नहीं सुलझा पंजाब कांग्रेस का मसला! सिद्धू ने फिर लिखी सोनिया गांधी को चिट्ठी, 13 मुद्दों का जिक्र कर मिलने का समय मांगा
By विनीत कुमार | Published: October 17, 2021 02:44 PM2021-10-17T14:44:51+5:302021-10-17T14:54:50+5:30
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक चिट्ठी लिखकर उनसे मिलने का समय मांगा है। अपनी चिट्ठी में सिद्धू ने 13 मुद्दों का भी जिक्र किया और इस पर चर्चा की बात कही है।
नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस में सबकुछ एक बार फिर ठीक लगता नजर नहीं आ रहा है। नवजोत सिंह सिद्धू ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर राज्य में शासन प्रणाली से जुड़े मुद्दे उठाए हैं और अगले साल विधानसभा चुनाव में पार्टी के कैंपेन के लिए 13 एजेंडों को रखने के लिए मुलाकात का समय भी मांगा है।
सिद्धू ने लिखा ये एजेंडे आने वाले चुनाव-2022 में पार्टी के घोषणापत्र का हिस्सा होना चाहिए। सिद्धू ने सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी को ट्विटर पर भी साझा किया है। इस पर तारीख 15 अक्टूबर की है। जाहिर है ये राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल से मुलाकात के अगले दिन की चिट्ठी है।
सिद्धू ने तब दोनों नेताओं से मुलाकात के बाद कहा था कि सब ठीक हो गया है। साथ ही उन्होंने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा वापस लेने की भी बात कही थी। ऐसे में दिलचस्प ये है कि चिट्ठी में सिद्धू ने खुद को अध्यक्ष नहीं बताया है।
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) October 17, 2021
सिद्धू ने चिट्ठी में क्या लिखा है?
सिद्धू द्वारा चिट्ठी में कांग्रेस अध्यक्ष से चरणजीत सिंह चन्नी सरकार को उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों को हल करने का निर्देश देने का अनुरोध करने की ओर इशारा करता है। इससे लगता है कि मुख्यमंत्री के साथ उनका झगड़ा जो कैबिनेट फेरबदल और नियुक्तियों को लेकर शुरू हुआ था, शायद अभी खत्म नहीं हुआ है।
चिट्ठी में सिद्धू कहत हैं- 'यह पंजाब के पुनरुत्थान का आखिरी मौका है।' सिद्धू आगे लिखते हैं कि एक समय में देश का सबसे अमीर राज्य पंजाब अब सबसे अधिक कर्ज में डूबा है।
इसके बाद सिद्धू बेअदबी के मामलों सहित पंजाब में ड्रग्स और नशीली दवाओं के मसले, कृषि मुद्दों, रोजगार के अवसरों, रेत खनन और पिछड़ी जातियों के कल्याण, बिजली और परिवहन सहित अन्य विषयों का जिक्र कर उन्हें जल्द से जल्द हल करने की आवश्यकता की बात कहते है।
बता दें कि सिद्धू को कैप्टन अमरिंदर सिंह की नाराजगी के बावजूद जुलाई में प्रदेश पार्टी अध्यक्ष बनाया गया था। विवाद इसके बाद लगातार बढ़ता रहा और सितंबर में अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद को चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। हालांकि सिद्धू ने चन्नी सरकार के आने के कुछ दिन बाद ही उनके कुछ फैसलों से नाराज होकर प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।