‘चंद्रयान-2’ से नासा इंजीनियर प्रभावित, कहा- भारतीय वैज्ञानिकों के लिए एक ‘सीखने वाला अनुभव’ रहा

By भाषा | Published: September 26, 2019 04:24 PM2019-09-26T16:24:59+5:302019-09-26T16:24:59+5:30

नासा की जेट प्रणोदन प्रयोगशाला (जेपीएल) में कार्यरत एनी डेवरॉक्स अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के मंगल मिशन 2020 से जुड़ी अग्रणी उड़ान प्रणाली इंजीनियर हैं। डेवरॉक्स ने बुधवार को यहां अमेरिकन सेंटर में कहा, ‘‘भारतीय वैज्ञानिकों ने बहुत अच्छा काम किया। काफी अधिक सूचना जुटाई गई। ऑर्बिटर सफल रहा है।’’

NASA engineer impressed with 'Chandrayaan-2', said- was a 'learning experience' for Indian scientists | ‘चंद्रयान-2’ से नासा इंजीनियर प्रभावित, कहा- भारतीय वैज्ञानिकों के लिए एक ‘सीखने वाला अनुभव’ रहा

‘चंद्रयान-1’ मिशन सफल रहा था जिसने चांद पर पानी की महत्वपूर्ण मौजूदगी की पुष्टि की थी। 

Highlightsउन्होंने कहा, ‘‘यह भारतीय वैज्ञानिकों के लिए एक सीखने वाला अनुभव है। हम विफलताओं से सीखते हैं।’’ डेवरॉक्स ने कहा कि यहां तक कि उनके पति भी उस दिन जेपीएल से भारत के ‘चंद्रयान-2’ के लैंडर पर नजर रखे हुए थे।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ‘नासा’ में यान प्रणाली से जुड़ी एक इंजीनियर ने कहा है कि हालिया ‘चंद्रयान-2’ मिशन भारतीय वैज्ञानिकों के लिए एक ‘‘सीखने वाला अनुभव’’ रहा है क्योंकि इसने चंद्रमा के बारे में काफी अधिक जानकारी जुटाने में इसरो की मदद की है।

नासा की जेट प्रणोदन प्रयोगशाला (जेपीएल) में कार्यरत एनी डेवरॉक्स अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के मंगल मिशन 2020 से जुड़ी अग्रणी उड़ान प्रणाली इंजीनियर हैं। डेवरॉक्स ने बुधवार को यहां अमेरिकन सेंटर में कहा, ‘‘भारतीय वैज्ञानिकों ने बहुत अच्छा काम किया। काफी अधिक सूचना जुटाई गई। ऑर्बिटर सफल रहा है।’’

उल्लेखनीय है कि ‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ का सात सितंबर को तड़के चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के प्रयास के दौरान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया था। लैंडर के भीतर ही रोवर ‘प्रज्ञान’ बंद था जिसे चांद की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोग करने थे। यह पूछे जाने पर कि ‘चंद्रयान-2’ के लैंडर के साथ क्या हुआ होगा, नासा की इंजीनियर ने कहा, ‘‘यह पता लगाना इसरो के वैज्ञानिकों का काम है कि क्या गड़बड़ी हुई।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह भारतीय वैज्ञानिकों के लिए एक सीखने वाला अनुभव है। हम विफलताओं से सीखते हैं।’’ डेवरॉक्स ने कहा कि यहां तक कि उनके पति भी उस दिन जेपीएल से भारत के ‘चंद्रयान-2’ के लैंडर पर नजर रखे हुए थे, लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने संदेश भेजा, ‘‘अब मुझे यह दिखाई नहीं दे रहा।’’ उन्होंने कहा कि ‘चंद्रयान-1’ मिशन सफल रहा था जिसने चांद पर पानी की महत्वपूर्ण मौजूदगी की पुष्टि की थी। 

Web Title: NASA engineer impressed with 'Chandrayaan-2', said- was a 'learning experience' for Indian scientists

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