NEET में OBC आरक्षण को लेकर बवाल, 11000 सीटों के नुकसान का दावा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 15, 2021 03:33 PM2021-07-15T15:33:01+5:302021-07-15T15:36:28+5:30
NEET में पूरी तरह OBC आरक्षण लागू करने की मांग, तेजस्वी यादव का आरोप, "मोदी सरकार ने OBC समाज की पीठ में छुरा घोंपा, नहीं बनने देना चाहते पिछड़े वर्ग के छात्रों को डॉक्टर"
देश भर के मेडिकल संस्थानों में एडमिशन के लिए आयोजित होने वाली NEET परीक्षा में ओबीसी आरक्षण को लेकर बवाल मचा हुआ है। सरकार ने हाल में NEET 2021 की तारीख के साथ ही इस परीक्षा के लिए आरक्षण नीति का भी ऐलान किया। ओबीसी के अलावा आरक्षित वर्गों को देशभर के सभी मेडिकल संस्थानों में आरक्षण की बात कही गई हैं जबकि ओबीसी आरक्षण सिर्फ राष्ट्रीय संस्थान और केंद्रीय विश्वविद्यालयों तक ही सीमित रखा गया हैं। सरकार ने इस फैसले के पीछे सुप्रीम कोर्ट के चल रहे केस को जिम्मेदार ठहराया हैं। मेडिकल संस्थानों में ओबीसी आरक्षण को लेकर 2015 से ही यह मामला सुप्रीम कोर्ट के पास विचाराधीन हैं।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी ओबीसी आरक्षण का समर्थन करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा। तेजस्वी ने ट्विटर पर आरोप लगाया कि मोदी सरकार पिछड़े वर्गों के छात्रों को डॉक्टर नहीं बनने देना चाहती। उन्होंने कहा कि बीजेपी-आरएसएस ने कभी ओबीसी समाज का भला नहीं चाहा और मोदी सरकार ने ओबीसी समाज की पीठ में केवल छुरा घोंपने का काम किया हैं।
यादव ने ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ अदर बैकवर्ड क्लास (AIFOBC) द्वारा जुटाए गए आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2017 से अब तक आरक्षण न मिलने की वजह से ओबीसी छात्रों को 11 हजार से ज्यादा सीटों का नुकसान हुआ हैं
कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने यह मामला पिछले साल भी प्रधानमंत्री मोदी के सामने उठाया था। सोनिया गांधी ने पीएम को चिट्ठी लिख कहा था कि, आरक्षण ओबीसी छात्रों का संवैधानिक अधिकार है, जिससे उन्हें वंचित नहीं रखा जाना चाहिए।
परीक्षा की तारीखों के ऐलान के बाद से सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा छाया हुआ हैं। कई छात्रों ने सरकार से अपने साथ हो रहे अन्याय की शिकायत की है, आल इंडिया ओबीसी स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने भी शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से इस मामले के परीक्षा से पहले निपटारे की अपील की है। इस साल NEET 12 सितंबर को आयोजित की जाएगी।