नवाब मलिक बेगुनाह नहीं, दाऊद की बहन से था लेनदेन, जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान ईडी ने अदालत से कहा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 15, 2022 07:02 AM2022-09-15T07:02:07+5:302022-09-15T07:22:03+5:30
नवाब मलिक ने 5 जुलाई को जमानत मांगी थी और उनके वकील ने तर्क दिया कि उनकी गिरफ्तारी से संकेत मिलता है कि धन शोधन के लिए उन पर मुकदमा चलाने के लिए कोई अपराध नहीं है।
मुंबईः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को यहां विशेष अदालत में कहा कि धनशोधन के मामले में गिरफ्तार महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक का भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पार्कर से लेनदेन था और उनके बेगुनाह होने का सवाल ही नहीं है।
ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल (एएसजी) अनिल सिंह ने यह तर्क मलिक की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान दिया और अदालत से अर्जी खारिज करने का अनुरोध किया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता मलिक (63) को ईडी ने दाऊद इब्राहिम और उसके गुर्गों से संबंधित गतिविधि की जांच से जुड़े धनशोधन के मामले में 23 फरवरी को गिरफ्तार किया था और इस समय वह न्यायिक हिरासत में हैं।
मलिक ने 5 जुलाई को जमानत मांगी थी और उनके वकील ने तर्क दिया कि उनकी गिरफ्तारी से संकेत मिलता है कि धन शोधन के लिए उन पर मुकदमा चलाने के लिए कोई अपराध नहीं है। हालांकि, ईडी ने अपनी चार्जशीट में दावा किया कि मलिक ने सितंबर 2005 में एक मनगढ़ंत पावर ऑफ अटॉर्नी का इस्तेमाल करते हुए, कुर्ला में गोवावाला कंपाउंड को हड़पने के लिए पारकर के साथ साजिश रची थी। चार्जशीट में दावा किया गया था कि भूमि से किराए और अन्य आय के माध्यम से उत्पन्न अपराध की आय राशि ₹15.99 करोड़ थी, जिसका इस्तेमाल आतंकी संगठनों के साथ सक्रिय सहयोग में आतंकी फंडिंग के लिए किया गया था।