एयर स्ट्राइक पर नवजोत सिंह सिद्धू ने फिर किया ट्वीट, मोदी सरकार के बारे में कही ये बड़ी बात
By पल्लवी कुमारी | Published: March 6, 2019 07:56 AM2019-03-06T07:56:59+5:302019-03-06T07:56:59+5:30
नवजोत सिंह सिद्धू ने एयर स्ट्राइक के बाद भी इस बात पर जोर दिया था कि सीमापार सक्रिय आतंकी संगठनों के संबंध में दीर्घकालिक समाधान खोजने के लिए बातचीत और कूटनीतिक दबाव अहम होगा।
भारत और पाकिस्तान के बीच पैदा तनाव के बीच, पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने सेना और नरेन्द्र मोदी सरकार को लेकर बड़ा बयान दिया है। नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि नरेन्द्र मोदी सरकार सेना का इस्तेमाल कर राजनीतिकरण कर रही है। नवजोत सिंह सिद्धू इससे पहले भी मोदी सरकार के पाकिस्तान के बालाकोट में हुए एयर स्ट्राइक पर सवाल उठा चुके हैं।
नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट कर कहा, ''सेना राज्य के समान पवित्र है! राजनीतिक उद्देश्यों के लिए शीर्ष संस्थानों का राजनीतिकरण करना बंद करें। सीबीआई को कठपुतली बनाया, आरबीआई को घुमाया, रॉ के गुप्त कार्यों को उजागर किया और न्यायपालिका की फटकार सुनी। भगवान के लिए लड़ाई लड़ने के लिए सेना छोड़ दें ... चुनाव नहीं!
Army is as sacred as the state!
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) March 5, 2019
Stop politicising the top institutions for political motives.
Made a puppet of CBI, arm-twisted the RBI, covert operations of RAW exposed and the judiciary’s reprimand.
For God sake leave the army to fight battles... not elections! pic.twitter.com/bzKjrYAR3v
नवजोत सिंह सिद्धू ने कुछ मीडिया रिपोर्ट की तस्वीरों के साथ एक और ट्वीट में कहा, 'आरबीआई, सीबीआई और रॉ का सियासी करन कर के, अब पवित्र फ़ौज़ के कंधों से सियासी तीर मत चलाओ प्रचार मंत्री जी, जवानों की शहादत का बदला आतंकवादियों से लेना था, पेड़ों और पहाड़ों से नहीं।'
Army is as sacred as the state!
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) March 5, 2019
आरबीआई, सीबीआई और रॉ का सियासी करन कर के,
अब पवित्र फ़ौज़ के कंधों से सियासी तीर मत चलाओ प्रचार मंत्री जी|
जवानों की शहादत का बदला आतंकवादियों से लेना था, पेड़ों और पहाड़ों से नहीं|
Press Conference of the judicary’s resentment was unprecedented. pic.twitter.com/Hn18oNPIyx
नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान के साथ बातचीत पर दिया जोर
नवजोत सिंह सिद्धू ने एयर स्ट्राइक के बाद भी इस बात पर जोर दिया था कि सीमापार सक्रिय आतंकी संगठनों के संबंध में दीर्घकालिक समाधान खोजने के लिए बातचीत और कूटनीतिक दबाव अहम होगा।
सिद्धू ने ‘वी हैव ए च्वाइस’ (हमारे पास विकल्प है) शीर्षक के दो पेज के बयान में कहा था, ''मैं अपने इस विश्वास के साथ खड़ा हूं कि सीमा के अंदर और इसके पार से संचालित आतंकी संगठनों की उपस्थिति और गतिविधियों का दीर्घकालिक समाधान खोजने में बातचीत और कूटनीति दबाव अहम भूमिका निभाएगा।''
उन्होंने कहा, ''आतंक का समाधान शांति, विकास और प्रगति है, बेरोजगारी, घृणा और भय नहीं।''
नवजोत सिंह सिद्धू ये बयान ऐसे समय दिया था जब उनके मित्र और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एयर स्ट्राइक के बाद शांति की बात की थी और सीमा पर बढते तनाव के बीच भारत को बातचीत का न्यौता दिया था।
पुलवामा में 14 फरवरी को पाकिस्तान के एक आतंकी संगठन के आत्मघाती हमले में 40 सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने की घटना की कड़ी निंदा करते हुए सिद्धू ने सवाल किया था कि क्या कुछ लोगों की गतिविधियों के लिए पूरे देश को जिम्मेदार ठहराया जा सकता। उनकी इस टिप्पणी की कई नेताओं ने आलोचना की थी।
पाकिस्तान के साथ बातचीत का माहौल नहीं, सिद्धू की राय व्यक्तिगत: कांग्रेस
कांग्रेस ने पाकिस्तान के साथ बातचीत की पैरवी करने संबंधी अपने नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बयान को ‘व्यक्तिगत’ बयान करार दिया था। कांग्रेस ने कहा था, इस्लामाबाद के साथ वार्ता करने के अनुकूल माहौल नहीं है।
पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यह भी कहा था कि पाकिस्तान पिछले चार दशकों से भारत के खिलाफ आतंकवाद को प्रोत्साहित करता रहा है और बातचीत से पहले इस आतंकवाद पर पूरी तरह विराम लगना चाहिए।
पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा था, कुछ बातें बिल्कुल साफ हैं। पिछले चार दशकों से पाकिस्तान, भारत के खिलाफ आतंकवाद प्रोत्साहित करता रहा है। उसका पहला भुक्त भोगी पंजाब था। 1980 से लेकर 1995 तक पंजाब ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को अपने जिस्म पर झेला था, हजारों बेगुनाह लोग उस आतंकवाद में मारे गए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक समय होता है बातचीत करने का, एक माहौल होता है बातचीत करने का, आज वो माहौल नहीं है। अगर सरदार नवजोत सिंह सिद्धू जी की कोई और राय है तो यह उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती है, वो कांग्रेस पार्टी की राय नहीं है।’’ (पीटीआई इनपुट के साथ)