Nirbhaya Case: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान दोषी मुकेश के वकील ने कहा- आप किसी के जीवन के साथ खेल रहे हैं, उसे जेल में बेरहमी से पीटा गया है
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 28, 2020 02:33 PM2020-01-28T14:33:53+5:302020-01-28T14:38:56+5:30
निर्भया मामले में दोषी के वकील ने कहा कि कार्यपालिका अपील के अधिकार का नहीं बल्कि संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन करती है। वकील ने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा इस्तेमाल अधिकार न्यायिक समीक्षा के दायरे में आता है।
निर्भया गैंगरेप मामले में मौत की सजा का सामना कर रहे दोषी मुकेश कुमार की दया याचिका राष्ट्रपति द्वारा खारिज किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हो रही है। इस मामले पर तीन जजों की बेंच ने सुनवाई कर रही है। दोषी मुकेश कुमार की याचिका पर सुनवाई के दौरान वकील ने कहा कि आप किसी के जीवन के साथ खेल रहे हैं (दया याचिका के संबंध में राष्ट्रपति द्वारा प्रदत्त शक्तियों पर)। जेल आने के बाद मुकेश (मुकेश) को बेरहमी से पीटा गया है।
Lawyer for one of the convicts(Mukesh) in Supreme Court: You have to apply your mind at each and every step. You are playing with somebody's life(on powers conferred to the President with regard to mercy plea). I(Mukesh) was beaten mercilessly after coming to jail. #NirbhayaCasepic.twitter.com/VjxMAC4Vkg
— ANI (@ANI) January 28, 2020
निर्भया मामले में दोषी के वकील ने कहा कि कार्यपालिका अपील के अधिकार का नहीं बल्कि संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन करती है। वकील ने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा इस्तेमाल अधिकार न्यायिक समीक्षा के दायरे में आता है।
इससे पहले कोर्ट ने चार में से एक दोषी पवन के पिता की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें इकलौते गवाह की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया गया था। कोर्ट ने सभी दोषियों को एक फरवरी का डेथ वारंट जारी किया है। फांसी की सजा को टालने के लिए सभी आरोपी एक-एक कर कोर्ट में कोई न कोई याचिका दाखिल कर रहे हैं।
2012 Delhi gang-rape case: Hearing on the petition of convict Mukesh, challenging the rejection of his mercy petition by the President, begins in the Supreme Court https://t.co/x8qGFUZNsW">pic.twitter.com/x8qGFUZNsW
— ANI (@ANI) https://twitter.com/ANI/status/1222055238821003265?ref_src=twsrc%5Etfw">January 28, 2020
इस मामले में सोमवार को निर्भया मामले में मौत की सजा पाने वाले चारों दोषियों में से एक दोषी मुकेश की आखिरी याचिका सुनने को सुप्रीम कोर्ट राजी हुआ था।
सुप्रीम कोर्ट ने दोषी मुकेश के वकील से कहा कि वह शीर्ष अदालत के सक्षम अधिकारी के समक्ष आज ही याचिका का उल्लेख करें। दोषी मुकेश की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर किसी को फांसी दी जाने वाली है तो सुनवाई से ज्यादा जरूरी कुछ नहीं हो सकता।
गृह मंत्रालय ने मुकेश सिंह की दया याचिका राष्ट्रपति के पास 16 जनवरी की रात को भेजी थी। मंत्रालय ने याचिका को अस्वीकार करने की दिल्ली के उप राज्यपाल की सिफारिश दोहराई थी। दिल्ली के उप राज्यपाल ने गुरुवार को मुकेश सिंह की दया याचिका गृह मंत्रालय को भेजी थी। इसके एक दिन पहले दिल्ली सरकार ने याचिका अस्वीकार करने की सिफारिश की थी।
दोषी मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव पिटिशन खारिज होने के बाद राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी थी। दिल्ली पटियाला कोर्ट ने चारों दोषियों-मुकेश सिंह (32), विनय शर्मा (26), अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन गुप्ता (25) को सुनाई गई मौत की सजा पर अमल का आदेश ‘डेथ वॉरंट’ सात जनवरी को जारी किया था। हालांकि, दोषी मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित होने के कारण दिल्ली कोर्ट ने कहा कि 22 जनवरी को फांसी नहीं दी जा सकती है।