देश मोदी सरकार के नोटबंदी के ‘तुगलकी फरमान’ को न तो कभी भूले और न ही इसके लिए उसे कभी माफ करेः सोनिया

By भाषा | Published: November 8, 2019 06:08 PM2019-11-08T18:08:15+5:302019-11-08T18:08:15+5:30

कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री और उनके सहयोगियों ने इस गलत फैसले की कभी जिम्मेदारी नहीं ली जिसने 120 से अधिक लोगों की जान ले ली और यह भारत के मध्यम और छोटे व्यापार को तबाह करने वाला साबित हुआ।

Never forget the 'Tughlaqi Decree' of demonetisation of the Modi government, and never forgive him for this: Sonia | देश मोदी सरकार के नोटबंदी के ‘तुगलकी फरमान’ को न तो कभी भूले और न ही इसके लिए उसे कभी माफ करेः सोनिया

इसने बेगुनाह देशवासियों को भारी नुकसान पहुंचाया।

Highlightsप्रधानमंत्री और उनके सहयोगियों ने 2017 के बाद नोटबंदी के बारे में बोलना बंद कर दिया है।उन्होंने कहा कि नोटबंदी संभवत: भाजपा के बिना सोचे समझे शासन मॉडल का सबसे सटीक प्रतीक है।

कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार के तीन साल पहले आज ही के दिन लिये गये नोटबंदी के फैसले को ‘तुगलकी फरमान’ बताया और कहा कि इससे कई लोगों की आजीविका छिन गई।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि देश मोदी सरकार के इस फैसले को न तो कभी भूले और न ही इसके लिए उसे कभी माफ करे। गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री और उनके सहयोगियों ने इस गलत फैसले की कभी जिम्मेदारी नहीं ली जिसने 120 से अधिक लोगों की जान ले ली और यह भारत के मध्यम और छोटे व्यापार को तबाह करने वाला साबित हुआ।

गांधी ने एक बयान में कहा, ‘‘मोदी सरकार इस ऊटपटांग और बिना सोचे समझे उठाये गए कदम की जिम्मेदारी से बचने का चाहे जितना भी प्रयास कर ले, देश की जनता यह सुनिश्चित करेंगी कि इसके लिये उसे जवाबदेह ठहराया जाये।’’

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और उनके सहयोगियों ने 2017 के बाद नोटबंदी के बारे में बोलना बंद कर दिया है और वह उम्मीद कर रहे हैं कि देश इसे भूल जाएगा। यह उनके लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि न तो देश और न ही इतिहास इसे भूले या माफ करे। ऐसा इसलिए क्योंकि भाजपा के उलट हम ‘राष्ट्र हित’ में कार्य करते हैं।’’

उन्होंने कहा कि नोटबंदी संभवत: भाजपा के बिना सोचे समझे शासन मॉडल का सबसे सटीक प्रतीक है। यह निरर्थक उपाय था जिसको लेकर दुष्प्रचार किया गया और इसने बेगुनाह देशवासियों को भारी नुकसान पहुंचाया। गांधी ने कहा, ‘‘स्वयं जिम्मेदारी लेने के बारे में खोखली बयानबाजी के बावजूद प्रधानमंत्री और उनके सहयोगियों ने कभी भी इस गलत कदम की न तो जिम्मेदारी ली और न ही इसे स्वीकार किया।

इस गलत फैसले ने 120 से अधिक लोगों की जान ले ली (एक मोटे अनुमान के अनुसार) और भारत के मध्यम एवं छोटे व्यापार को तबाह कर दिया, भारत के किसानों की आजीविका छीन ली और लाखों परिवारों को गरीबी के करीब ला दिया।’’

गांधी ने याद किया कि आठ नवम्बर 2016 को प्रधानमंत्री मोदी ने एक व्यापक प्रभाव वाले कदम के तहत 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट चलन से बाहर कर दिये थे और देश से कालाधन, जाली नोट समाप्त करने और आतंकवाद एवं नक्सलवाद से छुटकारा दिलाने का वादा किया था। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने उच्चतम न्यायालय से भी कहा था कि 3,00,000 करोड़ रुपये के कालाधन से छुटकारा मिल जाएगा क्योंकि यह फिर से चलन में नहीं आयेगा।

उसके बाद प्रधानमंत्री ने नकदी का इस्तेमाल कम करने और इसके स्थान पर डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ाने का उद्देश्य भी जनता के सामने रखा था। उन्होंने कहा, ‘‘तीन वर्ष बाद प्रधानमंत्री मोदी इन मोर्चों पर असफल रहे हैं।’’ कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष ने कहा कि आरबीआई ने इसकी पुष्टि की है कि 500 रुपये और 1000 रुपये के जो नोट चलन से बाहर हुए थे उनमें से 99.3 प्रतिशत नोट वापस बैंकों में पहुंच चुके हैं और कोई फायदा नहीं हुआ।

‘‘नकली नोटों की बात कोरी साबित हुई और ऐसे बहुत मामूली प्रतिशत नोट ही चलन में थे (यह जानकारी भी रिजर्व बैंक ने ही दी)।’’ गांधी ने कहा कि सरकार के अपने प्रकाशित आंकड़े बताते हैं कि नोटबंदी के बाद आतंकवादी और नक्सली गतिविधियों में वास्तव में बढ़ोतरी हुई है तथा प्रचलन में जारी नोटों की संख्या नोटबंदी के पहले के मुकाबले 22 प्रतिशत तक बढ़ गई।

उन्होंने कहा, ‘‘हर भारतीय की ओर से आज यही सवाल पूछा जा रहा है... कि आखिर नोटबंदी से क्या हासिल हुआ?’’ उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में इससे यह हुआ कि अर्थव्यवस्था से एक करोड़ से अधिक नौकरियां समाप्त हो गईं (और यह अभी भी जारी है), बेरोजगारी की दर 45 वर्ष के उच्च स्तर पर पहुंच गई, जीडीपी की वृद्धि दर में स्पष्ट तौर पर दो प्रतिशत की कमी आयी और भारत की अंतरराष्ट्रीय रिण साख ‘स्थिर’ से ‘नकरात्मक’ हो चुकी है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र अर्थशास्त्रियों की नजर में यह एक बड़ी भूल है और इसने पूरी दुनिया को सिखाया है कि सरकारों को क्या नहीं करना चाहिए।

Web Title: Never forget the 'Tughlaqi Decree' of demonetisation of the Modi government, and never forgive him for this: Sonia

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