पश्चिम बंगाल में स्थिति सामान्य करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहा है एनडीआरएफ: अधिकारी
By भाषा | Published: May 24, 2020 05:41 PM2020-05-24T17:41:44+5:302020-05-24T17:41:44+5:30
पश्चिम बंगाल में चक्रवात के कारण जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, कई मकान ढह गए हैं, पेड़ उखड़ गए हैं और बिजली के तार टूट गए हैं। एनडीआरएफ की दूसरी बटालयिन के कमांडेंट निशीथ उपाध्याय ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 38 दल पुनर्वास काम में तेजी लाने के लिए अत्याधुनिक उपकरणों के साथ राज्य के विभिन्न हिस्सों में तैनात किए गए हैं।
कोलकाता: आपदा प्रबंधन में विशेषज्ञता रखने वाले एनडीआरएफ के दल चक्रवात ‘अम्फान’ से बुरी तरह प्रभावित हुए पश्चिम बंगाल में हालात पुन: सामान्य करने के अभियान में दिन-रात मदद कर रहे हैं। बल के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि एनडीआरएफ कर्मी राज्य में स्थिति सामान्य करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।
राज्य में चक्रवात के कारण जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, कई मकान ढह गए हैं, पेड़ उखड़ गए हैं और बिजली के तार टूट गए हैं। एनडीआरएफ की दूसरी बटालयिन के कमांडेंट निशीथ उपाध्याय ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 38 दल पुनर्वास काम में तेजी लाने के लिए अत्याधुनिक उपकरणों के साथ राज्य के विभिन्न हिस्सों में तैनात किए गए हैं। इनमें से 19 दल केवल कोलकाता में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘चक्रवात ने पश्चिम बंगाल के केवल तटीय क्षेत्रों ही नहीं, बल्कि राजधानी में भी भारी तबाही मचाई है। शहर में हम कोलकाता नगर निगम के अधिकारियों के साथ मिलकर काम रहे हैं।’’
उपाध्याय ने कहा, ‘‘जिलों में भी हमारे दलों ने निचले इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया और उन्हें आवश्यक चिकित्सकीय सहायता मुहैया कराई।’’ उन्होंने कहा कि कर्मियों को पहले से ही तैनात किए जाने से राज्य के छह जिलों में यह सुनिश्चित करने में मदद मिली कि जान का नुकसान कम से कम हो। उपाध्याय ने कहा, ‘‘हमने समय पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का अभियान चलाया। इसके अलावा हमने चक्रवात से पहले ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय भाषाओं में जागरुकता कार्यक्रम चलाया। तटवर्ती क्षेत्रों में मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने को कहा गया।’’
उन्होंने कहा कि कोलकाता एवं इसके निकटवर्ती जिलों की सभी अहम सड़कों को साफ कर दिया गया है और टूटे पेड़ों को हटा दिया गया है। एनडीआरएफ की पहली बटालयिन के कमांडेंट विजय सिन्हा ने कहा कि पटना की पांच टीमें (हर टीम में 25 से 30 लोग) अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से राज्य में युद्ध स्तर पर बचाव एवं स्थिति सामान्य करने का काम कर रही हैं। अभियान में एनडीआरएफ के समक्ष आ रही बड़ी चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर उपाध्याय ने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करने के लिए सावधानी बरत रहे हैं कि हमारे कर्मी या आम लोग कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में न आएं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग आश्रय स्थलों में जाने के लिए शुरुआत में राजी नहीं थे। इसका एक कारण कोरोना वायरस संक्रमण का डर था। हमने उन्हें शिविरों में जाने के लिए मना लिया और यह सुनिश्चित किया कि उनकी सुरक्षा के लिए मास्क एवं सैनिटाइजर की उचित व्यवस्था हो।’’ चक्रवात अम्फान के कारण पश्चिम बंगाल में 80 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और लाखों लोग बेघर हो गए हैं।