विपक्ष का सवाल- केवल 84 लाख परिवारों को ही क्यों आयुष्मान भारत के अधीन लाया गया?
By भाषा | Published: September 25, 2018 06:35 PM2018-09-25T18:35:38+5:302018-09-25T18:35:38+5:30
पीएम नरेन्द्र मोदी ने रविवार को प्रधानमंत्री जन अरोग्य योजना (पीएमजेएवाय) आयुष्मान भारत की शुरुआत की थी और इसे ‘‘गरीबी की किस्मत बदलने वाला’’ करार दिया था।
मुंबई, 25 सितंबर: राकांपा ने ‘‘महाराष्ट्र के केवल 84 लाख परिवारों को आयुष्मान भारत‘‘ स्वास्थ्य योजना में शामिल करने पर’’ मंगलवार को केंद्र पर हमला बोलते हुए राज्य के अन्य गरीब परिवारों की उनके द्वारा अनदेखी किए जाने पर चिंता जाहिर की।
एनसीपी नेता का ये है कहना
शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी ने राज्य की ‘महात्मा फुले जनारोग्य योजना’ का हवाला दिया जो गरीबी रेखा (बीपीएल) के नीचे के करीब 2.2 करोड़ परिवारों को सेवाएं सुनिश्चित करती है। वरिष्ठ एनसीपी नेता अजित पवार, धनंजय मुंडे, जयंत पाटिल, सुप्रिया सुले और नवाब मलिक ने अपने ट्विटर अकांउटों पर पूछा, ‘‘क्या सरकार ने गरीबी रेखा के नीचे वाले अन्य 1.25 करोड़ परिवारों को नजरअंदाज किया है?’’
नेताओं ने ‘‘पार्टी के 56-इंच के सीने वाले के लिए 56 प्रश्नों ’’ की मुहिम के तहत’’ इस मुद्दे को उठाया, जो स्पष्ट तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदर्भ में है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में चुनावी रैली के दौरान कहा था कि 56 इंच के सीने वाला व्यक्ति ही देश के समक्ष पेश समस्याओं का समाधान कर सकता है।
स्वास्थ्य योजना दुनिया भर के देशों के लिए उदाहरण
मोदी ने रविवार को प्रधानमंत्री जन अरोग्य योजना (पीएमजेएवाय) आयुष्मान भारत की शुरुआत की थी और इसे ‘‘गरीबी की किस्मत बदलने वाला’’ करार दिया था। उन्होंने कहा था कि यह स्वास्थ्य योजना दुनिया भर के देशों के लिए एक उदाहरण पेश करेगी। यह महत्वाकांक्षी योजना देश के 50 करोड़ से अधिक लोगों को पांच लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा प्रदान करेगी।