"भारत माता की जय" का दुरुपयोग, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह बोले- लोगों ने इतिहास नहीं पढ़ा, नेहरू की छवि खराब करने की कोशिश
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 22, 2020 07:34 PM2020-02-22T19:34:49+5:302020-02-22T19:38:47+5:30
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देश भर में जारी प्रदर्शनों के बीच कहा कि भारत में उदार लोकतंत्र की संस्थाओं को मजबूत करने और उनके द्वारा संविधान की दृढ़तापूर्वक रक्षा किए जाने की जरूरत है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा कि राष्ट्रवाद का गलत फायदा उठाया जा रहा है। लोगों ने इतिहास नहीं पढ़ा है और वे जवाहरलाल नेहरू की छवि खराब करने की कोशिश करते हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देश भर में जारी प्रदर्शनों के बीच कहा कि भारत में उदार लोकतंत्र की संस्थाओं को मजबूत करने और उनके द्वारा संविधान की दृढ़तापूर्वक रक्षा किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि युवा लोगों ने हाल में देश को याद दिलाया कि देश की आजादी प्रबुद्ध नागरिकों के हाथ में सुरक्षित है और वह भी तब जब यह सबके लिए समान रूप से हो।
उन्होंने कहा कि वर्षों तक विकसित इन संस्थानों को मजबूत करने और उन्हें संविधान की रक्षा में लगाए रखने की जरूरत है। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि वास्तव में आजादी का विचार हमारे लोगों के जीवन में तभी आकार ले सकता है, जब कानून के तहत वे सभी समान नागरिक की तरह जिएं। उनकी यह टिप्पणी संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ तेज होते विरोध और केरल सरकार के सीएए के खिलाफ उच्चतम न्यायालय चले जाने के बीच आई है।
Manmohan Singh:Jawaharlal Nehru was not only statesman of high international standing but historian&literary figure too. But ppl who don't have patience to read history or would like to be deliberately guided by their prejudices are trying their best to picture him in false light pic.twitter.com/PHaTr4fLMw
— ANI (@ANI) February 22, 2020
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ मैं कुछ ऐसे मुद्दे उठाना चाहता हूं जो आज युवाओं से जुड़े हैं। शिक्षा पर इतना सारा पैसा खर्च करने के बाद भी उन्हें रोजगार के लिए भटकना पड़ता है। यह शर्म की बात है।’’ मशहूर अर्थशास्त्री सिंह ने यह भी कहा कि दिल्ली में बेरोजगारी की दर पिछले चार महीने में 15 फीसद थी जो अन्य स्थानों की तुलना में बहुत ज्यादा है।