कृषि क्षेत्र में नए-नए बदलाव, नरेंद्र सिंह तोमर बोले- किसानों की आय बढ़ाएंगे
By एसके गुप्ता | Published: September 21, 2020 08:52 PM2020-09-21T20:52:44+5:302020-09-21T21:05:04+5:30
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने विद्यार्थी और संकाय सुविधाओं में बढ़ोतरी करने के लिए छात्रावासों, प्रयोगशालाओं के आधुनिकीकरण, स्मार्ट और वर्चुअल कक्षाओं में अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं।
नई दिल्लीः किसानों की आय दोगुनी करने के लिए केंद्र की ओर से कृषि क्षेत्र में नए-नए बदलाव किए जा रहे हैं। इसी दिशा में केंद्र की ओर से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कृषि शिक्षा का सुदृढ़ीकरण और विकास नामक योजना चलाई गई है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने विद्यार्थी और संकाय सुविधाओं में बढ़ोतरी करने के लिए छात्रावासों, प्रयोगशालाओं के आधुनिकीकरण, स्मार्ट और वर्चुअल कक्षाओं में अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं।
जिससे छात्र खेती-किसानी के पारंपरिक तरीकों के साथ नए बदलावों और उन्नत खेती के तरीकों से रूबरू हो रहे हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह जानकारी संसद में एक प्रश्न के जवाब में दी। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में युवाओं को उच्च शिक्षित करने के लिए छात्रों को एक हजार रुपए से लेकर 75 हजार रुपए महीने तक की स्कॉलरशिप दी जा रही हैं।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि छात्रों के अंदर कृषि को लेकर उद्यमिता मॉडल विकसित हों। इस दिश में ‘स्टूडेंट रेडी’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसमें छात्र ग्रामीण विकास के तहत कृषि शोध कार्यों से जुड़कर वहां व्यवसाय के नए मॉडल बनाते हैं। इसके अलावा कृषि विश्वविद्यालयों की पढ़ाई को वैज्ञानिक और व्यवहारिक बनाने के लिए पाठ्यक्रम में बड़े स्तर पर बदलाव किए गए हैं।
उन्नत बीजों की पहचान, कम भूमि में ज्यादा उत्पादन, खेती और सिंचाई के बेहतर तरीकों की जानकारी छात्रों को दी जा रही है। उत्पादन के साथ फसलों के संरक्षण और फूड प्रोसेसिंग की जानकारी उन्हें दी जाती है। इन नए बदलावों से कृषि विश्वविद्यालयों में दाखिले के तरीकों में भी बदलाव हुआ है।
अब कृषि में उच्च शिक्षा के लिए दाखिले प्रवेश परीक्षा के आधार पर मिलते हैं। इससे अखिल भारतीय स्तर पर जो छात्र वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाकर इस क्षेत्र में करियर बनाने चाहते हैं। उनके लिए अवसरों की कमी नहीं है।