एनजीटी का मेघालय सरकार को अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश
By भाषा | Published: August 4, 2021 06:19 PM2021-08-04T18:19:54+5:302021-08-04T18:19:54+5:30
नयी दिल्ली, चार अगस्त राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने मेघालय सरकार को राज्य में अवैध खनन करने वालों और स्टोन क्रशर चलाने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर दो महीने के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति अमित स्थलेकर और विशेषज्ञ सदस्य साइबल दासगुप्ता की पीठ ने एक समिति का गठन भी किया है और उसे मेघालय में पत्थर क्रशर से मलबे के निपटारे के परिणामस्वरूप गुवाहाटी में जलाशयों को हुए पर्यावरणीय क्षरण पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
समिति में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, शिलांग में क्षेत्रीय कार्यालय, मेघालय राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमएसपीसीबी) के वरिष्ठ वैज्ञानिक और आईआईटी गुवाहाटी, सिविल इंजीनियरिंग विभाग के एक प्रोफेसर शामिल हैं।
एनजीटी पीठ ने गत दो अगस्त को एक आदेश में कहा, ‘‘समिति मेघालय की पत्थर की खदानों से गुवाहाटी शहर और उसके आसपास के मलबे के निपटारे के मुद्दे पर गौर करेगी।’’
अधिकरण ने कहा कि समिति की रिपोर्ट दाखिल करने और सभी साजोसामान उद्देश्यों के लिए एमएसपीसीबी नोडल कार्यालय होगा।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता संजय उपाध्याय और सालिक शफीक ने कहा कि मेघालय सरकार ने अवैध खनन करने वाले के तौर पर नामजद कई लोगों को इसकी स्थिति रिपोर्ट में बिल्कुल भी नहीं दिखाया है और यह निर्धारित करने की आवश्यकता है कि ये लोग कौन हैं।
राज्य सरकार ने इससे पहले एनजीटी को बताया था कि उसने राज्य में 133 अवैध पत्थर खदानों, क्रशर और खनन इकाइयों पर 153 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
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