढ़ गया है। देश के कई हिस्सों में चीन के सामान को बॉयकॉट करने की मांग की जा रही है।
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने चीन से आयात के लिए सीमा शुल्क निकासी में देरी पर चिंता जताते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी बंदरगाहों पर माल की जल्द से जल्द निकासी में हो रही बाधाओं को दूर करने का आग्रह किया है। नितिन गडकरी ने लिखा है, बंदरगाहों पर कन्साइनमेंट रुकने से भारतीय व्यापार को नुकसान हो रहा है। पत्र में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लिखा, उद्योगपतियों द्वारा किए गए भुगतान के बाद ये शिपमेंट भारतीय तटों पर आए हैं। एक वेब-प्लेटफॉर्म से बात करते हुए नितिन गडकरी ने बताया, अगर आयातित सामानों की निकासी नहीं की गई तो इससे भारतीयउद्यमियों को नुकसान होगा न कि चीन का।
नितिन गडकरी ने कहा, हमारा फोकस चीन से आयात को कम करने पर है। ऐसा करने के लिए हम आयात शुल्क बढ़ा सकते हैं। लेकिन इसके लिए पहले से ही आयातित सामनों को रोककर रखने से भारत के उद्यमियों को बहुत बड़ा नुकसान होगा।
किसानों के प्रतिनिधिमंडल से मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लिखा पत्र
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा। नितिन गडकरी ने यह पत्र किसान संगठन के एक प्रतिनिधिमंडल से मिलने के बाद लिखा है। रिपोर्ट के मुताबिक नितिन गडकरी से हाल ही में किसान संगठन का प्रतिनिधिमंडल मिलने आया था। जिन्होंने बताया कि कैसे सीमा शुल्क निकासी में देरी हुई है। किसानों ने बताया कि कैसे यांत्रिक स्प्रे और उनके स्पेयर पार्ट्स की खेप के लिए सीमा शुल्क निकासी में देरी हो रही है।
आलोचनाओं के बाद नितिन गडकरी ने ट्वीट कर दी सफाई
जब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा लिखे पत्र को लेकर सोशल मीडिया पर टिप्पणी की गई तो उन्होंने इस पर ट्वीट कर सफाई दी। नितिन गडकरी ने ट्वीट किया, मैं आत्मनिर्भर भारत के सबसे मजबूत समर्थकों में से एक हूं। जो भी मेरे से थोड़ा परिचित है, वह मेरे जुनून के बारे में जानता होगा और साथ ही साथ ये भी जानता होगा कि मेक इन इंडिया को प्रोत्साहित करने की दिशा में मैंने हमेशा काम किया है और करूंगा।
I am among the strongest proponents of Aatmanirbhar Bharat. Anyone who is even slightly acquainted with me would know about my passion and work towards supporting as well as encouraging Make in India.
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) June 28, 2020
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लिखा, भारतीय व्यापार में आत्मनिर्भरता की दिशा में हमारी यात्रा को और आगे बढ़ाने की ताकत और कौशल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व में भारत सरकार सक्रिय है और नए सुधारों की शुरुआत कर रही है जो व्यवसायों और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) में मदद करेगी।''
Indian business has the strength and skills to grow further and power our journey towards self-reliance. Under strong leadership of PM @narendramodi, the Government of India is proactive and initiating path-breaking reforms that will help businesses and MSMEs.
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) June 28, 2020
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को लिखे अपने पत्र में नितिन गडकरी ने आयातित कृषि उपकरणों को मंजूरी देने में प्राथमिकता दिखाने की मांग की है। हालांकि अपने लिखे पत्र में नितिन गडकरी ने किसी भी देश का नाम नहीं लिया है जहां से ऐसी वस्तुओं का आयात किया जा रहा है।