दूसरी लहर में तबाही मचाने वाले कोरोना के 'डेल्टा' वैरिएंट ने बदला रूप, सामने आया 'डेल्टा प्लस', वैज्ञानिकों ने कही ये बात

By भाषा | Published: June 14, 2021 06:39 PM2021-06-14T18:39:52+5:302021-06-15T07:58:25+5:30

भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार वायरस के 'डेल्टा' वैरिएंट के नए रूप ‘डेल्टा प्लस’ का वैज्ञानिकों ने पता लगाया है। वैज्ञानिकों के अनुसार हालांकि इसे लेकर चिंता की बात अभी नहीं है।

New type of corona virus 'Delta Plus' detected, scientists said nothing to worry | दूसरी लहर में तबाही मचाने वाले कोरोना के 'डेल्टा' वैरिएंट ने बदला रूप, सामने आया 'डेल्टा प्लस', वैज्ञानिकों ने कही ये बात

भारत में कोरोना के 'डेल्टा' वैरिएंट का नया रूप मिला (फाइल फोटो)

Highlightsकोरोना वायरस का नया वैरिएंट मिला, इसे 'डेल्टा प्लस' नाम दिया गया है'डेल्टा प्लस' या ‘एवाई.1’ कोरोना वायरस के 'डेल्टा' वैरिएंट से बना हैभारत में दूसरी लहर में डेल्टा वैरिएंट ने ही तबाही मचाई थी, वैज्ञानिकों के अनुसार नए वैरिएंट के अभी बहुत कम मामले

नयी दिल्ली: कोरोना वायरस का अति संक्रामक ‘डेल्टा’ प्रकार उत्परिवर्तित होकर ‘डेल्टा प्लस’ या ‘एवाई.1’ बन गया है लेकिन भारत में अभी इसे लेकर चिंतित होने की कोई बात नहीं है क्योंकि देश में अब भी इसके बेहद कम मामले हैं। वैज्ञानिकों ने यह जानकारी दी।

‘डेल्टा प्लस’ प्रकार, वायरस के डेल्टा या ‘बी1.617.2’ प्रकार में उत्परिवर्तन होने से बना है जिसकी पहचान पहली बार भारत में हुई थी और यह महामारी की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार था।

हालांकि, वायरस के नए प्रकार के कारण बीमारी कितनी घातक हो सकती है इसका अभी तक कोई संकेत नहीं मिला है, डेल्टा प्लस उस ‘मोनोक्लोनल एंटीबाडी कॉकटेल’ उपचार का रोधी है जिसे हाल ही में भारत में स्वीकृति मिली है।

डेल्टा का नया वैरिएंट कितना खतरनाक?

दिल्ली स्थित सीएसआईआर- जिनोमिकी और समवेत जीव विज्ञान संस्थान (आईजीआईबी) में वैज्ञानिक विनोद स्कारिया ने रविवार को ट्वीट किया, “के417एन उत्परिवर्तन के कारण बी1.617.2 प्रकार बना है जिसे एवाई.1 के नाम से भी जाना जाता है।”

उन्होंने कहा कि यह उत्परिवर्तन सार्स सीओवी-2 के स्पाइक प्रोटीन में हुआ है जो वायरस को मानव कोशिकाओं के भीतर जाकर संक्रमित करने में सहायता करता है। स्कारिया ने ट्विटर पर लिखा, “भारत में के417एन से उपजा प्रकार अभी बहुत ज्यादा नहीं है। यह सीक्वेंस ज्यादातर यूरोप, एशिया और अमेरिका से सामने आए हैं।”

स्कारिया ने यह भी कहा कि उत्परिवर्तन, वायरस के विरुद्ध प्रतिरोधक क्षमता से भी संबंधित हो सकता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता विशेषज्ञ विनीता बल ने कहा कि हालांकि, वायरस के नए प्रकार के कारण ‘एंटीबाडी कॉकटेल’ के प्रयोग को झटका लगा है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वायरस अधिक संक्रामक है या इससे बीमारी और ज्यादा घातक हो जाएगी।

भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, पुणे में अतिथि शिक्षक बल ने कहा, “यह नया प्रकार कितना संक्रामक है यह इसके तेजी से फैलने की क्षमता को परखने में अहम होगा या इसका उलट भी हो सकता है।”

भारत में अभी नए वायरस वैरिएंट को लेकर चिंता की बात नहीं

उन्होंने यह भी कहा कि नए प्रकार से संक्रमित किसी व्यक्ति में रोगाणुओं से कोशिकाओं का बचाव करने वाले एंटीबाडी की गुणवत्ता और संख्या उत्परिवर्तन के कारण प्रभावित होने की आशंका नहीं है। श्वास रोग विशेषज्ञ और चिकित्सा अनुसंधानकर्ता अनुराग अग्रवाल ने बल के मत का समर्थन किया।

सीएसआईआर-आईजीआईबी के निदेशक अग्रवाल ने कहा, “अभी वायरस के इस प्रकार को लेकर भारत में चिंता की कोई बात नहीं है।”

उन्होंने कहा कि टीके की पूरी खुराक ले चुके लोगों के रक्त प्लाज्मा से वायरस के इस प्रकार का परीक्षण करना होगा जिससे पता चलेगा कि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को चकमा दे पाता है या नहीं।

Web Title: New type of corona virus 'Delta Plus' detected, scientists said nothing to worry

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