नौसेना को जल्द मिलेगा पनडुब्बीरोधी कवरत्ती, रडार की पकड़ में नहीं आने वाले इस युद्धपोत से बढ़ेगी नौसेना की ताकत
By भाषा | Published: January 27, 2020 01:39 PM2020-01-27T13:39:22+5:302020-01-27T13:39:22+5:30
कवरत्ती’ उन चार पनडुब्बी रोधी युद्धपोतों में से अंतिम है जिनका निर्माण जीआरएसई ने परियोजना पी28 के तहत भारतीय नौसेना के लिए किया है। सक्सेना ने बताया, ‘‘इस पोत के सभी परीक्षण सफल रहे हैं और पूरे हो चुके हैं।
नौसेना को पनडुब्बीरोधी युद्धपोत आईएनएस कवरत्ती जल्द मिल सकता है। सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रम गार्डन रीच शिपबिल्डर्स ऐंड इंजीनियरर्स (जीआरएसई) के चेयरमैन सह प्रबंध निदेशक रियर एडमिरल वीके सक्सेना ने यह जानकारी दी।
रडार की पकड़ में नहीं आने वाले इस युद्धपोत से नौसेना की ताकत में इजाफा होगा। सक्सेना ने बताया कि ‘कवरत्ती’ उन चार पनडुब्बी रोधी युद्धपोतों में से अंतिम है जिनका निर्माण जीआरएसई ने परियोजना पी28 के तहत भारतीय नौसेना के लिए किया है। सक्सेना ने बताया, ‘‘इस पोत के सभी परीक्षण सफल रहे हैं और पूरे हो चुके हैं। हमारी इसे इस महीने के अंत तक सौंपने की योजना है।’’ कवरत्ती जीआरएसई द्वारा निर्मित 104वां पोत होगा।
उन्होंने बताया कि इसके 90 फीसदी घटक स्वदेश निर्मित हैं और नयी तकनीक की मदद से इसकी देखरेख की आवश्यकता भी कम होगी। रक्षा सूत्रों ने बताया कि पोत परमाणु, रासायनिक तथा जैविक युद्ध की स्थिति में भी काम करेगा। चार रडार रोधी और पनडुब्बी रोधी पोतों के नाम हैं आईएनएस कमोर्ता, आईएनएस कदमत और आईएनएस किलतान। ये नाम लक्षद्वीप द्वीपसमूह के द्वीपों के नाम पर रखे गए हैं।