राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाएगा: मोदी

By भाषा | Published: February 26, 2021 02:38 PM2021-02-26T14:38:06+5:302021-02-26T14:38:06+5:30

National Medical Commission will bring comprehensive changes in the field of medical education and health: Modi | राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाएगा: मोदी

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाएगा: मोदी

चेन्नई, 26 फरवरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यापक बदलाव ला रही है तथा राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) इन क्षेत्रों में बहुत पारदर्शिता लेकर आएगा।

प्रधानमंत्री ने चिकित्सा क्षेत्र के विद्यार्थियों से प्रसन्‍नचित्त रहने और हास्य रस को बनाए रखने का आग्रह किया और कहा कि इससे मरीजों को खुश रखने के साथ-साथ उनका मनोबल बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

यहां स्थित एमजीआर चिकित्सा विश्वविद्यालय के 33वें दीक्षांत समारोह को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए मोदी ने यह भी कहा कि भारत ने स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में न केवल नई राह बनाई है, बल्कि इस राह पर दूसरे देशों की भी मदद की है।

उन्‍होंने कहा कि भारत के स्‍वास्‍थ्‍य ढांचे को आज पूरे विश्व में नए नजरिए, नये सम्‍मान और नई विश्‍वसनीयता के साथ देखा जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम पूरे चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यापक बदलाव ला रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि एनएमसी के गठन से इस क्षेत्र में पारदर्शिता आएगी और यह नए चिकित्सा कॉलेजों की स्थापना को तर्कसंगत बनाएगा।

एनएमसी विधेयक वर्ष 2019 में संसद के दोनों सदनों से पारित हुआ था और पिछले साल ही यह अस्तित्व में आया। इस आयोग के गठन का उद्देश्य भारतीय चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता लाने और गुणवत्तापूर्ण तथा उत्तरदायी व्यवस्था बनाना है।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे इस क्षेत्र में मानव संसाधन की उपलब्धता और उसकी गुणवत्ता में सुधार आएगा।’’

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के वर्तमान कालखंड में भारत के स्वास्थ्य ढांचे को दुनिया भर में नए नजरिए, नए सम्मान और नई विश्वसनीयता के साथ देखा जा रहा है और ऐसे में चिकित्सकों की जिम्मेदारी भी बहुत बढ़ जाती है।

उन्होंने कहा, ‘‘आप सब ऐसे समय में स्नातक की उपाधि हासिल कर रहे हैं जब भारतीय चिकित्सा जगत के पेशेवरों, वैज्ञानिकों और फार्मा जगत के पेशेवरों को सम्मान के नजरिए से देखा जा रहा है। कुल मिलाकर भारत के पूरे स्वास्थ्य ढांचे को नए नजरिए, नए सम्मान और नई विश्वसनीयता के साथ देखा जा रहा है।’’

उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह भी है कि देश के युवा चिकित्सकों के कंधों पर जिम्मेदारी को बोझ भी बढ़ा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले छह वर्षों के दौरान एमबीबीएस सीटों में 30 हजार से अधिक की वृद्धि हुई, जो 2014 की संख्या से 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है। इसी प्रकार एमबीबीएस की स्नातकोत्तर सीटों की संख्या में 24 हजार की वृद्धि हुई जो 2014 की संख्या से लगभग 80 प्रतिशत की वृद्धि है।

उन्होंने कहा कि 2014 में देश में सिर्फ छह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान थे जबकि पिछले छह वर्षों में केंद्र सरकार ने देश भर में 15 और एम्स को मंजूरी दी है।

मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने तमिलनाडु में 11 नये चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना को मंजूरी दी है और ये नए नए महाविद्यालय उन जिलों में खोले जाएंगे जहां फिलहाल कोई चिकित्सा महाविद्यालय नहीं है।

इस दौरान तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित भी उपस्थित थे।

दीक्षांत समारोह में 21,000 से अधिक छात्रों को डिग्री और डिप्लोमा उपाधियां प्रदान की गई।

एमजीआर विश्वविद्यालय तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम जी रामचंद्रन के नाम पर रखा गया है। यह पहला मौका था जब देश के प्रधानमंत्री ने इस विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया।

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