सीजफायर के बाद नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन हो रहे विकसित, जम्मू कश्मीर जाएं तो यहां जाना न भूलें
By सुरेश एस डुग्गर | Published: June 17, 2021 06:40 PM2021-06-17T18:40:46+5:302021-06-17T18:44:53+5:30
जम्मू कश्मीर के अधिकारियों को उम्मीद है कि प्रदेश में कम होते आतंकवाद और दोनों मुल्कों के बीच सीमाओं पर जारी सीजफायर की बयार में अब प्रदेश में आने वाले टूरिस्टों के लिए नए डेस्टीनेशन भी खुलेंगें।
जम्मूः जम्मू कश्मीर के अधिकारियों को उम्मीद है कि प्रदेश में कम होते आतंकवाद और दोनों मुल्कों के बीच सीमाओं पर जारी सीजफायर की बयार में अब प्रदेश में आने वाले टूरिस्टों के लिए नए डेस्टीनेशन भी खुलेंगें। जिन स्थानों को टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर तैयार किया जा रहा है, उनके बारे में अभी तक सोचा भी नहीं जा सकता था। इसका कारण उनका एलओसी अर्थात लाइन आफ कंट्रोल और इंटरनेशनल बार्डर पर स्थित होना है।
कुछ डेस्टिनेशन पर टूरिस्ट ने इनका लाभ उठाना भी आरंभ कर दिया है। जो सड़क मार्ग जम्मू से होकर पाकिस्तान के सियालकोट तक जाता है, उसके रास्ते में सीमा पर पड़ने वाली सीमा चौकी सुचेतगढ़ अर्थात आक्ट्राय पोस्ट पर तो अब टूरिस्ट का मेला लगने लगा है।
यह बात अलग है कि आए दिन वहां पर्यटकों की भीड़ के कारण सीमा चौकी की रखवाली करने वाले बीएसएफ जवानों को दिक्कत हो रही है, लेकिन पर्यटकों के दौरों से वीरान सीमा चौकी पर आने वाली बहार उन्हें भी खुशी दे रही है।
देश के बंटवारे के पूर्व इस रास्ते ट्रेन भी पाकिस्तान के सियालकोट तक जाती थी। यह सड़क मार्ग आज भी अच्छी हालत में है, क्योंकि इसका इस्तेमाल यूएनओ द्वारा किया जा रहा है। सड़क मार्ग को व्यापार व लोगों के आवागमन के लिए खोलने की मांग की जा रही है तो रेल को भी बहाल करने की मांग है।
आक्ट्राय बॉर्डर पोस्ट के बाद दूसरी जगहों पर तैयारी
आक्ट्राय बॉर्डर पोस्ट के नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में सामने आने से अधिकारी भी खुश हैं। यही कारण है कि वे अब पुंछ में चक्कां-दा-बाग, उड़ी-मुज्जफराबाद मार्ग पर अमन सेतू पुल, चमलियाल मेला और आरएसपुरा के संगराल इलाके के नौ गजिया पीर के स्थान को भी टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर बदलने की तैयारी में जुटे हुए हैं।
वाघा बॉर्डर की तर्ज पर करेंगे तैयार
अधिकारी कहते हैं कि इनमें से चक्कां-दा-बाग तथा अमन सेतू को भी वाघा बार्डर की तरह तैयार किया जाएगा, ताकि आने वाले उन दृश्यों को अपनी आंखों से देख सकें जो बिछुड़े परिवारों के मिलने और बिछुड़ने के दौरान होता है। जबकि नौ गजिया पीर पर पहले साल में एक बार तो अब महीने में एक बार मेला लगता है, जिसमें अक्सर पाकिस्तानी रेंजर भी शिरकत करते हैं।
मेले का लुत्फ उठा सकेंगे टूरिस्ट
इसी प्रकार चमलियाल सीमा चौकी पर साल में एक बार लगने वाले मेले का भी लुत्फ आने वाले टूरिस्ट उठा पाएंगे। इसके लिए जम्मू टूरिज्म विभाग द्वारा की गई तैयारियां अंतिम दौर में हैं जिनमें टूरिस्टों के रहने के लिए व्यवस्था भी की जा रही है।