मद्रास हाई कोर्ट ने नीट घोटाला मामले में आयकर विभाग को भी पक्षकार बनाया, जानें क्या है पूरा मामला
By भाषा | Published: October 25, 2019 08:55 PM2019-10-25T20:55:38+5:302019-10-25T20:55:38+5:30
कर्नाटक के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता जी परमेश्वर के न्यास की ओर से चलाए जा रहे कॉलेजों और प्रमुख कारोबारी समूहों के ठिकानों पर छापेमारी के बाद आयकर विभाग ने बताया था कि उसे करीब 100 करोड़ रुपये की अघोषित आय की जानकारी मिली है।
मद्रास उच्च न्यायालय ने नीट घोटाले के मामले में शुक्रवार को आयकर विभाग को पक्षकार बनाया। अदालत ने यह फैसला तमिलनाडु के कोचिंग सेंटर और बेंगलुरु के चिकित्सा महाविद्यालय में आयकर विभाग के छापे के दौरान बड़ी मात्रा में नकदी जब्त करने के मद्देनजर किया।
न्यायमूर्ति एन किरुबाकरण और न्यायमूर्ति पी वेलुमुरुगन की खंडपीठ ने कहा कि जो राशि जब्त की गई है उसे कथित तौर पर छात्रों ने चिकित्सा महाविद्यालय में प्रवेश के लिए दिया था। अदालत ने आयकर विभाग के निदेशक (अन्वेषण), नई दिल्ली को चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए होने वाली राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) में कथित तौर पर दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने के मामले में प्रतिवादी पक्षकार बनाया।
उल्लेखनीय है कि आयकर विभाग को छात्रों के शुल्क रसीद में हेरफेर करके कर चोरी करने की खुफिया जानकारी मिली थी जिसके आधार पर 12 अक्टूबर को तमिलनाडु के नमक्कल से संचालित कोचिंग केंद्र पर छापा मार कर 30 करोड़ रुपये की बेनामी नकदी जब्त की थी। आयकर विभाग को समूह के 150 करोड़ रूपये की अघोषित आय का भी पता चला था।
कर्नाटक के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता जी परमेश्वर के न्यास की ओर से चलाए जा रहे कॉलेजों और प्रमुख कारोबारी समूहों के ठिकानों पर छापेमारी के बाद आयकर विभाग ने बताया था कि उसे करीब 100 करोड़ रुपये की अघोषित आय की जानकारी मिली है और उसने 8.82 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। आयकर विभाग का मानना है कि अघोषित नगदी 185 सीटों के लिए नकद डोनेशन के रूप में दी गई थी। प्रत्येक सीट के लिए औसतन 50 से 65 लाख रुपये लिए गए थे।
अदालत चिकित्सा महाविद्यालय में प्रवेश के इच्छुक छात्र एस धीरन की याचिका पर सुनवाई कर रही है। इसमें धीरन ने मांग की है कि अदालत तमिलनाडु सरकार को प्रबंधन कोटे के तहत विभिन्न महाविद्यालयों की 207 एमबीबीएसम सीटों पर प्रवेश के लिए उचित और दूसरे चरण की काउंसिलिंग कराने का निर्देश दे। गौरतलब है कि पिछले महीने थेनी चिकित्सा महाविद्यालय में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र के प्रवेश में धांधली की आशंका जताई गई थी।
जांच में पता चला कि उसके स्थान पर किसी और ने नीट की परीक्षा दी थी जिसके बाद अदालत नीट परीक्षा में गड़बड़ी का संज्ञान लेते हुए विस्तृत पहलुओं पर सुनवाई कर रही है। इससे पहले मद्रास उच्च न्यायालय ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भी पक्षकार बनाने का निर्देश दिया था।
पीठ ने तमिलनाडु के चिकित्सा महाविद्यालय में प्रवेश लेने वाले छात्रों की सूची 30 अक्टूबर तक नीट को ई-मेल के जरिये भेजने का निर्देश दिया है। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) प्रवेश लेने वाले छात्रों के मूल अंगूठे के निशान तमिलनाडु की सीबी-सीआईडी को भेजेगी जो इस घोटाले की जांच कर रही है। इस बीच अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख चार नवंबर तय की है।