बिहार में विधान पार्षदों के लिए नवनिर्मित डुप्लेक्स आवास पहली ही बारिश में लगे चुने, कांग्रेस ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
By एस पी सिन्हा | Published: June 27, 2020 05:46 PM2020-06-27T17:46:39+5:302020-06-27T17:46:39+5:30
कांग्रेस ने नीतीश कुमार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर आरोप लगाया है कि विधायकों और विधान पार्षदों के आवास निर्माण में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है.
पटना: बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग के द्वारा विधायकों और विधान पार्षदों के लिए तैयार किए गये डुप्लेक्स में बरसात के बाद अब पानी चूने लगा है. बारिश की पानी की वजह से आवास में डैम्प और सीलन भी पड़ गया है.
इस तरह से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट विधायक-विधान पार्षदों के नवनिर्मित आवास के निर्माण में बडे पैमाने पर गडबडी की बतेम सामने आने लगी हैं.
कांग्रेस विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने डुप्लेक्स निर्माण कार्य में भारी अनियमितता का आरोप लगाया-
इसके वाद कांग्रेस विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने डुप्लेक्स निर्माण कार्य में भारी अनियमितता का आरोप लगाते हुए भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव चंचल कुमार को शिकायती पत्र लिखा है.
उन्होंने सीधा आरोप लगाया है कि विधायकों और विधान पार्षदों के आवास निर्माण में बडे स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है. विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव चंचल कुमार को लिखे पत्र में कहा है कि आपको स्मरण कराना है कि गत वर्ष ही विधान परिषद के सत्र में मैने अपने ध्यानाकर्षण प्रश्न के द्वारा सरकार द्वारा विधान परिषद सदस्यों के लिए नव निर्मित आवास में व्याप्त विभिन्न प्रकार की गम्भीर त्रुटियों के संबंध में ध्यान आकृष्ट कराया था तथा विभागीय मंत्री के द्वारा लिखित जवाब भी सकारात्मक आया था.
भवनों में लगभग 11 महीने गुजरने के बावजूद ग्रील नहीं लगाया गया-
इसके अलावा, इन भवनों में लगभग 11 महीने गुजरने के बावजूद ना तो ग्रील लगाया गया और ना हीं अन्य त्रुटियों यथा भवन में आई अनेकों क्रैक्स को ठीक करने की कोशिश की गई.
उन्होंने अपने शिकायती पत्र में लिखा है कि एक सप्ताह के अंदर आई बारिश ने कमजोर निर्माण की पोल खोल कर रख दी है. उन्होनें कहा है कि न सिर्फ मेरे लिए आवंटित आवास बल्कि प्रायः सभी माननीय सदस्यों के आवास में वर्षा के पानी के कारण बड़े पैमाने पर आये डैम्प के कारण सीलन और जहां-तहां मकान से पानी का रिसाव हो रहा है.
उन्होनें कहा है कि यह स्थिति ना सिर्फ चिंताजनक है बल्कि निर्माण कार्य के दौरान विभाग की अनदेखी और लापरवाही बरतने का पर्याप्त प्रमाण है. पूरे निर्माण कार्य में बडे पैमाने पर गुणवत्ता से समझौता किया गया है और ऐसा प्रतीत होता है कि निर्माण कार्य में सीमेंट की जगह सिर्फ बालू का ही प्रयोग हुआ है.
बेड रूम, ड्रॉइंग रूम तथा सभी जगहों से पानी के रिसाव-
जिस तरह से बाथ रूम, बेड रूम, ड्रॉइंग रूम तथा सभी जगहों से पानी के रिसाव और डैम्प तथा सौ से अधिक स्थानों पर दरार नज़र आने लगा है, वह कमजोर निर्माण की पुष्टि करता है.
प्रेमचंद्र मिश्रा ने अपने पत्र में आगे कहा है कि मैने कई बार यहां उपस्थित निर्माण कंपनी के स्टाफ आदि को इन त्रुटियों तथा वर्तमान रिसाव आदि के संबंध में बताया भी लेकिन इस संबंध में किसी भी प्रकार की पहल या समस्या के समाधान हेतु कोई कदम नही उठाए जाने के बाद एक बार फिर से पत्र लिख रहा हूं.
आप खुद इन आवासों को आकर देखें तथा आवश्यक कदम उठाएं. उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी लागत से निर्मित आवास में ऐसी समस्याओं का दो चार महीने के अंदर सामने आना कई प्रकार के सवालों को खड़ा करता है.
सरकार, विभाग और निर्माण कंपनी की जिम्मेदारी बनती है कि वह गुणवत्तापूर्ण, मजबूत आवासीय निर्माण को सुनिश्चित करे. लेकिन मुझे यह बताने में कोई झिझक नहीं की विधान पार्षदों के आवास निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार हुआ है.