राष्ट्रवाद ही आज की अर्थव्यवस्था का सबसे सफल मॉडल है!

By विकास कुमार | Published: February 9, 2019 06:23 PM2019-02-09T18:23:24+5:302019-02-09T18:47:32+5:30

पूरी दुनिया में आज राष्ट्रवाद का आर्थिक मॉडल ट्रेंड कर रहा है. भारत के कॉर्पोरेट लीडर भी इस नव आर्थिक मॉडल को अपनाकर दुनिया के साथ कदमताल करना चाहते हैं, क्योंकि ग्लोबल मंदी की इस दौर में राष्ट्रवाद ही अर्थव्यवस्था का सबसे सफल मॉडल है.

Nationalism is the ultimate model of economy, Mukesh Ambani, Baba Ramdev and Arnab Goswami | राष्ट्रवाद ही आज की अर्थव्यवस्था का सबसे सफल मॉडल है!

राष्ट्रवाद ही आज की अर्थव्यवस्था का सबसे सफल मॉडल है!

पूरी दुनिया में इस वक्त राष्ट्रवाद उफान पर है. अमेरिका से लेकर भारत और रूस से लेकर तुर्की तक, राष्ट्रवादी सरकारें सत्ता में हैं. किसी भी देश का आर्थिक मॉडल वहां के राजनीतिक सत्ता के इर्द-गिर्द ही घूमती है. चीन में जितने भी सफल व्यापारी हैं उनका देश की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति किसी न किसी रूप में झुकाव है. अलीबाबा के फाउंडर जैक मा भी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य हैं. बिज़नेस मॉडल का संरक्षण राजनीतिक सत्ता के तले होना चीन में कोई नई बात नहीं है, तभी तो चीन के बैंक चीनी सरकार के प्रोजेक्ट 'वन बेल्ट वन रोड' के तहत सबसे ज्यादा लोन बांट रहे हैं.  

भारत में सफल कॉर्पोरेट लीडर्स को भी ये बात समझ में आ गई है कि अगर अपने बिज़नेस को ग्लोबल बनाना है तो राष्ट्रवादी एप्रोच को अपनाना होगा. जियो के साथ टेलिकॉम सेक्टर में क्रांति लाने वाले मुकेश अंबानी अब डेटा कॉलोनाईजेशन की बात कर रहे हैं. उन्होंने देश की डिजिटल संपदा को विदेशों में रखने के कारण इसे एक खतरनाक ट्रेंड बताया था.

मुकेश अंबानी का राष्ट्रवाद 

हाल ही में हुए वाइब्रेंट गुजरात समिट में एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी ने एक नई तरह की वैश्विक गुलामी का खाका पेश किया. उन्होंने अपने संबोधन में डेटा कॉलोनाईजेशन की तुलना 1947 के पहले की ब्रिटिश कॉलोनाईजेशन से की और इस संदर्भ में उन्होंने महात्मा गांधी का भी जिक्र किया. मुकेश अंबानी इससे पहले भी कई मौकों पर डेटा के महत्व को रेखांकित कर चुके हैं. रिलायंस जियो के एक कार्यक्रम में अंबानी ने 'डेटा इज द न्यू आयल' का नव आर्थिक मॉडल देश के सामने पेश किया था. उनके इस बयान के बाद ही ये अंदाजा लगाया जाने लगा था कि उनका इरादा अब फिनटेक या ई-कॉमर्स मार्केट में उतरने का है. 

डेटा कॉलोनाईजेशन बनाम ब्रिटिश कॉलोनाईजेशन

मुकेश अंबानी ने भी जल्द ही यह एलान कर दिया कि रिलायंस ई-कॉमर्स के क्षेत्र में उतरने जा रही है. वाइब्रेंट गुजरात समिट में उन्होंने गुजरात को रिलायंस के इस नए आर्थिक सफर के लिए चुना है. उनके मुताबिक, रिलायंस के ई-कॉमर्स क्षेत्र में उतरने के कारण अकेले गुजरात में 12 लाख दुकानदारों को इसका फायदा होगा. मुकेश अंबानी रिलायंस जियो की सफलता के बाद ई-कॉमर्स क्षेत्र में अमेज़न और वालमार्ट की मोनोपॉली को तोड़ना चाहते हैं. सरकार ने हाल ही में नई ई-कॉमर्स नीति का एलान किया है. इसमें विदेशी कंपनियों के लिए एक्सक्लूसिव डील के साथ कई और आकर्षक पहलूओं पर रोक लगा दी गई है. इसके बाद से ही अमेज़न और वालमार्ट के बीच भारतीय रिटेल बाजार को लेकर शंका बढ़ गई है. 

मुकेश अंबानी के पास रिलायंस जियो के रूप में विशाल डेटाबेस मौजूद है. देश भर में रिलायंस के 10000 रिटेल स्टोर होने के कारण उन्हें ई-कॉमर्स मार्केट को भुनाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा. डेटा कॉलोनाईजेशन की तुलना ब्रिटिश कॉलोनाईजेशन से कर उन्होंने देश के राष्ट्रवादी आर्थिक मॉडल का सामंजस्य अपने बिज़नेस मॉडल के बैठाने की कोशिश की है. मुकेश अंबानी 48 बिलियन डॉलर की संपति के साथ एशिया के सबसे अमीर आदमी हैं और उनकी मंशा अब अमेरिका और यूरोप के मार्केट में रिलायंस को उतारने का है. 

पतंजलि एक सफल मॉडल 

राष्ट्रवाद के रास्ते सबसे सफल बिज़नेस मॉडल की स्थापना का श्रेय बाबा रामदेव को जाता है. देश के लोगों में राष्ट्रवाद की अलख जगाकर पतंजलि का वैकल्पिक मॉडल देना बाबा रामदेव की सफलता का सबसे बड़ा फैक्टर है. आज पतंजलि का टर्नओवर 15 हजार करोड़ को पार कर चुका है. बाबा रामदेव के मुताबिक, उनकी कंपनी ने 1 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और 5 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मुहैया करवाया है. इसके साथ ही उनके साथ 1 करोड़ किसान जुड़े हैं और भविष्य में इसे 5 करोड़ करने का लक्ष्य रखा गया है. 

मीडिया भी नहीं है अछूती 

मीडिया क्षेत्र का सबसे बड़ा नाम अर्नब गोस्वामी आज कल राष्ट्रवाद को लेकर कुछ ज्यादा ही भावुक दिखते हैं. उनके इंग्लिश और हिंदी चैनल का नाम भी कहीं न कहीं भारतीय राष्ट्रवाद से प्रभावित दिखता है. दरअसल मोदी सरकार के आने के बाद से ही देश में राष्ट्रवाद की गंगा बह रही है जिसके कारण न्यूज़ बिज़नेस के कुछ बड़े चेहरों ने देश में चल रहे वैचारिक परसेप्शन को अपने बिज़नेस मॉडल का हिस्सा बना लिया ताकि मुनाफे के साथ-साथ राष्ट्रवादी छवि को भी मजबूत किया जा सके. 

पूरी दुनिया में आज राष्ट्रवाद का आर्थिक मॉडल ट्रेंड कर रहा है. भारत के कॉर्पोरेट लीडर भी इस नव आर्थिक मॉडल को अपनाकर दुनिया के साथ कदमताल करना चाहते हैं, क्योंकि ग्लोबल मंदी की इस दौर में राष्ट्रवाद ही आज की अर्थव्यवस्था का सबसे सफल मॉडल है.  
 

English summary :
In these days Nationalism is the ultimate model of economy. Mukesh Ambani raise the issue of Data colonisation in Vibrant Gujrat summit. he compared data colonisation with British colonisation. Mukesh Ambani has announced, Reliance is going to launch e-commerce platform in the country. and Modi Government new e-commerce policy is going to help his project. Baba Ramdev is the most relevant example of nationalist economic model. media is also not untouchable, Arnab Goswami nationalistic approach is trending in recent days. In the era of global down slide of economy Nationalism is the most relevant and ultimate model of economy.


Web Title: Nationalism is the ultimate model of economy, Mukesh Ambani, Baba Ramdev and Arnab Goswami

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