नाना पटोले पर भड़के शरद पवार, कहा-‘छोटे लोगों’ की बातों पर प्रतिक्रिया नहीं देते, अगर सोनिया गांधी कुछ कहती हैं तो बोलेंगे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 12, 2021 07:59 PM2021-07-12T19:59:52+5:302021-07-12T20:01:04+5:30
नाना पटोले से शिकायत की थी कि पुणे जिले के प्रभारी मंत्री और राकांपा नेता अजित पवार उनकी मदद नहीं करते और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को विभिन्न जिला समितियों में नियुक्त नहीं किया जा रहा है।
पुणेः राकांपा प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले पर हमला किया है। पटोले के बयान पर भड़क गए।
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले द्वारा पार्टी कार्यकर्ताओं से पुणे का प्रभारी मंत्री राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अजित पवार के स्थान पर ‘अपने आदमी’ को बनाने की कथित तौर पर बात करने के दो दिन बाद राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि वह ‘छोटे लोगों’ की बातों पर प्रतिक्रिया नहीं देते, अगर सोनिया गांधी कुछ कहती हैं तो वह बोलेंगे।
पवार ने पटोले द्वारा लोनावला में पुणे जिला कांग्रेस कमेटी की हुई बैठक में कथित तौर पर की गई टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर यह प्रतिक्रिया दी। सूत्रों के मुताबिक, कुछ स्थानीय पार्टी पदाधिकारियों ने पटोले से शिकायत की थी कि पुणे जिले के प्रभारी मंत्री और राकांपा नेता अजित पवार उनकी मदद नहीं करते और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को विभिन्न जिला समितियों में नियुक्त नहीं किया जा रहा है।
पटोले ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा था, ‘‘ पुणे का प्रभारी मंत्री कौन है? कोई बारामती का है। वह किसका काम कर रहे हैं, क्या वह हमारा काम कर रहे हैं? इस मुश्किल को अपनी ताकत बनाएं। मानसिक रूप से कमजोर नहीं हों। ऐसी ताकत प्राप्त करें, जिससे हमारा व्यक्ति वहां (प्रभारी मंत्री) नियुक्त हो जाए।’’
शरद पवार से जब पटोले द्वारा उनके भतीजे अजित पवार के बारे में की गई टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऐसे मामलों में नहीं पड़ना चाहता। वे छोटे लोग (कनिष्ठ)हैं। मैं उसके बारे में क्यों बोलूं। अगर (कांग्रेस अध्यक्ष) सोनिया गांधी कुछ बोलती हैं, तो मैं बोलूंगा।’’
पवार ने पटोले द्वारा भविष्य में कांग्रेस के अकेले चुनाव लड़ने को लेकर जताए जा रहे संकल्प को भी महत्व नहीं दिया। इस समय शिवसेना-कांग्रेस और राकांपा की महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार है। पवार ने कहा, ‘‘ प्रत्येक पार्टी का अधिकार है कि वह अपना जनाधार बढ़ाए, इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
शिवसेना ने वह रुख अपनाया, तो कांग्रेस ने भी वही किया। राकांपा ने भी वही रुख (पार्टी का आधार बढ़ाने का) अपनाया है।’’ उन्होंने कहा कि तीनों पार्टियां एकसाथ मिलकर सरकार चला रही हैं, लेकिन संगठन अलग-अलग है।
महाराष्ट्र में कांग्रेस के बढ़ते प्रभाव से शिवसेना, राकांपा में बेचैनी: पटोले
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने दावा किया है कि महा विकास आघाड़ी (एमवीए) में सहयोगी शिवसेना और राकांपा को लगता है कि उनकी पार्टी के बढ़ते प्रभाव के कारण उनके पैरों तले से जमीन खिसक रही है। पटोले ने सप्ताहांत के दौरान मुंबई से लगभग 125 किलोमीटर दूर एक हिल स्टेशन लोनावला में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस महाराष्ट्र में खुद को फिर से मजबूत कर रही है और इससे शिवसेना तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में बेचैनी है।
पटोले ने अपने भाषण में शिवसेना और राकांपा का नाम लिये बिना उनका जिक्र किया। कांग्रेस शिवेसना के नेतृत्व वाले तीन दलों के गठबंधन एमवीए की सरकार का हिस्सा है। उन्होंने यह संकेत देने की भी कोशिश की कि सरकार उनकी गतिविधियों पर नजर रख रही है। उन्होंने कहा, ''हर सुबह 9 बजे, राज्य में क्या हो रहा है, इस पर मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को खुफिया रिपोर्ट सौंपी जाती है।
कांग्रेस खुद को पुनर्जीवित कर रही है और रिपोर्ट उनके पैरों के नीचे की जमीन खिसका रही है। मैं यहां लोनावला में हूं और यह जानकारी उनके पास जाएगी।'' इस बीच, पटोले ने बाद में एक मराठी समाचार चैनल को बताया कि उनकी आवाजाही पर नजर रखने के उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया है। उन्होंने कहा, ''मैंने कोई टिप्पणी नहीं की है कि राज्य सरकार मुझ पर नजर रख रही है। मेरे आरोप केंद्र के खिलाफ थे। मैं मुंबई लौटने पर स्पष्टीकरण दूंगा।''