NEET paper leak row: शिक्षा मंत्रालय ने 7 सदस्यीय समिति का गठन किया, सुधारों पर 2 महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपेगी
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: June 22, 2024 04:33 PM2024-06-22T16:33:08+5:302024-06-22T16:34:06+5:30
7 सदस्यीय समिति की अध्यक्षता इसरो के पूर्व प्रमुख डॉ. के राधाकृष्णन करेंगे। समिति में डॉ. रणदीप गुलेरिया, प्रोफेसर बी जे राव, प्रोफेसर राममूर्ति के, पंकज बंसल, आदित्य मित्तल, गोविंद जयसवाल भी शामिल हैं।
नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय ने एनईईटी (NEET) और यूजीसी-नेट विवाद के बीच परीक्षाओं के पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन को सुनिश्चित करने के लिए शनिवार को विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। समिति परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और एनटीए की संरचना और कार्यप्रणाली पर सिफारिशें करेगी। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक कमेटी 2 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेगी।
7 सदस्यीय समिति की अध्यक्षता इसरो के पूर्व प्रमुख डॉ. के राधाकृष्णन करेंगे। समिति में डॉ. रणदीप गुलेरिया, प्रोफेसर बी जे राव, प्रोफेसर राममूर्ति के, पंकज बंसल, आदित्य मित्तल, गोविंद जयसवाल भी शामिल हैं। इससे पहले शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने किसी भी अनियमितता के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा किया है।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कमियों के लिए नैतिक जिम्मेदारी ली और कहा कि सरकार शून्य-त्रुटि परीक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन उन्होंने एनईईटी (NEET) परीक्षा रद्द करने की मांग को मानने से इनकार कर दिया। बता दें कि NEET मेडिकल प्रवेश परीक्षा है जिसके माध्यम से देश भर में एमबीबीएस की सीटें भरी जाती हैं। प्रधान ने कहा कि मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
छात्रों के हितों की रक्षा और परीक्षाओं की पारदर्शिता और अखंडता के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्पष्ट किया कि परीक्षा को सीधे रद्द नहीं किया जाएगा जब तक कि सरकार को बड़े पैमाने पर अनियमितता, विशेष रूप से पेपर लीक के विश्वसनीय सबूत नहीं मिलते।
एनईईटी (NEET) परीक्षा में पेपर लीक का मामला अब राजनीतिक रंग भी ले चुका है। कांग्रेस ने कहा है कि नीट परीक्षा में ‘घोटाला सिर्फ छात्रों के साथ धोखा नहीं, बल्कि देश के भविष्य के साथ धोखा है। कांग्रेस की मांग है कि शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का न सिर्फ इस्तीफा होना चाहिए बल्कि उनसे पूछताछ भी होनी चाहिए।