पंजाब के अस्पताल को खराब वेंटिलेटर भेजने की खबरें निराधार : केंद्र

By भाषा | Published: May 13, 2021 04:30 PM2021-05-13T16:30:57+5:302021-05-13T16:30:57+5:30

News of sending bad ventilator to Punjab hospital unfounded: Center | पंजाब के अस्पताल को खराब वेंटिलेटर भेजने की खबरें निराधार : केंद्र

पंजाब के अस्पताल को खराब वेंटिलेटर भेजने की खबरें निराधार : केंद्र

नयी दिल्ली, 13 मई केंद्र ने बृहस्पतिवार को उन खबरों को ‘‘निराधार’’ करार दिया जिनमें कहा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा पीएम केयर्स फंड के तहत पंजाब के फरीदकोट स्थित जीजीएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को भेजे गए वेंटिलिटर बेकार पड़े हैं क्योंकि इनमें तकनीकी खामियां हैं जिनका समाधान नहीं हो सका है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि गुरु गोबिंद सिंह (जीजीएस) मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में अवसंरचना के अभाव की वजह से ये जीवनरक्षक मशीन खराब हुई हैं।

मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा अस्पताल अवसंरचना को मजबूत करने के क्रम में केंद्र सरकार अप्रैल 2020 से वेंटिलेटर सहित अत्यावश्यक चिकित्सा उपकरण खरीदती रही है और इन्हें राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों/केंद्रीय अस्पतालों/संस्थानों को उपलब्ध कराती रही है।

इसने अपने बयान में कहा, ‘‘मीडिया में कुछ ऐसी खबरें आई हैं कि भारत सरकार ने जीजीएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, फरीदकोट, पंजाब को (पीएम केयर्स की मदद से) जो वेंटिलेटर भेजे थे, वे तकनीकी खामियों की वजह से बेकार पड़े हैं जिनका विनिर्माताओं की बिक्री बाद की तकनीकी मदद प्रणाली ठीक न होने के कारण समाधान नहीं हो सका है।’’

मंत्रालय ने कहा, ‘‘ये खबरें निराधार प्रतीत होती हैं जिनमें मामले को लेकर पूरी जानकारी नहीं है।’’

इसने कहा ‘‘ मीडिया में आईं इन खबरों, कि एग्वा निर्मित 80 वेंटिलेटर में से 71 वेंटिलेटर अस्पताल में बेकार पड़े हैं, पर स्पष्ट किया जाता है कि 88 वेंटिलेटर भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) द्वारा और पांच एग्वा द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं। ’’

बयान में कहा गया कि ये वेंटिलेटर सफलतापूर्वक स्थापित और शुरू किए गए थे तथा अस्पताल के अधिकारियों ने इस संबंध में अंतिम स्वीकृति प्रमाणपत्र उपलब्ध कराया था।

इसमें कहा गया कि मीडिया के एक तबके में आईं खबरों के विपरीत बीईएल ने सूचना दी है कि ज्यादातर वेंटिलेटर खराब नहीं हैं।

मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि संबंधित इंजीनियरों ने प्राप्त शिकायतों के समाधान एवं मामूली खामियों को तुरंत दुरुस्त करने के लिए कई बार मेडिकल कॉलेज का दौरा किया है।

बयान में कहा गया कि यह पाया गया कि ऑक्सीजन और गैस पाइपलाइनों में आवश्यक दबाव न होने सहित अस्पताल की अवसंरचना में समस्याएं हैं। प्रवाह सेंसर, जीवाणु फिल्टर और एचएमई फिल्टर, अस्पताल अधिकारियों द्वारा निर्धारित नियमों के अनुरूप नहीं बदले जा रहे हैं या वेंटिलेटर इन इन महत्वपूर्ण वस्तुओं के बिना इस्तेमाल किए जा रहे हैं।

इसमें कहा गया कि बीईएल के इंजीनियरों ने बृहस्पतिवार को अस्पताल का फिर दौरा किया और पांच वेंटिलेटर कुछ चीजों को बदलकर दुरुस्त कर दिए जो इस बात का सबूत है कि यदि वेंटिलेटर उचित ढंग से इस्तेमाल किए जाएंगे तो विश्वसनीय प्रदर्शन करेंगे।

मंत्रालय ने कहा कि पंजाब में कई अस्पतालों/मेडिकल कॉलेजों में संबंधित महत्वपूर्ण चीजों का पालन नहीं किया जा रहा और इसकी जगह वे वेंटिलेटर खराब होने की बात कह रहे हैं जो निराधार है।

इसने स्पष्ट किया कि बीईएल राज्य को जरूरी सभी तकनीकी मदद उपलब्ध कराना जारी रखेगी।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कई राज्य ऐसे हैं जिन्हें वेंटिलेटर मिल गए हैं, लेकिन अभी उन्होंने इन्हें अपने अस्पतालों में अब तक स्थापित नहीं किया है।

इसने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने 11 अप्रैल को ऐसे सात राज्यों को पत्र लिखा था जिनके पास 50 से अधिक वेंटिलेटर हैं जो चार-पांच महीने से स्थापित नहीं किए गए हैं।

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