राष्ट्रीय शिक्षा नीति को हर तरह के दबाव से मुक्त रखा गया, पीएम मोदी ने छात्रों को दिया ये संदेश, पढ़ें खास बातें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 29, 2021 06:14 PM2021-07-29T18:14:10+5:302021-07-29T18:15:36+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्र निर्माण के ‘महायज्ञ’ में बड़े तत्वों में से एक है और यह युवाओं को विश्वास दिलाती है कि देश अब पूरी तरह से उनके हौसलों के साथ है।
नई दिल्लीः राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की पहली वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश भर के शिक्षाविदों, छात्रों और शिक्षकों को संबोधित किया। मोदी ने कहा, "नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के एक वर्ष पूरे होने पर सभी देशवासियों और सभी छात्रों को बधाई।"
प्रधानमंत्री के अनुसार, "पिछले एक साल में, आप सभी देश के गणमान्य व्यक्तियों, शिक्षकों, प्रधानाचार्यों, नीति निर्माताओं ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सतह पर लाने के लिए कड़ी मेहनत की है।" प्रधानमंत्री ने पांच क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों की घोषणा करने का भी अवसर लिया।
We mark a year of the launch of one of the most landmark policy reforms in India-New Education Policy 2020. When the world was at its peak of struggling to cope with the COVID19 pandemic, our govt came up with this transformative policy:Union Education Minister Dharmendra Pradhan pic.twitter.com/jx9P9vsvU0
— ANI (@ANI) July 29, 2021
मोदी ने कहा, "मुझे खुशी है कि 8 राज्यों में 14 इंजीनियरिंग कॉलेज 5 भारतीय भाषाओं - हिंदी, तमिल, तेलुगु, मराठी और बंगाली में शुरू होने जा रहे हैं। इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम का 11 भारतीय भाषाओं में अनुवाद करने के लिए एक टूल भी विकसित किया गया है।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्र निर्माण के ‘महायज्ञ’ में बड़े तत्वों में से एक है और यह युवाओं को विश्वास दिलाती है कि देश अब पूरी तरह से उनके हौसलों के साथ है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दिए जाने के एक साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक समारोह में प्रधानमंत्री ने ‘एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट’, क्षेत्रीय भाषाओं में प्रथम वर्ष के इंजीनियरिंग कार्यक्रम और उच्च शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए दिशानिर्देश सहित शिक्षा क्षेत्र से जुड़े कई कार्यक्रमों की शुरुआत भी की।
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, कई राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री, राज्यपाल और उपराज्यपाल, विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षा व कौशल विकास के क्षेत्र से जुड़े देश भर के नीति निर्माता, छात्र और शिक्षक भी शामिल हुए।
I am happy to share that there are 14 engineering colleges in 8 states which offer education in 5 different Indian languages including Hindi-Tamil, Telugu, Marathi, and Bangla: PM Modi pic.twitter.com/TbASJuP0Ec
— ANI (@ANI) July 29, 2021
देश आजादी के 75 वर्ष का अमृत महोतसव मना रहा है
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ऐसे समय में आयी है जब देश आजादी के 75 वर्ष का अमृत महोतसव मना रहा है और एक तरह से राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियानवयन आजादी के अमृत महोत्सव का हिस्सा बन गया है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को एक साल पूरा होने पर सभी देशवासियों और विद्यार्थियों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने में संबंधित हितधारकों ने बहुत मेहनत की है।
उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य में हम कितना आगे जाएंगे, कितनी ऊंचाई प्राप्त करेंगे, ये इस बात पर निर्भर करेगा कि हम अपने युवाओं को वर्तमान में, यानि आज कैसी शिक्षा दे रहे हैं, उन्हें हम कैसी दिशा दे रहे हैं। मैं मानता हूं भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्र निर्माण के महायज्ञ में बड़े कारकों में से एक है।’’
अच्छी पढ़ाई के लिए विदेशों से छात्र भारत आयें
मोदी ने कहा, ‘‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति युवाओं को यह विश्वास दिलाती है कि देश अब पूरी तरह से उनके साथ है, उनके हौसलों के साथ है।’’ उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का युवा अपनी दुनिया खुद अपने हिसाब से बनाना चाहता है, वह मौका चाहता है और पुराने बंधनों व पिंजरों से मुक्ति चाहता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने दशकों से ये माहौल देखा है जब समझा जाता था कि अच्छी पढ़ाई करने के लिए विदेश ही जाना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अच्छी पढ़ाई के लिए विदेशों से छात्र भारत आयें... सर्वश्रेष्ठ संस्थान भारत आयें... यह अब हम देखने जा रहे हैं। ’’
प्रधानमंत्री ने जिन अन्य पहलों की शुरुआत की उनमें ग्रेड 1 के छात्रों के लिए तीन महीने का नाटक आधारित स्कूल तैयारी मॉड्यूल ‘‘विद्या प्रवेश’’, माध्यमिक स्तर पर एक विषय के रूप में भारतीय सांकेतिक भाषा, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए तैयार किए गए एकीकृत कार्यक्रम निष्ठा 2.0, सफल (सीखने के स्तर के विश्लेषण के लिए संरचित मूल्यांकन), सीबीएसई स्कूलों में ग्रेड 3, 5 और 8 के लिए एक योग्यता आधारित मूल्यांकन ढांचा और पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को समर्पित एक वेबसाइट शामिल हैं।
नई शिक्षा नीति सतत विकास के लिए एजेंडा 2030 के अनुकूल
उन्होंने कहा, ‘‘आज शुरू हुई योजनाएं नए भारत के निर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाएंगी।’’ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है और 34 वर्षीय पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति की जगह लाई गई है। सबके लिए आसान पहुंच, इक्विटी, गुणवत्ता, वहनीयता और जवाबदेही के आधारभूत स्तंभों पर निर्मित यह नई शिक्षा नीति सतत विकास के लिए एजेंडा 2030 के अनुकूल है।
इसका उद्देश्य 21वीं सदी की जरूरतों के अनुकूल स्कूल और कॉलेज की शिक्षा को अधिक समग्र, लचीला बनाते हुए भारत को एक ज्ञान आधारित जीवंत समाज और ज्ञान की वैश्विक महाशक्ति में बदलना तथा प्रत्येक छात्र में निहित अद्वितीय क्षमताओं को सामने लाना है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को पिछले साल 29 जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी। इस नीति में शिक्षा की पहुंच, समता, गुणवत्ता, वहनीयता और उत्तरदायित्व जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया है।