NEET 2021: असम के दिव्यांग राहुल दास ने किया कमाल, चाय बेचकर पहले प्रयास में नीट उत्तीर्ण, एम्स-दिल्ली में बनेंगे डॉक्टर

By भाषा | Published: February 5, 2022 06:46 PM2022-02-05T18:46:14+5:302022-02-05T19:36:10+5:30

NEET 2021: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि राहुल दास की पढ़ाई का सारा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।

NEET 2021 Assam tea seller rahul das clears NEET first attempt set take admission in AIIMS-Delhi | NEET 2021: असम के दिव्यांग राहुल दास ने किया कमाल, चाय बेचकर पहले प्रयास में नीट उत्तीर्ण, एम्स-दिल्ली में बनेंगे डॉक्टर

मैं हमेशा से एक डॉक्टर बनना चाहता था।

Highlightsडॉक्टर बनने का सपना नहीं छोड़ा।दास ने वर्ष 2015 में बारहवीं की परीक्षा पास की थी।पैसों के अभाव में पढ़ाई छोड़ दी थी।

NEET 2021:असम के एक चाय विक्रेता ने पहले ही प्रयास में नीट उत्तीर्ण कर एम्स-दिल्ली में सीट हासिल की है। राज्य के बजली जिले के निवासी 24 वर्षीय राहुल दास के लिए अपनी मां द्वारा संचालित दुकान में ग्राहकों को चाय परोसना और इसके साथ ही पढ़ाई करना कोई आसान काम नहीं था लेकिन उन्होंने इन चुनौतियों का सामना किया और अपना लक्ष्य प्राप्त करने में सफल रहे।

उनका सफर आसान नहीं था। दास और उनके भाई का लालन-पालन उनकी मां ने किया, जो करीब 11 साल पहले अपने दो बेटों की देखभाल के लिए अकेली रह गई थीं। गरीबी ने दास को 12वीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर किया, लेकिन उन्होंने डॉक्टर बनने का सपना नहीं छोड़ा।

दास ने कहा कि वह जिले के पटाचरकुची चौक इलाके में अपनी मां की दुकान पर ग्राहकों की सेवा करने के बीच पढ़ाई के लिए समय निकालते थे। उन्होंने कहा, "मैंने अपनी माँ को हमारे लिए कड़ी मेहनत करते देखा है। हम दुकान पर एक सहायक नहीं रख सकते थे। मैं किसी न किसी तरह से उनकी मदद करता ... मैंने चाय बनाई और बेची तथा जब भी संभव होता, मैं दुकान में पढ़ने के लिए बैठ जाता।" दास ने वर्ष 2015 में बारहवीं की परीक्षा पास की थी और फिर पैसों के अभाव में पढ़ाई छोड़ दी थी।

हालांकि, उच्च शिक्षा के लिए उत्साह के चलते दो साल बाद दास प्लास्टिक इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के लिए सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी पहुंच गए। दास ने तीन साल बाद विशिष्ट योग्यता (85 प्रतिशत अंक) के साथ इस पाठ्यक्रम में सफलता अर्जित की और गुवाहाटी में एक बहु-राष्ट्रीय कंपनी में 'क्वालिटी इंजीनियर' के रूप में अक्टूबर 2020 में कोविड महामारी के बीच नौकरी शुरू की। उन्होंने कहा, "नौकरी से कोई संतुष्टि नहीं थी... मैं हमेशा से एक डॉक्टर बनना चाहता था।

मेरे एक चचेरे भाई डेंटल सर्जन हैं और वह मेरी प्रेरणा बने। मैंने अपनी नौकरी छोड़ने का फैसला किया और जो भी संसाधन थे, नीट की तैयारी शुरू कर दी। ये संसाधन ऑनलाइन उपलब्ध थे क्योंकि मेरे पास किताबें खरीदने के लिए पैसे नहीं थे।’’ दास के एक हाथ को जलने से नुकसान पहुंचा था।

उन्होंने कहा कि नीट में उन्हें 12,068 वां स्थान मिला है, लेकिन उनके अनुसूचित जाति और दिव्यांगता प्रमाणपत्रों ने उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में प्रवेश दिलाने में मदद की। उन्होंने उन सभी का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने परिवार की जरूरत के समय में आर्थिक या अन्य माध्यमों से मदद की। दास ने कहा, ‘‘माँ की दुकान मंटू कुमार शर्मा के स्वामित्व वाली जमीन पर है, जिनकी पटाचरकुची चौक पर हार्डवेयर की एक बड़ी दुकान है। लेकिन उन्होंने हमसे कभी किराया नहीं लिया।

वास्तव में, उन्होंने अब दिल्ली के लिए मेरा टिकट बुक कराया है।’’ उन्होंने कहा, "हम जिला उपायुक्त भारत भूषण देवचौधरी के आवास के पास के परिसर में रहते हैं। उन्होंने कई तरह से हमारी मदद की है। असम के मंत्री रंजीत कुमार दास ने दो दिन पहले हमारी दुकान का दौरा किया और तत्काल जरूरत के लिए मुझे 10,000 रुपये दिए।"

संपर्क करने पर देवचौधरी ने बताया कि परिवार पटाचरकुची में उनके पुश्तैनी घर के परिसर में रहता है और उन्होंने इसके लिए कभी किराया नहीं लिया। उपायुक्त ने कहा, "हमें राहुल पर बहुत गर्व है क्योंकि वह एम्स, नई दिल्ली में सीट पाने वाले बजली जिले के पहले व्यक्ति हैं।" देवचौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि दास की पढ़ाई का सारा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। दास को राष्ट्रीय राजधानी में उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद है। उनका अकादमिक सत्र जून से शुरू होगा।

Web Title: NEET 2021 Assam tea seller rahul das clears NEET first attempt set take admission in AIIMS-Delhi

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