नेशनल कांफ्रेंस की पीएम मोदी से अपीलः जम्मू कश्मीर के लोगों से सीधा संवाद करे केंद्र सरकार

By भाषा | Published: December 15, 2019 03:58 PM2019-12-15T15:58:31+5:302019-12-15T15:58:31+5:30

नेशनल कांफ्रेंस के पार्टी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की हिरासत तीन महीने और बढ़ाने की आलेाचना करते हुए कहा कि उनके जैसे नेता को हिरासत में रखना मुख्यधारा की राजनीतिक विचारधारा को नियंत्रित करना है।

National Conference appeals to PM Modi: Central Government should communicate directly with the people of Jammu and Kashmir | नेशनल कांफ्रेंस की पीएम मोदी से अपीलः जम्मू कश्मीर के लोगों से सीधा संवाद करे केंद्र सरकार

नेशनल कांफ्रेंस की पीएम मोदी से अपीलः जम्मू कश्मीर के लोगों से सीधा संवाद करे केंद्र सरकार

नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वह केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया को बहाल करने के लिए लोगों से सीधा संवाद की पहल करें। नेशनल कांफ्रेंस के पार्टी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की हिरासत तीन महीने और बढ़ाने की आलेाचना करते हुए कहा कि उनके जैसे नेता को हिरासत में रखना मुख्यधारा की राजनीतिक विचारधारा को नियंत्रित करना है।’’

राज्य अध्यक्ष देवेंद्र सिंह राणा ने यहां पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री से क्षेत्र के विभिन्न लोगों से सीधी बात शुरू करने की अपील करते हैं, जिनकी अपेक्षाए हैं ताकि जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया की बहाली सुनिश्चित हो सके।’’ राज्य के पूर्व मंत्रियों और पार्टी के सहयोगियों के साथ पत्रकारों को संबोधित करते हुए राणा ने कहा कि जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र के विकास और मजबूती के लिए संवाद प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। हिरासत में लिए गए सभी नेताओं को तुंरत रिहा करने की मांग करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ हम मानते हैं कि मुख्य धारा के नेताओं को हिरासत में लिए जाने की वजह से कश्मीर में राजनीतिक खालीपन आ गया है और यह न तो भारत के और न ही जम्मू कश्मीर के हित में है।’’

राणा ने अब्दुल्ला पर जनसुरक्षा कानून लगाने को ‘‘ असंवैधानिक और गैर कानूनी करार दिया।’’ उन्होंने कहा कि अब्दुल्ला को खुद को भरोसेमंद राष्ट्रवादी साबित करने के लिए किसी प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं। उन्होंने कहा, ‘‘ उनकी हिरासत उनके राष्ट्रवादी गुण को चुनौती है। अब्दुल्ला वह व्यक्ति हैं जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ जिनेवा में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेता वाजपेयी ने कहा था कि उनसे बड़ा कोई राष्ट्रवादी नहीं है।’’

नेकां प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी ने हमेशा लोकतंत्र और इसके मूल्यों का सम्मान किया। उन्होंने कहा, ‘‘नेकां के संस्थापक शेख अब्दुल्ला दो देश सिद्धांत को खारिज कर भारत, उसके संविधान, धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक राजनीतिक व्यवस्था के साथ आए और हमेशा इसका सम्मान किया।’’

उपराज्यपाल जीसी मुर्मू द्वारा केंद्रशासित प्रदेश में जल्द विधानसभा चुनाव कराने का समर्थन करने पर राणा ने कहा, ‘‘जब स्थिति सामान्य हैं तो अब्दुल्ला जैसे नेता और तीन बार के मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री और पांच बार के सांसद को हिरासत में क्यों रखा गया है।’’

राणा ने कहा, ‘‘अगर नेकां और अब्दुल्ला शांति के लिए खतरा हैं तो मैं मानता हूं कि ऐसा कोई नहीं है जो शांति और लोकतंत्र को आगे ले जा सके।’’ उन्होंने रेखांकित किया कि उमर अब्दुल्ला ने हिरासत में लिए जाने से कुछ घंटे पहले ट्वीट कर शांति की अपील की थी। अनुच्छेद-370 और 35 ए को हटाने के बारे में पूछे जाने पर राणा ने कहा कि पार्टी का रुख बहुत स्पष्ट है कि नेताओं की रिहाई के बाद कार्यसमिति की बैठक होगी और उसमें आगे की रणनीति पर फैसला किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी कार्यसमिति के 60 फीसदी सदस्य हिरासत में हैं। उनकी रिहाई के बाद अब्दुल्ला कार्यसमिति की बैठक बुलाएंगे और आगे की रणनीति पर चर्चा होगी और उसकी घोषणा की जाएगी। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पांच अगस्त से ही हिरासत में हैं।

Web Title: National Conference appeals to PM Modi: Central Government should communicate directly with the people of Jammu and Kashmir

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