निर्भया कांडः दोषी ने कहा-लोग प्रदूषित पानी और हवा से मर रहे हैं, फांसी की क्या जरूरत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 10, 2019 05:51 PM2019-12-10T17:51:36+5:302019-12-10T18:22:52+5:30

उच्चतम न्यायालय ने नौ जुलाई, 2018 को इस सनसनीखेज अपराध में संलिप्त चार में से तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिकायें खारिज कर दी थीं। अभी तक पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करने वाले दोषी 31 वर्षीय अक्षय के वकील ए पी सिंह ने बताया कि उसने मंगलवार को इस संबंध में याचिका दायर की है।

Nirbhaya gang rape and murder Doshi said - people are dying of polluted water and air, what is the need of hanging | निर्भया कांडः दोषी ने कहा-लोग प्रदूषित पानी और हवा से मर रहे हैं, फांसी की क्या जरूरत

निर्भया की 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर में माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी।

Highlightsनिर्भया कांड के चौथे दोषी ने मौत की सजा के फैसले पर पुनर्विचार के लिये याचिका दायर की।2012 की रात में 23 वर्षीय निर्भया से छह व्यक्तियों ने बर्बरता पूर्वक सामूहिक बलात्कार किया था।

राजधानी में दिसंबर, 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में मौत की सजा पाने वाले चार दोषियों में से अंतिम दोषी ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की।

उच्चतम न्यायालय ने नौ जुलाई, 2018 को इस सनसनीखेज अपराध में संलिप्त चार में से तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिकायें खारिज कर दी थीं। अभी तक पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करने वाले दोषी 31 वर्षीय अक्षय के वकील ए पी सिंह ने बताया कि उसने मंगलवार को इस संबंध में याचिका दायर की है।

दक्षिण दिल्ली में चलती बस में 16-17 दिसंबर, 2012 की रात में 23 वर्षीय निर्भया से छह व्यक्तियों ने बर्बरता पूर्वक सामूहिक बलात्कार किया था और उसे बुरी तरह जख्मी हालत में सड़क पर फेंक दिया था। निर्भया की 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर में माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी।

शीर्ष अदालत ने इससे पहले मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की पुनर्विचार याचिका यह कहते हुये खारिज कर दी थी कि फैसले पर विचार करने का कोई आधार नहीं है। न्यायालय ने 2017 में निर्भया कांड के दोषियों को मौत की सजा देने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा था।

उच्च न्यायालय ने इन मुजरिमों को मौत की सजा सुनाने के निचली अदालत के फैसले की पुष्टि की थी। इस वारदात में शामिल छह आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी जबकि एक अन्य आरोपी नाबालिग था और उसे तीन साल की सजा पूरी करने के बाद सुधार गृह से रिहा कर दिया गया था। 

16 दिसंबर 2012 को दिल्ली की सड़कों पर दरिंदगी के दोषी अक्षय ने फांसी की सज़ा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर कर यह अजीब दलील दी है। इसके लिए उसने बकायदा वेद, पुराण, उपनिषद जैसे ग्रंथों का हवाला भी दिया है। उसकी विचित्र दलीलें यहीं खत्म नहीं हुईं। उसने दिल्ली के प्रदूषण को भी अपने ऊपर रहम का आधार बताया है। याचिका में लिखा गया है, "दिल्ली में बहुत ज़्यादा वायु प्रदूषण है. शहर गैस चैंबर बना हुआ है. पानी की क्वालिटी भी बहुत ख़राब है। इससे लोग वैसे ही मर रहे हैं। मुझे फांसी की सजा देने की क्या ज़रूरत है?

इनपुट भाषा 

Web Title: Nirbhaya gang rape and murder Doshi said - people are dying of polluted water and air, what is the need of hanging

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