राफेल डील पर नए खुलासे से मोदी सरकार पर सवाल, यूपीए से 'बेहतर शर्तों' पर नहीं हुआ सौदा
By आदित्य द्विवेदी | Published: February 13, 2019 12:47 PM2019-02-13T12:47:14+5:302019-02-13T12:47:14+5:30
राफेल विमान सौदे पर 'द हिंदू' अखबार ने बुधवार को एक और बड़ा खुलासा किया है।
राफेल विमान सौदे पर 'द हिंदू' अखबार ने बुधवार को एक और बड़ा खुलासा किया है। खुलासे में दावा किया गया है कि मोदी सरकार का राफेल विमान सौदा यूपीए सरकार के 126 एयरक्राफ्ट सौदे से 'बेहतर शर्तों' पर नहीं हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक 36 राफेल विमानों को खरीदने के लिए मोदी सरकार ने यूपीए सरकार से महंगा सौदा किया है। इसके अलावा डिलीवरी की तारीख भी यूपीए की तुलना में सुस्त है। द हिंदू की इस रिपोर्ट को रक्षा मंत्रालय के तीन सीनियर अधिकारियों के हवाले से प्रकाशित किया गया है।
द हिंदू की रिपोर्ट में दावा,
- रक्षा मंत्रालय ने के अधिकारियों ने मोदी सरकार के सौदे पर विरोध का एक नोट भी भेजा था।
- ये अधिकारी दसॉ कंपनी से बातचीत करने वाली रक्षा मंत्रालय की टीम का हिस्सा थे।
- इन अधिकारियों के नाम हैं एमपी सिंह, एआर सुले और राजीव वर्मा। इन अधिकारियों ने जून 2016 में विरोध जताते हुए डिप्टी ऑफ एयर स्टॉफ को एक नोट भेजा था।
सरकार का दावा उलटा
मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया था कि उन्होंने 36 विमानों की खरीद यूपीए सरकार से सस्ते दाम में की है। इसके अलावा डिलीवरी की तारीख भी यूपीए से तेज और चुस्त है। द हिंदू अखबार की रिपोर्ट का ताजा खुलासा सरकार के इस दावे पर सवाल खड़े कर रहा है।
सीएजी रिपोर्ट में सरकार को क्लीन चिट
बुधवार को संसद में राफेल सौदे पर सीएजी रिपोर्ट पेश की गई। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यूपीए सरकार की अपेक्षा करीब 3 प्रतिशत सस्ती दरों पर मोदी सरकार विमान खरीद की है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 126 एयरक्राफ्ट डील के मुकाबले 36 राफेल विमान सौदे में भारत ने 17.08 प्रतिशत पैसे बचाए हैं। सीएजी रिपोर्ट में मूल्यांकन करते समय कीमतों को गोपनीय रखा है। प्रतिस्पर्धी कंपनी से ये तुलना प्रतिशत में की गई है। यह भी पढ़ेंः- राफेल डील पर CAG रिपोर्ट में मोदी सरकार को क्लीन चिट, यूपीए के मुकाबले सस्ते में हुआ सौदा