नरेंद्र सिंह तोमर के साथ तस्वीर पर निहंग प्रमुख का दावा- सिंघु बॉर्डर छोड़ने के लिए दिया गया था पैसों का लालच
By विनीत कुमार | Published: October 20, 2021 09:01 AM2021-10-20T09:01:22+5:302021-10-20T09:04:08+5:30
निहंगों के प्रमुख बाबा अमन सिंह ने कहा है कि सिंघु बॉर्डर छोड़ने के लिए उन्हें 10 लाख रुपये और उनके संगठन के लिए 1 लाख रुपये की पेशकश की गई थी।
नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन और हाल में सिंघु बॉर्डर पर एक शख्स की बेरहमी से हत्या की घटना के बीच मंगलवार को कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के साथ निहंगों के प्रमुख बाबा अमन सिंह की सामने आई एक कथित तस्वीर ने विवाद खड़ा कर दिया। सिख धार्मिक गुरु ने आरोप लगाया कि केंद्र ने सिंधु बॉर्डर पर जारी आंदोलन स्थल को छोड़ने के लिए निहंगों को पैसे की पेशकश की थी।
सामने आई तस्वीर में पंजाब के पूर्व पुलिस अधिकारी गुरमीत सिंह पिंकी भी शामिल हैं। गुरमीत सिंह को सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है और एक हत्या के मामले में वे दोषी ठहराए गए थे। साथ ही तस्वीर में भाजपा नेता हरविंदर गरेवाल भी हैं। बताया जा रहा है कि ये तस्वीर एक मीटिंग की है जो लगभग दो महीने पहले हुई थी।
बता दें कि अमन सिंह गुट का एक सदस्य दलित सिख की सिंघु बॉर्डर पर हुई लिंचिंग का मुख्य आरोपी है। अमन सिंह ने घटना के बाद अपने बयान में हत्या को जायज ठहराया था।
सिंघु बॉर्डर छोड़ने के लिए के लिए 10 लाख की पेशकश
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अमन सिंह ने कहा, 'किसानों के विरोध स्थल को छोड़ने के लिए मुझे 10 लाख रुपये की पेशकश की गई थी। मेरे संगठन को भी एक लाख रुपये की पेशकश की गई थी। हमें लेकिन खरीदा नहीं जा सकता।'
उन्होंने कहा कि निहंग संगठन 27 अक्टूबर को फैसला करेंगे कि सिंघु बॉर्डर पर रहना है या नहीं। दूसरी ओर कृषि मंत्रालय ने इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
गुरमीत सिंह ने कहा- मेरे सामने नहीं की गई पेशकश
वहीं, संपर्क करने पर गुरमीत सिंह ने कहा, 'यह सच है कि मैं बाबा अमन को जानता हूं, और हम अगस्त में मंत्री के घर गए थे। यात्रा का उद्देश्य लेकिन अलग था। मैं किसी निजी काम से गया था। जबकि निहंग संप्रदाय के मुखिया कृषि विधेयकों को लेकर बात कर रहे थे। मेरे सामने लेकिन पैसों का कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया था। मुझे नहीं पता कि उनके और तोमर के बीच क्या हुआ था।'
बता दें कि कृषि कानूनों पर गतिरोध को समाप्त करने के लिए तोमर लगातार किसान नेताओं से मुलाकात करते रहे हैं।इस बीच पंजाब के डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मंगलवार को कहा कि निहंग नेता के साथ तोमर की कथित तस्वीर ने लोगों के मन में संदेह पैदा कर दिया है।
'किसान आंदोलन को बदनाम करने की हो रही कोशिश'
डिप्टी सीएम ने बिना किसी का नाम लिए दावा किया कि वही निहंग नेता हत्या के मुख्य आरोपी का "बचाव" कर रहे थे। निहंग समूह ने पीड़ित पर एक सिख पवित्र ग्रंथ को अपवित्र करने का आरोप लगाया था।
रंधावा ने कहा, 'निहंग नेताओं में से एक के भारत सरकार विशेष रूप से कृषि मंत्री के संपर्क में होने के हालिया खुलासे के मद्देनजर लिंचिंग की घटना ने अब एक पूरी तरह से अलग मोड़ ले लिया है।"
मंत्री ने दावा किया, 'ऐसा प्रतीत होता है कि किसानों के आंदोलन को बदनाम करने की गहरी साजिश रची जा रही है।'
उन्होंने कहा कि तरनतारन जिले के चीमा कलां गांव के रहने वाले दलित पीड़ित लखबीर सिंह बेहद गरीब परिवार से थे। पंजाब के मंत्री ने कहा, 'हमें यह पता लगाने की जरूरत है कि किसने उसे सिंघु बॉर्डर के लिए किसने फुसलाया और उसकी यात्रा के लिए किसने खर्च किया क्योंकि वह अपना खाना भी नहीं खरीद सकता था।'
डिप्टी सीएम ने कहा कि उन्होंने स्थानीय प्रशासन को यह पता लगाने का निर्देश दिया है कि किस परिस्थिति में व्यक्ति को उसके घर से सिंघु बॉर्डर पर ले जाया गया।