NIA की पूछताछ में बड़ा खुलासा- PFI के टारगेट पर थी पीएम मोदी की पटना रैली, एजेंसी द्वारा जब्त दस्तावेज में हुए चौंकाने वाले खुलासे

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 24, 2022 12:58 PM2022-09-24T12:58:15+5:302022-09-24T13:03:24+5:30

 एनआईए ने दावा किया कि पीएफआई के कार्यालयों और उसके नेताओं के ठिकानों पर की गई देशव्यापी छापेमारी के दौरान जब्त दस्तावेजों में बेहद संवेदनशील सामग्री मिली है। दस्तावेजों के मुताबिक एक समुदाय विशेष के प्रमुख नेताओं को निशाना बनाया गया है।

NIA inquiry PM Modi Patna rally was on target of PFI many sensitive documents seized by agency | NIA की पूछताछ में बड़ा खुलासा- PFI के टारगेट पर थी पीएम मोदी की पटना रैली, एजेंसी द्वारा जब्त दस्तावेज में हुए चौंकाने वाले खुलासे

NIA की पूछताछ में बड़ा खुलासा- PFI के टारगेट पर थी पीएम मोदी की पटना रैली, एजेंसी द्वारा जब्त दस्तावेज में हुए चौंकाने वाले खुलासे

Highlights इसी साल 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटना रैली पीएफआई के निशाने पर थी।एजेंसी ने दावा किया कि पीएफआई ने युवाओं को लश्कर-ए-तैयबा, अल कायदा में शामिल होने के लिए बरगलाया। जब्त दस्तावेज के मुताबिक, समुदाय विशेष के प्रमुख नेताओं को निशाना बनाया जा रहा था।

कोच्चिः एनआईए ने दावा किया है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटना रैली थी। केरल से संगठन के गिरफ्तार सदस्य शफीक पैठ से पूछताछ में ये खुलासा हुआ है। शफीक ने एजेंसी को बताया कि लीडर रैली के दौरान माहौल बिगाड़ना चाहते थे और इसके लिए बाकयदा बैनर- पोस्टर भी बनाए गए थे। इसी साल 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटना में रैली थी। शफीक के मुताबिक ये रैली PFI के टारगेट पर थी। रैली का माहौल खराब करने वाले लोगों को पीएफआई ने ट्रेनिंग भी दी थी।

 एनआईए ने दावा किया कि पीएफआई के कार्यालयों और उसके नेताओं के ठिकानों पर की गई देशव्यापी छापेमारी के दौरान जब्त दस्तावेजों में बेहद संवेदनशील सामग्री मिली है। दस्तावेजों के मुताबिक एक समुदाय विशेष के प्रमुख नेताओं को निशाना बनाया गया है। कोच्चि में विशेष एनआईए अदालत में सौंपी गई रिमांड रिपोर्ट में जांच एजेंसी ने यह आरोप भी लगाया है कि इस चरमपंथी इस्लामी संगठन ने युवाओं को लश्कर-ए-तैयबा और इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) जैसे आतंकवादी समूहों में शामिल होने के लिए बरगलाया। 

एनआईए ने कोच्चि में दर्ज एक मामले के संबंध में 10 आरोपियों की हिरासत की मांग करते हुए 22 सितंबर को अदालत में रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पीएफआई ने हिंसक जिहाद के तहत आतंकवादी कृत्यों को अंजाम दिया और भारत में इस्लामी शासन की स्थापना की साजिश रची। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पीएफआई 'लोगों के एक वर्ग के समक्ष सरकारी नीतियों की गलत व्याख्या पेश कर भारत के प्रति नफरत फैलाने और सत्ता तथा उसके अंगों के खिलाफ घृणा का भाव उत्पन्न करने का काम करता है।'

 एजेंसी ने कहा, 'जांच में सामने आया है कि प्राथमिकी में नामजद आरोपी संगठित अपराध और अवैध गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल थे। वे समाज के अन्य धार्मिक वर्गों और आमजन के बीच दहशत पैदा करने का काम करते थे।' एनआईए ने 22 सितंबर को 11 राज्यों में छापेमारी कर पीएफआई के 106 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, 'छापेमारी के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों में ऐसी सामग्री पाई गई है, जिससे पता चलता है कि एक समुदाय विशेष के प्रमुख नेताओं को निशाना बनाया जा रहा था। इस 'हिट लिस्ट' से मालूम होता है कि पीएफआई अपने नेताओं के माध्यम से समुदायों के बीच तनाव पैदा करने का काम कर रहा था।'

 एनआईए ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि संगठन का इरादा शांति और सद्भाव को भंग करना तथा वैकल्पिक न्याय व्यवस्था चलाना था। रिपोर्ट के अनुसार, पीएफआई ने युवाओं को लश्कर-ए-तैयबा, अल कायदा और आईएसआईएस जैसे आतंकवादी समूहों में शामिल होने के लिए बरगलाया। इसमें कहा गया है कि इस्लामी चरमपंथी संगठन ने हिंसक जिहाद के तहत आतंकवादी कृत्यों को अंजाम दिया और भारत में इस्लामी शासन की स्थापना की साजिश रची। एजेंसी ने कहा कि आरोपियों और पीएफआई के कार्यालय से जब्त उपकरणों का तिरुवनंतपुरम स्थित सी-डैक में विश्लेषण किए जाने की जरूरत है। 

भाषा इनपुट के साथ

Web Title: NIA inquiry PM Modi Patna rally was on target of PFI many sensitive documents seized by agency

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