निर्भया मामला: चारों को मृत्युदंड की सजा, सबसे कम उम्र का कैदी सबसे ज्यादा परेशान, कोठरी में टहल रहा है

By भाषा | Published: January 15, 2020 07:39 PM2020-01-15T19:39:01+5:302020-01-15T19:39:01+5:30

चारों दोषियों को मिली मौत की सजा पर असमंजस की स्थिति बरकरार है। जेल के सूत्रों ने बताया कि 26 वर्षीय कैदी को जेल में नियम तोड़ने के लिए सबसे ज्यादा सजा मिली। चारों कैदियों- विनय, अक्षय, मुकेश और पवन को 22 जनवरी को फांसी की सजा दी जानी तय हुई है।

Nirbhaya case: Death penalty to all four, youngest prisoner most troubled, walking in the closet | निर्भया मामला: चारों को मृत्युदंड की सजा, सबसे कम उम्र का कैदी सबसे ज्यादा परेशान, कोठरी में टहल रहा है

सबसे कम उम्र के विनय शर्मा को तिहाड़ जेल में अपनी कोठरी में सबसे ज्यादा परेशान हाल टहलते हुए देखा गया।

Highlightsदिल्ली सरकार ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि निर्धारित दिन फांसी नहीं दी जा सकेगी।चार में से एक मुकेश ने दया याचिका दायर कर रखी है। 

निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में मृत्युदंड की सजा पाए चार व्यक्तियों में सबसे कम उम्र के विनय शर्मा को तिहाड़ जेल में अपनी कोठरी में सबसे ज्यादा परेशान हाल टहलते हुए देखा गया।

चारों दोषियों को मिली मौत की सजा पर असमंजस की स्थिति बरकरार है। जेल के सूत्रों ने बताया कि 26 वर्षीय कैदी को जेल में नियम तोड़ने के लिए सबसे ज्यादा सजा मिली। चारों कैदियों- विनय, अक्षय, मुकेश और पवन को 22 जनवरी को फांसी की सजा दी जानी तय हुई है।

बुधवार को दिल्ली सरकार ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि निर्धारित दिन फांसी नहीं दी जा सकेगी क्योंकि चार में से एक मुकेश ने दया याचिका दायर कर रखी है। 

निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में मौत की सजा पाये चार दोषियों में से एक मुकेश कुमार सिंह ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रूख किया। उसने न्यायालय से उसकी फांसी की सजा की तिथि को इस आधार पर स्थगित किये जाने का अनुरोध किया है कि उसकी दया याचिका राष्ट्रपति के समक्ष लंबित है।

याचिका का उल्लेख अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा के समक्ष किया गया है जिन्होंने बृहस्पतिवार के लिए राज्य और पीड़िता के अभिभावक को नोटिस जारी किये। अदालत ने मुकेश के वकील से कहा कि अभियोजक को याचिका की प्रति उपलब्ध कराई जाये।

निचली अदालत द्वारा इन दोषियों को फांसी देने के लिये वारंट जारी करने के सात जनवरी के आदेश के खिलाफ दोषी की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने विचार करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने उसकी सुधारात्मक याचिका को खारिज कर दिया था।

उसने उसी दिन राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की। दक्षिण दिल्ली में 16-17 दिसंबर, 2012 की रात में चलती बस में छह दरिंदों ने 23 वर्षीय छात्रा से सामूहिक बलात्कार के बाद बुरी तरह से जख्मी हालत में पीड़िता को सड़क पर फेंक दिया था। इस छात्रा की बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी।

Web Title: Nirbhaya case: Death penalty to all four, youngest prisoner most troubled, walking in the closet

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