राहुल गांधी की संसद से अयोग्यता पर एनडीए में पड़ी फूट, पीएमके मुखिया अंबुमणि रामदास ने कहा, "राहुल को अयोग्य घोषित किया जाना ठीक नहीं"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 27, 2023 07:28 AM2023-03-27T07:28:03+5:302023-03-27T07:33:36+5:30
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में कांग्रेस नेता और केरल के वायनाड से पूर्व सांसद रहे राहुल गांधी को संसद से अयोग्य ठहराये जाने पर मतभेद पैदा हो गया है। एनडीए की सहयोगी पार्टी पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) ने रविवार को राहुल गांधी को संसद से अयोग्य ठहराये जाने की सजा को अनुचित बताते हुए उसका विरोध किया।

राहुल गांधी की संसद से अयोग्यता पर एनडीए में पड़ी फूट, पीएमके मुखिया अंबुमणि रामदास ने कहा, "राहुल को अयोग्य घोषित किया जाना ठीक नहीं"
चेन्नई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र की सत्ता का संचालन कर रही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में कांग्रेस नेता और केरल के वायनाड से पूर्व सांसद रहे राहुल गांधी की संसद से अयोग्य ठहराये जाने पर मतभेद पैदा हो गया है। तमिलनाडु में एनडीए की सहयोगी पार्टी पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) ने रविवार को राहुल गांधी को संसद से अयोग्य ठहराये जाने की सजा को अनुचित बताते हुए उसका विरोध किया और पार्टी की ओर से कहा गया है कि कि राहुल गांधी की सजा उनके द्वारा दिये भाषण के अनुपात में कहीं ज्यादा है। इस कारण राहुल गांधी को जल्दबाजी में लोकसभा से अयोग्य नहीं ठहराया जाना चाहिए था।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान के अनुसार पीएमके प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री अंबुमणि रामदास ने तमिलनाडु के धर्मपुरी में कहा, "हमारा कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं हैं, लेकिन बावजूद इसके हमें यह लगता है कि राहुल गांधी को उनके भाषण की बड़ी सजा मिली है। 'मोदी' उपनाम को लेकर राहुल गांधी द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी को लेकर मानहानि के मुकदमें में अदालत द्वारा उन्हें केवल चेतावनी देकर छोड़ देना चाहिए था।"
रामदास ने आगे कहा, "मेरे हिसाब से यह गलत फैसला है। इसके अलावा अदालत की सजा के आधार पर उन्हें संसद से अयोग्य ठहराया जाना भी गलत फैसला है। भाजपा इस मामले में जल्दबाजी से बच सकती थी। वो उन्हें अपील करने के लिए समय दे सकती थी। अगर अदालत से उन्हें सजा में राहत नहीं मिलती तो वे कार्रवाई कर सकते थे।”
इस बीच तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी ने रविवार को कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र की एनडीए सरकार द्वारा राहुल गांधी को अयोग्य ठहराना एडॉल्फ हिटलर और बेनिटो मुसोलिनी की तरह किये गये कार्यों के समान है। वहीं कांग्रेस की सहयोगी डीएमके ने राहुल मामले में कहा कि तीन दिनों में इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता फिर से बहाल किया जाए।
तमिलनाडु कांग्रेस ने राहुल गांधी की संसद से अयोग्यता पर आक्रामक होते हुए उनकी तुलना महात्मा गांधी से की। प्रदेश कांग्रेस ने कहा कि राहुल गांधी, महात्मा गांधी की तरह हैं। महात्मा गांधी के पास सार्वजनिक जीवन में कोई निर्वाचित पद नहीं था लेकिन बावजूद उसके दुनिया उन्हें सुनती थी। राहुल गांधी ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा जो गलत और असत्य हो। उन्हें संसद से बाहर इसलिए किया गया क्योंकि मुद्दा यह था कि भाजपा वाले नहीं चाहते थे कि राहुल गांधी संसद में बोलें क्योंकि संसद के अंदर राहुल गांधी के बोलने से प्रधानमंत्री के लिए असहज स्थिति पैदा हो रही थी।
अलागिरी ने कहा कि राहुल गांधी ने संसद में चार सवाल गिनाए थे और अरबपति उद्योगपति गौतम अडानी से प्रधानमंत्री के रिश्ते के बारे में पूछा था। जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब यही भाजपा संसद में उनसे सवाल करती थी और वो सवालों से भागने की बजाय उनका जवाब देते थे। उन्होंने कहा, "दुनिया भर के तानाशाह अपनी मर्जी से कुछ भी करने में सक्षम हैं, जो कि अब यहां हो रहा है। हिटलर और मुसोलिनी ने भी ऐसा ही किया, जो अब मोदी कर रहे हैं।”
तमिलनाडु कांग्रेस ने कहा कि उसे पूरा भरोसा है कि कांग्रेस इसे जनांदोलन में बदल देगी क्योंकि अन्य राजनीतिक दल भी उन्हें समर्थन दे रहे हैं। अलागिरी ने कहा, "ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, प्रशांत किशोर जो हमारे साथ नहीं हैं। उन्होंने भी भाजपा के इस बदले की कार्रवाई की निंदा की है क्योंकि यह लोगों की राय है।"
वहीं तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके की बात करें तो उसके नेता आरएस भारती ने शिवगंगागी जिले में एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए कहा, "डीएमके अदालत के फैसले के 24 घंटे के भीतर राहुल गांधी को संसद से अयोग्य ठहराये जाने के फैसले की आलोचना करती है। मोदी के लिए अब बुरा समय शुरू हो गया है। मोदी सरकार के इस फैसले ने बता दिया है कि उनकी उलटी गिनती शुरू हो गई है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि राहुल गांधी की सांसदी फिर से बहाल हो और वो संसद में वापस अपनी जगह पर दिखाई दें।"
डीएमके प्रमुख और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को राहुल गांधी की संसद से अयोग्यता को "फासीवादी कृत्य" करार देते हुए कहा कि भाजपा भारत जोड़ो यात्रा के बाद राहुल गांधी से बहुत ज्यादा डर गई है।
तमिलनाडु में सत्ताधारी पार्टी डीएमके की प्रतिक्रिया से उलट तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष नारायणन थिरुपति ने राहुल गांधी की अयोग्यता पर कहा, "अगर उन्हें इतनी ही चिंता है तो कोर्ट से मिली सजा के खिलाफ उपरी अदालत में अपील करनी चाहिए थी। मुझे आश्चर्य है कि एक सांसद होने के नाते वह उस कानून से अनभिज्ञ हैं, जो यह कहता है कि जिस पल राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई गई, वह उसी वक्त संसद की सदस्यता से अयोग्य हो गये थे।