बिहार में सम्राट अशोक प्रकरण के बाद अब शराबबंदी कानून पर आमने-सामने हुए सत्तारूढ़ दल के दोनों घटक; भाजपा और जदयू में चल रहे हैं व्यंग्य बाण
By एस पी सिन्हा | Published: January 15, 2022 04:01 PM2022-01-15T16:01:07+5:302022-01-15T16:08:35+5:30
बता दें कि बिहार सरकार के मंत्री और भाजपा नेता नितिन नवीन ने भी इस विवाद में जदयू प्रवक्ता को मर्यादा में रहने की नसीहत दी है।
पटना: बिहार में सम्राट अशोक प्रकरण को लेकर जदयू-भाजपा के बीच बढी हुई तल्खियां अब शराबबंदी कानून तक पहुंच गया है. इसके बाद दोनों दलों के नेता एक दूसरे पर कीचड उछालने से बाज नहीं आ रहे हैं. राज्य में भाजपा एक और बडा मुद्दा मिल गया.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायवसाल ने शराबबंदी पर सवाल उठाते हुए सरकार को जमीनी हकीकत से अंजान बताया, तो जदयू ने अपने सबसे जूनियर प्रवक्ता को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को सार्वजनिक तौर पर जलील करने के लिए छोड दिया.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, मुख्ममंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में जहरीली शराब से नौ लोगों की हुई मौत के बाद भाजपा एक बार फिर से आक्रमक हो गई है. डा. जायसवाल ने जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा को संबोधित करते हुए फेसबुक पर लिखा कि मीडिया से बाहर निकलिए, शराबबंदी की सच्चाई पता चल जाएगी. इसके बाद जदयू प्रवक्ता ने भी डा. जायसवाल पर पलटवार करते हुए फेसबुक पर लिखा कि आपका प्रवचन देने का कोई अर्थ नहीं है.
अभिषेक झा ने कहा है कि संजय जायसवाल ने 12 जनवरी को एनडीए को कमजोर करने वाला बयान दिया था. उसके बाद आज फिर उन्होंने विरोधाभाषी बयान दिया है. दोनों बयानों को पढने के बाद से ही स्पष्ट हो जाता है कि संजय जायसवाल का राजनीतिक चरित्र क्या है.
संजय जायसवाल ने कुछ ऐसे दी सफाई
जदयू प्रवक्ता ने संजय जायसवाल से पूछा है कि क्या उनका जो राजनीतिक आचरण है वही उनकी पार्टी का आचरण है. शराबबंदी के खिलाफ जो संजय जायसवाल बोलते हैं क्या वही उनके पार्टी का स्टैंड है.
संजय जायसवाल ने आज जो बयान दिया है उससे ये साफ होता है कि वे सफाई देने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन उनकी कलई खुल गई है. यदि स्मरण ना हो तो सभी बयानों का संकलन करके आपको भेजा जा सकता है.
जहरीली शराब पीने से आपके लोकसभा क्षेत्र में जब कुछ लोगों की मृत्यु हुई थी, आप संवेदना व्यक्त करने और सांत्वना स्वरूप पैसे बांटने गए थे. एनडीए सरकार की नीति के हिसाब से आपका यह आचरण सही था या गलत?
मेरे लोकसभा क्षेत्र में जहरीली शराब के कारण हुई मृत्यु-संजय जायसवाल
इसके बाद डा. संजय जायसवाल ने कहा कि मेरे लोकसभा क्षेत्र में जहरीली शराब के कारण हुई मृत्यु में, मेरे जाने पर अभिषेक झा मुझसे जवाब मांग रहे हैं. यह सवाल जदयू द्वारा है क्योंकि प्रवक्ता दल की बातें रखता है, व्यक्तिगत नहीं.
बताता हूं कि मैं जहरीली शराब से हुई मौतों के परिवारजनों के घर गया था और अगर भविष्य में भी कभी मेरे क्षेत्र में इस तरह की दुर्घटना घटेगी तो मैं जाऊंगा और आर्थिक मदद भी करुंगा.
गुनाहगार मरने वाले थे ना कि उनके परिवारजन. अगर कोई व्यक्ति जहरीली शराब से मरता है तो उसने निश्चित तौर पर अपराध किया है. पर, इससे प्रशासनिक विफलता के दाग को बचाया नहीं जा सकता और जब मैं इस शासन के एक घटक का अध्यक्ष हूं तो यह मेरी भी विफलता है.
वैसे भी मैं अभिषेक झा जी को याद दिला दूं कि कि मैंने मीडिया में कहा था कि शराबबंदी कानून की पुनः समीक्षा होनी चाहिए.
मैं 100 प्रतिशत शराबबंदी का समर्थक हूं. लेकिन जिस श्रेणी का अपराध हो सजा उसी श्रेणी की हो. 10 वर्ष का जेल केवल उन पुलिस अधिकारियों के लिए होना चाहिए, जिन्होंने माननीय नीतीश कुमार जी की इतने अच्छी सामाजिक सोच को नुकसान पहुंचाया है.
मेरी बात समझ में नहीं आ रही हो तो मीडिया की दुनिया से बाहर जाकर अपने पंचायत के किसी भी आम व्यक्ति से संपर्क कर लें. शराबबंदी और पुलिस की भूमिका समझ में आ जाएगी.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के बाद जदयू प्रवक्ता ने किया पलटवार
ऐसे में शराबबंदी कानून पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल के बयान के बाद जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा के पलटवार को लेकर दोनों दलों में असहज स्थिति बनी हुई है.
अब बिहार सरकार के मंत्री और भाजपा नेता नितिन नवीन ने जदयू प्रवक्ता को मर्यादा में रहने की नसीहत दी है. उन्होंने कहा है कि उन्हें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष से सवाल-जवाब करने का कोई अधिकार नहीं है.
नितिन नवीन ने कहा कि अभिषेक जी को गठबंधन की मर्यादा समझनी चाहिए. उन्हें दूसरे दल के प्रदेश अध्यक्ष से सवाल-जवाब का अधिकार नहीं है. कुछ बातें थीं तो उन्हें पार्टी फोरम पर रखना चाहिए था. उन्हें अभी बहुत कुछ सीखने की जरूरत है.