दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने नई शिक्षा नीति की खामियों पर खुलकर सामने रखी अपनी बात, जानें क्या कहा
By सुमित राय | Published: July 30, 2020 06:46 PM2020-07-30T18:46:13+5:302020-07-30T18:46:13+5:30
दिल्ली के शिक्षा मंत्री और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को नई शिक्षा नीति की खामियों पर खुलकर अपनी बात सामने रखी और बताया कि इसके साथ 2 मुद्दे हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी, जिसमें स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं, साथ ही शिक्षा क्षेत्र में खर्च को सकल घरेलू उत्पाद का 6 प्रतिशत करने तथा उच्च शिक्षा में साल 2035 तक सकल नामांकन दर 50 फीसदी पहुंचने का लक्ष्य है। दिल्ली के शिक्षा मंत्री और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक दिन बाद नई शिक्षा नीति पर खुलकर अपनी बात सामने रखी और कहा कि नई शिक्षा नीति 'हाइली रेगुलेटेड और पुअरली फंडेड' है।
मनीष सिसोदिया ने कहा, "देश 34 साल से नई शिक्षा नीति का इंतजार कर रहा था, जो अब हमारे सामने है। यह एक दूरंदेशी दस्तावेज है, जो आज की शिक्षा प्रणाली की खामियों को स्वीकार करता है, लेकिन इसके साथ दो मुद्दे हैं।"
उन्होंने आगे बताया, "नई शिक्षा नीति में 2 खामियां- पहली कि ये अपनी पुरानी समझ, परंपराओं के बोझ से दबी है और उससे मुक्त नहीं हो पाई है। दूसरा ये पॉलिसी भविष्य की जरूरतों की बात तो करती है, लेकिन लोगों तक कैसे पहुंचेगी इसे लेकर भ्रमित है।"
Secondly, the Policy doesn't say how will the reforms, it speaks of, will be achieved. The Policy is either silent or confused on those issues: Manish Sisodia, Delhi Deputy Chief Minister and Minister of Education https://t.co/o06oBfDFH3
— ANI (@ANI) July 30, 2020
मनीष सिसोदिया ने कहा, "नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रगतिशील है, लेकिन इसे लागू करने की रूपरेखा का अभाव है। यह अत्यधिक विनियमित, कमजोर वित्त पोषित शिक्षा प्रणाली की सिफारिश करती है।" इसके साथ ही उन्होंने कहा, "नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के सरकार के दायित्व से बचने का प्रयास है।"