दो साल में राजद्रोह के मामले बढ़कर हुए दोगुने, झारखंड पहले स्थान पर, जानें NCRB आंकड़े में कौन सा राज्य किस नंबर पर

By पल्लवी कुमारी | Published: January 10, 2020 10:03 AM2020-01-10T10:03:01+5:302020-01-10T10:03:01+5:30

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार 2018 में समूचे देश में हर दिन औसतन हत्या की 80 घटनाएं, अपहरण की 289 घटनाएं और बलात्कार की 91 घटनाएं दर्ज की गईं।

NCRB data: Sedition cases doubled in two years, Jharkhand is top | दो साल में राजद्रोह के मामले बढ़कर हुए दोगुने, झारखंड पहले स्थान पर, जानें NCRB आंकड़े में कौन सा राज्य किस नंबर पर

दो साल में राजद्रोह के मामले बढ़कर हुए दोगुने, झारखंड पहले स्थान पर, जानें NCRB आंकड़े में कौन सा राज्य किस नंबर पर

Highlightsएनसीआरबी द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार यूएपीए के मामले भी बढ़े हैं। 2018 में में यूएपीए के 1,182 मामले दर्ज किए गए हैं।ओएसए के तहत 2017 में 18 मामले दर्ज किए गए जो 2018 में बढ़कर 40 हो गए।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत में 2016 से 2018 के बीच राजद्रोह के दर्ज हुए मामले दोगुने हो गए हैं। एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 2016 में राजद्रोह के 35 मामले दर्ज हुए थे जो 2018 में बढ़कर 70 हो गए है। राजद्रोह के केसों के मामलों में झारखंड सबसे टॉप यानी नंबर एक पर है। एनसीआरबी के आकड़ों के मुताबिक जम्मू कश्मीर में राजद्रोह के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है। 2017 में जम्मू-कश्मीर राजद्रोह के एक मामले दर्ज किए गए थे जो 2018 में 12 मामले दर्ज किए गए हैं। साल 2019 में जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दिया गया है। 2017 में राजद्रोह के 51 मामले दर्ज किए गए थे। 

देखें कौन से राज्य में कितने केस दर्ज हुए हैं? 

-झारखंड में 18 मामले दर्ज हुए हैं।
-असम में 17 मामले दर्ज हुए हैं। असम में लेकिन सबसे ज्यादा 27 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं। 
-केरल में 9 मामले दर्ज हुए हैं।
- मणिपुर में 4 मामले दर्ज हुए हैं। 

UAPA के मामलों में भी हुई बढ़ोतरी 

एनसीआरबी द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार यूएपीए के मामले भी बढ़े हैं। 2018 में में यूएपीए के 1,182 मामले दर्ज किए गए हैं। जबकि 2017 में यह मामले 901 थे। इसी तरह ओएसए के तहत 2017 में 18 मामले दर्ज किए गए जो 2018 में बढ़कर 40 हो गए। 2018 में ओएसए के तहत सबसे अधिक महाराष्ट्र 16 मामले दर्ज किए गए। वहीं यूपी में 7 और पंजाब में 5 मामले दर्ज हुए हैं। 

किस राज्य में यूएपीए के सबसे अधिक मामले हुए दर्ज

-असम में 308 मामले
-मणिपुर में 289 मामले 
- जम्मू-कश्मीर में 245 मामले 
 -झारखंड़ में 137 मामले


2018 में हर दिन औसतन 80 हत्याएं, 91 बलात्कार की घटनाएं हुईं

एनसीआरबी द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार 2018 में समूचे देश में हर दिन औसतन हत्या की 80 घटनाएं, अपहरण की 289 घटनाएं और बलात्कार की 91 घटनाएं दर्ज की गईं। आंकड़े के अनुसार 2018 में कुल 50,74,634 संज्ञेय अपराधों में 31,32,954 मामले भारतीय दंड संहिता के तहत और 19,41,680 मामले विशेष एवं स्थानीय कानून के तहत अपराध की श्रेणी में दर्ज किए गए जबकि 2017 में यह संख्या 50,07,044 थी। संज्ञेय अपराध या मामला वह होता है जिसके संबंध में पुलिस थाना प्रभारी मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना जांच कर सकता है और वारंट के बगैर गिरफ्तारी कर सकता है।

2018 और 2017 के दौरान हत्या के मामले में 1.3 का इजाफा हुआ। 2018 के दौरान हत्या के 29,017 मामले जबकि 2017 में 28,653 मामले दर्ज किए गए थे। आंकड़े के अनुसार 2018 के दौरान हत्या के मुख्य वजहों में 9,623 मामलों में ‘विवाद’, इसके बाद 3,875 मामलों में ‘निजी रंजिश या दुश्मनी’ और 2,995 मामलों में ‘फायदा हासिल करना’ रहा। 

एनसीआरबी के अनुसार 2018 में अपहरण के मामलों में 10.3 प्रतिशत का इजाफा हुआ और इस संबंध में 1,05,734 प्राथमिकीयां दर्ज की गईं जबकि 2017 में ऐसे 95,893 मामले दर्ज किए गए और 2016 में यह संख्या 88,008 रही। 2018 के आंकड़े के अनुसार अपहरण के कुल 1,05,536 (24,665 पुरूष और 80,871 महिलाएं) दर्ज किए गए जिनमें से 63,356 (15,250 पुरूष और 48,106 महिलाएं) बच्चे और 42,180 (9,415 पुरूष एवं 32,765 महिलाएं) वयस्क थे। 

एनसीआरबी के अनुसार 2018 के दौरान 92,137 अपहृत व्यक्तियों (22,755 पुरूष और 69,382 महिलाओं) को बरामद कर लिया जिनमें से 91,709 कसे जीवित और 428 को मृत बरामद किया गया। 2018 में ‘महिलाओं के खिलाफ अपराध’ की श्रेणी में 3,78,277 मामले दर्ज किए गए थे जो 2017 के 3,59,849 और 2016 के 3,38,954 मामलों से अधिक है। 2018 में आईपीसी की धारा 376 के तहत बलात्कार के मामलों की संख्या 33,356 रही। आंकड़े के अनुसार 2017 में बलात्कार के 32,559 मामले दर्ज किए गए थे जबकि 2016 में यह संख्या 38,947 थी।

एनसीआरबी के अनुसार 2017 (50,07,044 मामलों) की तुलना में अपराध की कुल संख्या में 1.3 प्रतिशत का इजाफा हुआ, प्रति लाख की आबादी पर अपराध दर में हालांकि 2017 (388.6) की तुलना में 2018 में (383.5) कमी आई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला एनसीआरबी भारतीय दंड संहिता और विशेष एवं स्थानीय कानून के तहत देश में अपराध के आंकड़ों को एकत्रित करने तथा विश्लेषण के लिए जिम्मेदार होता है। (पीटीआई इनपुट के साथ) 

Web Title: NCRB data: Sedition cases doubled in two years, Jharkhand is top

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