गुरु के 'साहिबजादों' को स्कूल के नाटक में दिखाने पर सिखों ने जताई नाराजगी, पुराना वीडियो वायरल होने पर स्कूल प्रबंधन ने मांगी माफी
By आजाद खान | Published: January 14, 2022 05:03 PM2022-01-14T17:03:34+5:302022-01-14T17:10:08+5:30
इस पर स्कूल के प्रबंधन ने कहा कि मामला बहुत पुराना है लेकिन इसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल किया गया है।
अमृतसर: गुजरात के अहमदाबाद में सिख समुदाय के एक गुरु के 'साहिबजादों' को नाटक में पेश करने से विवाद शुरू हो गया है। बता दें कि यहां के एक निजी स्कूल के प्रबंधन ने छात्रों के एक नाटक के माध्यम से सिखों के 10वें गुरु के 'साहिबजादों' की भूमिका को प्रदर्शित किया था। जिसके बाद विवाद गहराने लगा तो स्कूल के प्रबंधन ने इसके लिए माफी भी मांगी है। एसजीपीसी ने गुरूवार को एक बयान में यह जानकारी दी है। इस पर बोलते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि सिख 'रेहत मर्यादा' (आचार संहिता) और परंपराओं के अनुसार, कोई भी व्यक्ति सिख गुरूओं और उनके परिवार के सदस्यों को इस तरह प्रदर्शित नहीं कर सकता। बता दें कि यह नाटक बहुत पहले हुआ था लेकिन उसका वीडियो अब जाकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था।
सिख मिशन गुजरात ने इस पर संबंधित स्कूल से मांगा स्पष्टीकरण
बता दें कि इस बयान में कहा गया है कि एसजीपीसी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो के रूप में साझा किए गए नाटक का संज्ञान लिया है। इस पर हरजिंदर सिंह धामी के निर्देशों के बाद, एसजीपीसी की धर्म प्रचार समिति के तहत सिख मिशन गुजरात के 'प्रचारकों' ने संबंधित स्कूल से नाटक के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया था। वहीं इस मामले को स्कूल प्रबंधन के संज्ञान में लाए जाने के बाद उसने (स्कूल प्रबंधन ने) लिखित माफीनामा भी जारी किया है।
क्या कहा निजी स्कूल के प्रबंधन ने
इस मामले में निजी स्कूल के प्रबंधन ने एसजीपीसी के प्रचारकों को सूचित किया कि वीडियो 2019 का है। लेकिन हाल ही में किसी ने इसे सोशल मीडिया पर अपलोड किया था। एसजीपीसी के बयान में आगे यह कहा गया है कि स्कूल प्रबंधन ने यह स्वीकार किया कि इस तरह की घटना 'मर्यादा' (आचार संहिता) और सिख धर्म के नियमों के बारे में उनकी जानकारी की कमी के कारण हुई है। निजी स्कूल के प्रबंधन ने इसके बारे में सिख 'संगत' से माफी मांगी है और यह भी कहा कि वह सिख धर्म का सम्मान करते है और भविष्य में ऐसी गलती नहीं दोहराई जाएगी।