प्लेन हाइजैक की अफवाह फैलाने वाले बिरजू किशोर सल्ला को उम्रकैद, संशोधित कानून के तहत ये पहली सजा
By भाषा | Published: June 12, 2019 08:55 AM2019-06-12T08:55:37+5:302019-06-12T08:55:37+5:30
संशोधित विमान अपहरण निरोधक कानून के तहत पहली बार किसी को सजा सुनाते हुए एक विशेष एनआईए अदालत ने मंगलवार को यहां मुंबई के उस कारोबारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जिसने अक्टूबर 2017 में जेट एयरवेज के एक विमान में अपहरण की धमकी वाला नोट लिखकर छोड़ा था।
विशेष एनआईए अदालत के न्यायाधीश के एम दवे ने कहा कि दोषी कारोबारी बिरजू सल्ला द्वारा जमा की जाने वाली जुर्माने की राशि प्रभावित विमान में सवार रहे चालक दल के सदस्यों और यात्रियों के बीच बांटी जाएगी। सल्ला पर 30 अक्टूबर को विमान के शौचालय के टिशू पेपर बॉक्स में अंग्रेजी और उर्दू में धमकी भरा नोट लिखकर विमान अपहरण की अफवाह फैलाने का आरोप है।
घटना के बाद, सल्ला ‘‘राष्ट्रीय उड़ान निषेध सूची’’ में डाला जाने वाला पहला व्यक्ति बना था और उस पर कड़े विमान अपहरण निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था।
एनआईए ने पिछले साल जनवरी में उसके खिलाफ विमान अपहरण रोधी कानून की धाराओं 3 (1), 3 (2)(ए) और 4 (बी) के तहत आरोप पत्र दायर किया था। उसे अक्टूबर 2017 में विमान की अहमदाबाद हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग के बाद गिरफ्तार किया गया था।